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साइबेरिया

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साइबेरिया

साइबेरिया (Siberia), रूस का एक विशाल और रहस्यमयी भूभाग, अपनी बर्फीली वादियों, घने जंगलों, और ऐतिहासिक घटनाओं के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. यह क्षेत्र रूस के एशियाई हिस्से में स्थित है और यूराल पर्वत से लेकर प्रशांत महासागर तक फैला हुआ है. साइबेरिया का कुल क्षेत्रफल लगभग 1.3 करोड़ वर्ग किलोमीटर है, जो सम्पूर्ण रूस का लगभग 77% हिस्सा है.

साइबेरिया की सबसे खास पहचान उसकी कठोर ठंड और विशाल टुंड्रा भूमि है. यहां की सर्दियां बेहद कठोर होती हैं. कुछ स्थानों पर तापमान -50 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है. याकूत्स्क और ओइम्याकोन जैसे इलाके विश्व के सबसे ठंडे बसे हुए स्थानों में गिने जाते हैं.

साइबेरिया के उत्तरी भाग में टुंड्रा (बर्फीली घास की धरती) और दक्षिणी भाग में टैगा (घना बर्फीला जंगल) पाए जाते हैं. यहां की नदियां जैसे लेना, ओब और येनिसेई, रूस की प्रमुख जीवनरेखाएं हैं.

साइबेरिया का वन्य जीवन अत्यंत समृद्ध है. यहां साइबेरियन टाइगर, भालू, भेड़िया, लोमड़ी और दुर्लभ पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं. अमूर टाइगर (साइबेरियन टाइगर) दुनिया की सबसे बड़ी बाघ प्रजाति है और यह यहीं का मूल निवासी है.

साइबेरिया का इतिहास संघर्षों और खोजों से भरा है. 16वीं शताब्दी में रूसी साम्राज्य ने इस क्षेत्र का विस्तार शुरू किया. इसके बाद यह क्षेत्र शाही रूस और फिर सोवियत संघ के लिए एक प्रमुख औद्योगिक और सामरिक केंद्र बना. स्टालिन काल में साइबेरिया को गुलाग (श्रम शिविर) के लिए कुख्यात बनाया गया, जहां लाखों कैदियों को ठंड और कठिन परिश्रम झेलना पड़ा.

आज भी साइबेरिया रूस की ऊर्जा जरूरतों का मुख्य स्रोत है. यहां तेल, गैस, कोयला और खनिजों की भरमार है.

साइबेरिया में अनेक आदिवासी समुदाय रहते हैं, जैसे याकूत, एवेन, चुक्ची, और नेनेट्स. ये समुदाय अब भी अपने पारंपरिक जीवनशैली जैसे हिरन पालन, मछली पकड़ना, और बर्फ में बने घरों (युर्ट) में रहना जारी रखते हैं.

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