Agenda AajTak 2025: बुधवार, 10 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली के ताज पैलेस होटल में एजेंडा आजतक के 14वां संस्करण का आगाज हुआ जहां राजनीति, सिनेमा, धर्म, खेल जगत की मशहूर हस्तियां शिरकत कर रही हैं. एजेंडा आजतक में बदलते वर्ल्ड ऑर्डर और उसमें भारत की भूमिका पर भी बात हुई. सेशन 'New World Order' में राज्यसभा सांसद व भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और कांग्रेस नेता व पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बदलती दुनिया पर बात की.
भारत की वर्तमान विदेश नीति पर बात करते हुए हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, 'दुनिया बहुत तेज रफ्तार से बदल रही है और भारत को अपने विकल्पों का चुनाव बहुत ध्यान से करना होगा. हमारी विदेश नीति सभी अहम सहयोगियों और पड़ोसियों से अच्छा संबंध रखने को कहती है. इस कोशिश में रूस हमारा ऐतिहासिक दोस्त है और अभी भी डिफेंस और एनर्जी के लिए रूस बेहद अहम पार्टनर है.'
उन्होंने आगे कहा, 'हमें ख्याल रखना चाहिए कि रूस के पास तेल और रेयर अर्थ मेटल्स का बड़ा भंडार है. भविष्य में हमें इसकी बहुत जरूरत पड़ेगी क्योंकि भारत इनका सबसे बड़ा उपभोक्ता है. हमें आज से 5-10 साल बाद का सोचना चाहिए कि जब भी रूस-अमेरिका के बीच इस क्षेत्र में कोई समझौता तो हम एक बेहतर स्थिति में रहें.'
उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हालिया भारत दौरे (4-5 दिसंबर) का जिक्र करते हुए कहा, 'राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे को हमें इस नजरिए से भी देखना चाहिए कि रूस एक ऐतिहासिक पार्टनर है और वो हमारे भविष्य का भी एक बहुत अच्छा पार्टनर है. इसी तरह अमेरिका भी हमारा पार्टनर है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भी हमारे अच्छे संबंध हैं...बहुत सारे क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय संबंध बहुत मजबूत हैं. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमें बहुत से पार्टनरशिप बनाने चाहिए.'
सत्र में सलमान खुर्शीद ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर अपनी राय रखते हुए कहा, 'हम सब मानते हैं कि इस वक्त दुनिया अस्थिर है जहां एक साथ बहुत सारे परिवर्तन हो रहे हैं और वो भी बेहद तेजी से. ऐसे में हमें सभी देशों से अच्छे संबंध बनाकर रखना होगा. रूस के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध हैं लेकिन अभी ऐसा लगा कि कुछ ठंडक के बाद रिश्तों में एकदम से गरमी आई है और ये पहल रूस की तरफ से हुई है जो हमारे लिए सौभाग्यशाली थी. ये अच्छी पहल थी.'
सलमान खुर्शीद ने आगे कहा कि राष्ट्रपति पुतिन जब भारत आए तब विपक्षी नेता उनसे नहीं मिल पाए जिसका उन्हें खेद है.
सत्र के दौरान हर्षवर्धन श्रृंगला ने रूस से तेल खरीद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि रूस से कच्चा तेल भारत खरीद रहा है तो चीन भी खरीद रहा है लेकिन अमेरिका का प्रेशर केवल भारत पर है जो कि दोहरा रवैया है. उन्होंने कहा, 'हमारी विदेश नीति लचीली है और यह लचीलापन हमने दिखाया है. जब दुनिया में अर्थव्यवस्थाएं भरभराकर गिर रही थीं, हमारी अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि हम रूस से किफायती दरों पर तेल खरीद रहे थे. यह हमारी रणनीतिक स्वायत्तता का बहुत बड़ा हिस्सा है कि हम लचीलापन बनाए हुए हैं.'
सलमान खुर्शीद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार्यशैली पर बात करते हुए कहा, 'किसी भी विदेश नीति के जानकार से पूछ लिया जाए कि राष्ट्रपति पुतिन के बारे में आपको क्या कहना है तो कोई साफ जवाब नहीं दे पाएगा. कभी हम ये सोचते हैं कि ये बस चार साल की बात है लेकिन अमेरिका में कुछ ऐसे परिवर्तन आ जाएंगे जिससे आपको डील करना होगा. दूसरी बात ये कि जिस स्पष्टता से राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन अपनी बात कह देते हैं, क्या हम अपनी बात वैसे रख पाते हैं? शायद इसलिए क्योंकि हम चाहते हैं कि ऐसा कोई दरवाजा हम बंद न कर दें जिससे आगे चलकर समस्या आ जाए. लेकिन ये हमारे लिए बहुत चुनौती की स्थिति है.'
राज्यसभा सांसद श्रृंगला ने भारत और चीन के संबंधों पर भी बात की और कहा कि दोनों देशों के तनावपूर्ण रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में काम हो रहा है. इसी दिशा में पीएम मोदी अगस्त-सितंबर के बीच चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में हिस्सा लेने के लिए चीन गए थे. शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता भी की थी.
इसे लेकर हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, 'पीएम मोदी का दौरा अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के लिए था, द्विपक्षीय दौरा नहीं था. लेकिन उसमें हमने देखा कि भारत ने चीन के साथ सामान्यीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस प्रक्रिया में वक्त लगेगा जिसमें सीमा मुद्दों को अच्छे से संभालना पड़ेगा. इस बीच ये नहीं है कि हम चीन के साथ संघर्ष की स्थिति में हैं.'
उन्होंने कहा कि भारत कोई छोटा देश नहीं है. भारत किसी का दोस्त नहीं है, हम पार्टनर हो सकते हैं, दोस्त नहीं.
पाकिस्तानी सेना प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पर बात करते हुए हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, 'पाकिस्तान की हालत बुरी है...अगर उन्हें अंतरराष्ट्रीय मदद न मिले तो उनकी अर्थव्यवस्था डूब जाए. बलूचिस्तान, सिंध, खैबर-पख्तूनख्वा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर...हर जगह समस्याएं हैं. पाकिस्तान में लोकतंत्र तो है ही नहीं, आसिम मुनीर तानाशाह बन गए हैं. पाकिस्तान की जनता को लोकतंत्र चाहिए लेकिन उसके जनरल्स को नहीं चाहिए.'