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पिता के अंतिम संस्कार के लिए मांगी छुट्टी, Boss बोली- कुछ भी हो, लेकिन काम पर...

रेडिट पर एक महिला ने अपने साथ हुए किस्से को शेयर किया है.ये हैरान करने वाला है. इसमें महिला ने बताया है कि कैसे उसे अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए दफ्तर से छुट्टी मांगने पर अपनी बॉस से बुरी तरह जवाब मिला.

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सांकेतिक तस्वीर (pexels)
सांकेतिक तस्वीर (pexels)

कई बार लोग काम को लेकर इस कदर प्रोफेश्नल हो जाते हैं कि संवेदनहीन हो जाते हैं.हाल में एक महिला ने अपने साथ हुए ऐसे ही किस्से को रेडिट पर शेयर किया है.ये हैरान करने वाला है.महिला ने बताया कि कैसे उसे अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए दफ्तर से छुट्टी मांगने पर अपनी बॉस से बुरी तरह जवाब मिला.उसने अपनी बॉस के मैसेज का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट के साथ शेयर किया है.
 
उसने लिखा- “मेरे पिता 25 जनवरी से 10 फरवरी तक आईसीयू में थे और फिर कुछ ही दिन में उनका निधन हो गया उनके आईसीयू में रहते हुए पहले ही जब मुझे एहसास हुआ कि चीजें बेहतर नहीं हो रही हैं, तो मैंने फोन किया और अपनी बॉस को बताया कि मैं एक सप्ताह की छुट्टी ले रही हूं. लेकिन पिता की मृत्यु से कुछ दिन पहले मैं काम पर वापस चली आई थी. इसके बाद उनकी मौत और फिर अंतिम संस्कार के लिए दो दिन की छुट्टी ले ली. इसलिए, मैंने कुल मिलाकर लगभग 10 दिनों की छुट्टी ले ली थी. मैं 15 फरवरी को काम पर वापस गई.'

उसने लिखा- पिता के अंतिम संस्कार के लिए छुट्टी को लेकर मेरी बॉस को जो मैसेज मेरे पास आया वह हैरान करने वाला था. उसने लिखा था- 'हम सब किसी न किसी परेशानी से जूझते हैं लेकिन जो भी हो हमें काम पर आना होता है.मुझे हर दिन दुकान पर आना पड़ रहा है और काफी दिक्कत होती है.सॉरी मेरी बात तीखी लगेगी लेकिन मुझे अपने बिजनेस चलाना है.मैं ये सब मैसेज पर नहीं बोलना चाहती थी लेकिन और कोई विकल्प नहीं दिखता.'

लोगों ने महिला के पोस्ट पर ढेरों कमेंट किए. एक यूजर ने लिखा- ये बहुत अधिक प्रोफेश्नल और नृशंस है.एक यूजर ने लिखा- 'मेरे पिताजी की अचानक मृत्यु हो गई थी और मुझे काम के दौरान फोन आया. मैंने कहा, 'मुझे जाना है', और बिना बताए दरवाजे से बाहर चला गया.

उस रात, मैंने अपने बॉस को मैसेज भेजा और बताया कि क्या हुआ था. उसने कहा, 'काम के बारे में चिंता मत करो. जब तक तुम्हें जरूरत हो तब तक छुट्टी ले लो.' मैं डेढ़ सप्ताह बाद अपने दफ्तर की ओर से गुलदस्ता मिलने  के बाद वापस आया. जब मैं वापस आया, तो उन्होंने पूछा, क्या तुम ठीक हो? काम कर सको तभी आना.'

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वहीं दूसरे ने सुझाव दिया, 'यह नौकरी मत छोड़ना!ये सारे मैसेज संभालकर रखना और देखना कि इसपर क्या एक्शन लिया जा सकता है.'
 

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