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मुंबई: कृपाशंकर सिंह के घर, दफ्तर पर छापे

मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व नगर प्रमुख कृपाशंकर सिंह के परिसरों पर छापे मारे. कृपाशंकर पर बेनामी संपत्ति जमा करने का आरोप है.

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कृपाशंकर सिंह
कृपाशंकर सिंह

मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व नगर प्रमुख कृपाशंकर सिंह के परिसरों पर छापे मारे. कृपाशंकर पर बेनामी संपत्ति जमा करने का आरोप है.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उपनगरीय मुंबई में कृपाशंकर के घर और कार्यालय पर छापा मारा गया. हम जांच में काम आ सकने वाले कागजात खोज रहे हैं. मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख कृपाशंकर पर धोखाधड़ी के आरोप हैं. आय से अधिक संपत्ति के मामले में दो दिन पूर्व नगर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद कृपाशंकर ने उच्च न्यायालय के उनके खिलाफ मुकदमा चलाने और उनकी अचल संपत्ति को कुर्क करने के आदेश के खिलाफ कल उच्चतम न्यायालय की शरण ली.

उच्च न्यायालय ने 22 फरवरी को कृपाशंकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया आपराधिक कदाचार की बात स्वीकार करते हुए उसके खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था.

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मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह और न्यायमूर्ति रौशन दलवी की खंड पीठ ने कहा कि पुलिस उपायुक्त अरूप पटनायक सरकार से कृपाशंकर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आपराधिक कदाचार के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति लें. अन्य प्रतिवादियों :कृपाशंकर का परिवार: की भूमिका की भी जांच की जाएगी.

पीठ ने कहा था कि पटनायक कृपाशंकर और उसके परिवार, जिनमें उसकी पत्नी, पुत्र और पुत्रवधू शामिल हैं, की तमाम चल और अचल संपति के संबंध में दस्तावेजी सुबूत जमा करें. कथित अपराध में सहायता देने के लिए परिजन पर भी मुकदमा चलाया जाएगा.

अदालत ने कहा कि उसने 1970 के दशक में साधारण रूप से सार्वजनिक जीवन की शुरूआत कीः 1998 में विधायक बनने तक उसने खास कुछ नहीं कमाया था. अदालत ने कहा कि उसका कहना है कि विधायक के तौर पर उसे 45 हजार रूपए हर महीने मिले और उस वेतन से उसने एक दर्जन से ज्यादा अचल संपत्तियां अर्जित कर ली. उसकी संपत्ति उसकी आय के ज्ञात स्रोत से कहीं ज्यादा है और यह गणना हमारे हिसाब ही नहीं बल्कि हमारे विवेक के भी खिलाफ है.

उच्च न्यायालय ने कार्यकर्ता संजय तिवारी द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया. तिवारी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि कांग्रेस के विधायक ने अपनी आय के ज्ञात स्रोत से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है. अदालत ने याचिका को विचारार्थ रखते हुए पुलिस आयुक्त को 19 अप्रैल तक अनुपालना रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

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