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असम हिंसा में मरने वालों की संख्या 44 हुई

असम के चार जिलों में बोडो और अल्पसंख्यक प्रवासियों के बीच हिंसा गुरुवार को सातवें दिन भी जारी रही जिसमें अब तक 44 लोगों की जा जा चुकी है.

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असम के चार जिलों में बोडो और अल्पसंख्यक प्रवासियों के बीच हिंसा गुरुवार को सातवें दिन भी जारी रही जिसमें अब तक 44 लोगों की जा जा चुकी है.

उधर, राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि स्थिति सुधर रही है. उन्‍होंने असम की तस्वीर जलते हुए राज्य के रूप में दिखाए जाने के लिए मीडिया की आलोचना की.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अशांति रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों एवं स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को असम का दौरा करेंगे.

कोकराझार जिले में अनिश्चिकालीन कर्फ्यू जारी है और वहां उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश प्रभावी हैं. चिरांग और धुबरी जिलों में रात का कर्फ्यू लगा है. करीब नौ लाख लोगों ने 150 राहत शिविरों में शरण ले रखी है. 11 लोग लापता हैं.

दो दिन तक पूरी तरह बाधित रहने वाली ट्रेन सेवा शुरू हो चुकी है. विभिन्न स्थानों पर फंसे यात्रियों को लेने के लिए गुवाहाटी से दिल्ली, कोलकाता और बेंगलूर के लिए तीन विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं.

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गुरुवार सुबह यहां पहुंचे गोगोई ने कहा कि चिरांग जिले से तीन तथा धुबरी जिले से एक और व्यक्ति की मौत की खबर मिलने के साथ ही मरने वालों की संख्या 44 हो गई है, जबकि 11 अब भी लापता हैं. उन्होंने बताया कि हिंसा में दो लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं.

पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) एलआर बिश्नोई ने कहा कि अज्ञात शरारती तत्वों के हमले में कोकराझार जिले के कार्यकारी मजिस्ट्रेट विपुल सैकिया घायल हो गए और उनका वाहन क्षतिग्रस्त कर दिया गया. हमले के वक्त वह जिले के भोटगांव कांचीपाड़ा क्षेत्र स्थित राहत शिविर का दौरा करने जा रहे थे.

यह दावा करते हुए कि ‘असम जल नहीं रहा है’, गोगोई ने स्वीकार किया कि शुरू में सुरक्षा में ढिलाई रही और कहा कि सेना सहित पर्याप्त सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है. उन्होंने मीडिया की यह कहकर आलोचना की कि इसका एक तबका असम को ‘जलते हुए’ राज्य के रूप में पेश कर रहा है.

नाराज गोगोई ने कहा, ‘असम में 28 जिले हैं और हिंसा केवल चार जिलों में है. क्या इसका मतलब यह है कि समूचा राज्य जल रहा है.’ उन्होंने मीडिया से संयम बरतने तथा अपना दायित्व जिम्मेदारी के साथ निभाने को कहा.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना की तैनाती ने हिंसा को शांत कर दिया. हालांकि, पूरी तरह सामान्य स्थिति बहाल होनी अभी बाकी है. उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि तीन-चार दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी.’ उन्होंने कहा कि कोकराझार, चिरांग और धुबरी में स्थिति के अनुसार कर्फ्यू में चरणबद्ध तरीके से ढील जाएगी.

वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में स्थिति की समीक्षा करने के बाद गोगोई ने दावा किया, ‘यह जातीय हिंसा नहीं, बल्कि शरारती तत्वों का कृत्य है और दोषी लोगों को दंडित करने के लिए कानून के अनुसार कड़े कदम उठाए जाएंगे.’ इन खबरों पर कि प्रभावित लोग पश्चिम बंगाल का रुख कर रहे हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है और उन्हें उनके घरों पर सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे.

यहां पहुंचने के बाद गोगोई ने बीटैड (बोडोलैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्टिर्ड डिस्ट्रिक्ट्स) के अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक की. बैठक में पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे.

उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को छह-छह लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने तथा बेघर हुए लोगों को घर मुहैया कराने की भी घोषणा की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों को वित्तीय एवं चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा और प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रभावित छात्रों की शिक्षा का खर्च भी सरकार वहन करेगी.

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इस बीच, ट्रेन सेवा पूरी तरह शुरू हो गई. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, ‘राजधानी एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस और कामरूप एक्सप्रेस सुबह गुवाहाटी से समय पर रवाना हुईं.’ मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द शांति बहाली के लिए आल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट, आल बोडो माइनोरिटी स्टूडेंट्स यूनियन सहित विभिन्न संगठनों के साथ भी बैठक की.

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