सौगत रॉय (Saugat Roy) एक राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद हैं, जो ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ सदस्य हैं. उनका जन्म 6 अगस्त 1947 को शिलांग, मेघालय में हुआ था. उन्होंने भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री और कानून की डिग्री प्राप्त की है. अपने करियर की शुरुआत में, उन्होंने कोलकाता के आशुतोष कॉलेज में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया.
राजनीतिक क्षेत्र में, रॉय ने 1977 में 6वीं लोकसभा के लिए बैरकपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर प्रवेश किया और 1979 में पेट्रोलियम और रसायन राज्य मंत्री के रूप में सेवा की. उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी कई कार्यकालों तक सेवा की, जिसमें अलीपुर, धाकुरिया और बंगांव निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया. 2009 में, वे दमदम निर्वाचन क्षेत्र से 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए और शहरी विकास के केंद्रीय राज्य मंत्री बने. उन्होंने 2014 और 2019 में भी दमदम से लोकसभा चुनाव जीते, जिससे उनकी संसदीय सेवा जारी रही.
संसद में, रॉय ने विभिन्न समितियों में सदस्य के रूप में कार्य किया है, जिसमें वित्त संबंधी स्थायी समिति, नियम समिति और रक्षा मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति शामिल हैं. अपने लंबे राजनीतिक करियर के दौरान, उन्होंने शिक्षा और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है.
हाल के समय में, रॉय ने पश्चिम बंगाल के विभाजन के प्रयासों के खिलाफ अपनी मजबूत स्थिति व्यक्त की है. दिसंबर 2022 में, उन्होंने लोकसभा में कहा था कि उनकी पार्टी बंगाल के विभाजन की अनुमति कभी नहीं देगी, यह उल्लेख करते हुए कि वे राज्य की एकता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
सौगत रॉय की शुद्ध संपत्ति लगभग 1.7 करोड़ है, जिसमें 1.95 करोड़ की संपत्ति और 25 लाख की देनदारियां शामिल हैं.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय संसद भवन के बाहर इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीते हुए देखे गए हैं. इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें ऐसा करने से रोका. बातचीत के दौरान सौगत रॉय ने स्पष्ट किया कि वे बिल्डिंग के अंदर सिगरेट नहीं पी सकते, इसलिए वह बाहर इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पी रहे थे.
संसद के चालू शीतकालीन सत्र में न सिर्फ संसद के भीतर, संसद के बाहर भी सत्तापक्ष और विपक्ष भिड़ रहे हैं. पहले हफ्ते में जहां दोनों पक्ष रेणुका चौधरी के कुत्ता लेकर पहुंचने पर भिड़ गए थे, वहीं अब ई-सिगरेट को लेकर आमने-सामने हैं.
लोकसभा में ई-सिगरेट के इस्तेमाल को लेकर विवाद बढ़ गया है. बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने स्पीकर को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि सांसद संसद परिसर में ई-सिगरेट पी रहे हैं. वहीं, टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है.
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा लोकसभा के अंदर टीएमसी सांसद के ई-सिगरेट पीने का मुद्दा उठाने के कुछ घंटों बाद सौगत रॉय को संसद परिसर के मकर गेट पर ई-सिगरेट पीते देखा गया. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और गिरिराज सिंह ने टीएमसी सांसद को टोका, जिस पर उन्होंने दिल्ली प्रदूषण का हवाला देकर अपने किए का बचाव करने की कोशिश की.
वंदे मातरम् पर संसद में बहस हुई, और ममता बनर्जी को मजबूरी में समर्थन करना पड़ा. क्योंकि, पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने वाले हैं. बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बात को ममता बनर्जी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही हैं, जबकि वो तत्काल प्रभाव से भूल सुधाकर कर चुके होते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी को 'बंकिम दा' कहे जाने पर तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को आपत्ति जताई, जिसके बाद उन्होंने महान कवि के नाम के साथ 'बाबू' जोड़ दिया. साथ ही पीएम ने सम्मानजनक तरीके से टीएमसी को जवाब देते हुए कहा कि वे उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं.
TMC नेता सौगत रॉय ने चुनाव आयोग के चीफ ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होनें कहा कि देश भर में SIR के कारण 40 लोगों की मौत हुई है. जिन लोगों को मारा गया उनका खून ज्ञानेश कुमार के हाथ में है. यह मामला दो महीनों के अंदर हुआ है.
TMC नेता सौगत रॉय ने SIR पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 'देश में SIR के कारण 40 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा प्रभाव बंगाल में देखा गया है. और SIR एक साजिश है जो वोटर का नाम डिलीट करने के लिए है, इस मुद्दें को हम जी जान से उठाएंगे.'
ममता बनर्जी के सामने अक्सर ही नई नई चुनौतियां खड़ी होती जा रही हैं. कभी किसी घटना की वजह से, तो कभी किसी मुद्दे पर नेताओं के आपसी टकराव की वजह से - पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले ये सब ममता बनर्जी को डिस्टर्ब तो करेगा ही.
सौगत रॉय ने कहा कि रोहित शर्मा के बारे में जो बोला है. मैं उससे सहमत हूं. मैं नेता के तौर पर नहीं बल्कि क्रिकेट दर्शक के तौर पर कह रहा हूं. रोहित शर्मा को कब तक छोड़ दिया जाएगा. वह दो से तीन साल में एक बार सेंचुरी किया था. उसे तो टीम में जगह नहीं मिलनी चाहिए. कांग्रेस की लीडर जो बोली है, वह ठीक बोली है.