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'हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमला किया, पाक के रिहायशी इलाकों पर नहीं', दक्षिण कोरिया में बोले सलमान खुर्शीद

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सलमान खुर्शीद ने भारत-पाक सीमा पर हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की. खुर्शीद ने कहा कि ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकवादी ठिकानों को सटीक निशाना बनाया, गैर-आतंकवादी लक्ष्यों को नहीं. संयम के साथ जवाबी कार्रवाई जारी रहेगी और आतंकवाद के प्रति समझ जरूरी है.

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सलमान खुर्शीद बोले - आतंकवाद का दर्द हम जानते हैं, बाकी दुनिया नहीं (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)
सलमान खुर्शीद बोले - आतंकवाद का दर्द हम जानते हैं, बाकी दुनिया नहीं (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)

जेडी(यू) सांसद संजय झा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रविवार (25 मई) को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सुरक्षाबलों ने सटीकता से पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की.

उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के जवाबी कार्रवाई में 6-7 मई की रात को सटीकता के साथ पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. किसी नागरिक या सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया. हमने सिर्फ उन कैंपों को निशाना बनाया जहां से आतंकी हमले किए जा रहे थे. अगर पाकिस्तान पलटवार नहीं करता तो हम रुक जाते. भारत की कार्रवाई स्पष्ट तौर पर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करना था. 

पाकिस्तान ने हमला किया, तो हमने उनके हमले के प्लेटफॉर्म तबाह किए

सलमान खुर्शीद बोले- उन लोगों ने हमपर हमला किया तो जवाबी कार्रवाई में भारतीय सुरक्षाबलों ने उनके एयरबेस और अन्य सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया. 

पाकिस्तान ने खुद कहा—अब रुकना चाहिए

उन्होंने कहा, पाकिस्तान के सैन्य ठिकाने जब ध्वस्त हो गए तो उन्होंने खुद कहा कि अब ये रुकना चाहिए. 

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ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ

सलमान खुर्शीद ने कहा कि अभी ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है. अगर पाकिस्तान फिर से किसी भी तरह का नापाक हरकत करता है तो भारत माकूल जवाब देगा. 

यह भी पढ़ें: PAK की पोल खोलने 2 और दल रवाना, थरूर की अगुवाई में डेलिगेशन US और पांडा की टीम सऊदी अरब निकली

विश्वगुरु नहीं, विश्वमित्र बनना है — इसलिए संयम जरूरी है

सलमान खुर्शीद ने कहा कि भारत विश्वगुरु बनना चाहता है तो उससे पहले विश्वमित्र बनने की जिम्मेदारी निभानी होगी. यही जिम्मेदारी संयम और समझदारी की मांग करती है. संयम हमारी नीति का अहम हिस्सा होना चाहिए.

आतंकवाद का दर्द भारत जानता है

उन्होंने कहा कि आतंकवाद का दर्द भारत जानता है, खासकर जम्मू-कश्मीर के लोग जानते हैं. लेकिन, दुनिया के कई देश अभी भी इस पीड़ा को नहीं समझते हैं. दुनिया में अब भी आतंकवाद को लेकर दोहरी सोच है. कुछ देश को आतंकवादियों को आतंकी मानने के बजाय उन्हें मुक्ति सेनानी या उग्रवादी कहते हैं. जो कि खतरनाक सोच है. जो आतंकवाद से बचे हैं उन्हें अपनी सोच बदलने की जरूरत है.

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