सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) एक राजनेता, वकील, लेखक और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. वे न केवल राजनीति में बल्कि साहित्य और कानून के क्षेत्र में भी अपनी विशेष पहचान रखते हैं. उनके राजनीतिक जीवन में अनेक महत्वपूर्ण पद और जिम्मेदारियां रही हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री पद भी शामिल है.
सलमान खुर्शीद 1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए. उन्होंने भारत सरकार में कई प्रमुख मंत्रालयों में सेवा दी, जिनमें विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री, कानून और न्याय मंत्री, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और जल संसाधन मंत्री शामिल हैं.
उनकी छवि एक प्रबुद्ध और शिक्षित राजनेता की रही है, और वे अक्सर संवैधानिक मामलों और अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखते हैं.
सलमान खुर्शीद का जन्म 1 जनवरी 1953 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. वे एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता, खुर्शीद आलम खान, भी एक वरिष्ठ राजनेता और भारत सरकार में मंत्री रह चुके थे. सलमान खुर्शीद ने प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में प्राप्त की और उसके बाद ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (यूके) से उच्च शिक्षा प्राप्त की, जहां वे ऑक्सफोर्ड यूनियन के अध्यक्ष भी बने.
सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद भी सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रही हैं. वे एक शिक्षिका, लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता हैं.
सलमान खुर्शीद एक कुशल लेखक भी हैं. उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें राजनीति, समाज और कानून पर उनके विचार परिलक्षित होते हैं. उनकी कुछ चर्चित किताबों में At Home in India: The Muslim Saga, Visible Muslim, Invisible Citizen, Sons of Babur (एक नाटक, जिसे उन्होंने खुद लिखा) शामिल हैं.
उनकी लेखनी से यह स्पष्ट होता है कि वे सामाजिक समरसता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय के पक्षधर हैं।
सलमान खुर्शीद का नाम कुछ विवादों में भी आया है, जिनमें अल्पसंख्यक कल्याण के लिए संचालित एक ट्रस्ट से जुड़ी अनियमितताओं का मामला प्रमुख है. हालांकि उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया और जांच में उनका पक्ष सामने आया.
उनकी कुछ टिप्पणियां भी समय-समय पर राजनीतिक विवादों का कारण बनीं, विशेषकर जब उन्होंने अपनी किताब में कुछ संवेदनशील विषयों पर चर्चा की.
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने 'संचार साथी" ऐप पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार पर सवाल उठाया. उन्होनें कहा कि 'इसकी जरुरत क्या है, इतनी सरवीलियंस हर चीज का अगर हमारे देश में किया जाए इसकी जरुरत क्या है, हम एक दूसरे पर भरोसा न करें, ठीक है अगर कोई गलती करता है तो ये जरूरी है कि हम कदम उठा सके.'
नई दिल्ली में IMCR द्वारा ‘कानून का शासन’ विषय पर संगोष्ठी हुई. कार्यक्रम में सलमान खुर्शीद, सीनियर वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हुए. वक्ताओं ने वकीलों की जिम्मेदारी, पारदर्शिता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा पर जोर दिया.
अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार का तीन पीढ़ियों से चीन प्रेम चल रहा है. उन्होंने दावा किया कि ऑल इंडिया रेडियो (AIR) पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने असम को 'गुडबाय (बाय-बाय)' कहा था जो रिकॉर्ड में दर्ज है.
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की गतिविधियों को सामने ला रहा है, वहीं कांग्रेस पार्टी में अपने ही नेताओं के बयानों से आंतरिक मतभेद उभर आए हैं. सलमान खुर्शीद ने विदेश में भारत का पक्ष रखने की बात कहते हुए सवाल किया कि 'क्या इस देश में देशभक्त होना इतना मुश्किल हो गया?'
विदेश दौरे पर एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस के कुछ नेता, जिनमें सलमान खुर्शीद और शशि थरूर हैं, सरकार के रुख का समर्थन कर रहे हैं, जिससे पार्टी के भीतर ही उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. इस पर सलमान खुर्शीद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है? मैं यहां भारत के लिए बोलने आया हूं, भारत पहले और केवल भारत.'
कांग्रेस के लिए दुविधा यह है कि पार्टी सलमान खुर्शीद पर कार्रवाई करे या मौन हो जाए. जाहिर है कि कार्रवाई होने से आंतरिक असंतोष बढ़ेगा. यदि कार्रवाई नहीं की जाती, तो बीजेपी इसे कांग्रेस की कमजोरी और दिशाहीनता के रूप में प्रचारित करेगी.
सलमान खुर्शीद ने साफ तौर पर यह नहीं बताया कि वह अपने एक्स पोस्ट में किस पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन उनका बयान इसलिए अहम है क्योंकि कांग्रेस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए अपने नेताओं के चयन से नाराज है और केंद्र सरकार पर अनदेखी के आरोप लगा रही है.
सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पॉजिटिव बदलाव का दावा किया, जिसमें बाद के चुनावों में 65 फीसदी मतदाताओं की भागीदारी शामिल है, जिसके कारण कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार बनी.
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सलमान खुर्शीद ने भारत-पाक सीमा पर हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की. खुर्शीद ने कहा कि ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकवादी ठिकानों को सटीक निशाना बनाया, गैर-आतंकवादी लक्ष्यों को नहीं. संयम के साथ जवाबी कार्रवाई जारी रहेगी और आतंकवाद के प्रति समझ जरूरी है.
जाति जनगणना और आरक्षण में बढ़ोतरी की मांग करके उन्होंने बीजेपी ही नहीं अपनी सहयोगी पार्टियों की नींद भी उड़ा रखी है. इसलिए ये कहना कि राहुल राजनीति नहीं समझते, ये अतिशयोक्ति ही है. जयशंकर को मुखबिर बताकर भी वो एक तरह की राजनीति ही कर रहे हैं.