पूरी दुनिया में इस वक्त करीब 12,000 न्यूक्लियर बम मौजूद हैं, और ये सभी सिर्फ 9 देशों के पास हैं. इनमें सबसे ज्यादा बम रूस के पास हैं, इसके बाद अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और उत्तर कोरिया जैसे देश शामिल हैं. पहले यह संख्या 10 थी, लेकिन साउथ अफ्रीका ऐसा इकलौता देश है जिसने खुद अपने परमाणु हथियार नष्ट कर इस होड़ से खुद को बाहर कर लिया.
संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुताबिक दुनिया में इस समय 193 देश हैं. इसके अलावा 12 ऐसे देश हैं जो UN के सदस्य नहीं हैं, जिससे कुल संख्या 205 होती है. लेकिन इन 205 देशों में से सिर्फ 9 देश ऐसे हैं जिनके पास परमाणु हथियार हैं. इसका मतलब यह हुआ कि दुनिया की आबादी पर नियंत्रण सिर्फ इन 9 देशों के हाथों में है.
परमाणु तबाही की शुरुआत और इतिहास
दुनिया का पहला परमाणु बम 1945 में अमेरिका ने बनाया. फिर इसी साल हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिराकर इसका इस्तेमाल भी कर लिया गया. इसके बाद 1949 में सोवियत यूनियन दूसरा परमाणु संपन्न देश बना. फिर ब्रिटेन (1952), फ्रांस (1960) और चीन (1964) इस होड़ में शामिल हुए. भारत ने 1974 में 'स्माइलिंग बुद्धा' नाम से पहला परमाणु परीक्षण किया और सातवें स्थान पर आया. इसके बाद पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी परमाणु परीक्षण किए.
सबसे खतरनाक बम: डेड हैंड डिवाइस
दुनिया में एक ऐसा खतरनाक बम भी है जिसे 'डेड हैंड' या 'डूम्स डे डिवाइस' कहा जाता है. यह इतना शक्तिशाली है कि अगर इसका इस्तेमाल हो गया, तो पूरी दुनिया को कुछ ही पलों में बर्बादी की कगार पर पहुंचा सकता है.
परमाणु बम बनाने की कतार में कई देश
हालांकि, सिर्फ 9 देश ही परमाणु संपन्न हैं, लेकिन कई देश अब भी न्यूक्लियर ताकत बनने की कोशिश कर रहे हैं. इनमें ईरान, अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे देश सबसे करीब बताए जा रहे हैं. जापान के पास भी पूरी तकनीक है, लेकिन वह फिलहाल इससे दूर है.
सिर्फ 500 बम से मिट सकती है पूरी दुनिया
जानकारों के मुताबिक, सिर्फ 500 न्यूक्लियर बम ही इस दुनिया के 7 अरब लोगों को खत्म करने के लिए काफी हैं. यही डर सबसे बड़ा है – और सबसे खतरनाक भी. नीचे देखिए शम्स ताहिर खान की पूरी रिपोर्ट.