रावलपिंडी (Rawalpindi) पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है. यह इस्लामाबाद के निकट स्थित है. रावलपिंडी का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है. इसकी स्थापना 8वीं शताब्दी में मेवाड़ के गुहिल राजपूत शासक बप्पा रावल ने की थी, जिनके नाम पर इस शहर का नाम पड़ा. बप्पा रावल ने 712 ईस्वी में मोहम्मद बिन कासिम को हराकर इस क्षेत्र में सैन्य चौकियां स्थापित की थीं, जिनमें रावलपिंडी भी शामिल था.
ब्रिटिश शासन के दौरान, रावलपिंडी एक महत्वपूर्ण सैन्य छावनी बन गया. 1850 से ब्रिटिश सेना ने इसे अपनी छावनी के रूप में विकसित करना शुरू किया, जो पाकिस्तान बनने तक जारी रहा. पाकिस्तान के निर्माण के समय यह ब्रिटिश सेना के उत्तरी कमान का मुख्यालय था.
रावलपिंडी की सांस्कृतिक विरासत इसकी धार्मिक विविधता में परिलक्षित होती है. 1947 के विभाजन से पहले, यह शहर हिंदू और सिख बहुल था. आज भी, पुराने शहर में कई हिंदू मंदिर और सिख गुरुद्वारे मौजूद हैं, जैसे श्री कृष्ण मंदिर और बाबा दयाल सिंह गुरुद्वारा. हालांकि, विभाजन के बाद अधिकांश हिंदू और सिख समुदाय भारत चले गए, लेकिन कुछ मंदिर और गुरुद्वारे अब भी खड़े हैं, हालांकि कई का उपयोग बदल गया है या वे उपेक्षित हैं.
2023 की जनगणना के अनुसार, रावलपिंडी की जनसंख्या लगभग 33.5 लाख है, जिससे यह पाकिस्तान का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला शहर बनता है. यहां की प्रमुख भाषाएं पंजाबी, उर्दू और अंग्रेजी हैं.
रावलपिंडी और इस्लामाबाद को जोड़ने वाली मेट्रोबस सेवा 2015 में शुरू हुई, जो 48.1 किमी लंबी है. शहर ग्रैंड ट्रंक रोड और M-1, M-2 मोटरवे से भी जुड़ा है, जो इसे पाकिस्तान के अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ता है.
रावलपिंडी में 2,463 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां की साक्षरता दर पाकिस्तान में तीसरे स्थान पर है. शहर में कई प्रमुख समाचार पत्र और टीवी चैनल भी आधारित हैं, जैसे डेली जंग, डॉन, और समा न्यूज.
रावलपिंडी में बसंत उत्सव, साहित्य उत्सव और विभिन्न धार्मिक पर्व बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं, जो इसकी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से उनकी बहन डॉ. उजमा खान की मुलाकात हो गई. ये मुलाकात रावलपिंडी के अदियाला जेल में हुई, जहां इमरान खान को अगस्त 2023 से कई मामलों में बंदी बनाया गया है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का आरोप है कि विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट्स से इमरान की मौत की खबरें फैलाई जा रही हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों का उल्लंघन है. पार्टी ने चेतावनी दी है कि इमरान की सुरक्षा, स्वास्थ्य और संवैधानिक अधिकारों की जिम्मेदारी सीधे सरकार की है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं. उनकी गिरफ्तारी नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में कथित भ्रष्टाचार के केस में की है. आरोप है कि इस मामले में इमरान ने अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं. उनकी गिरफ्तारी नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भ्रष्टाचार के केस में की है. आरोप है कि इस मामले में इमरान ने अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया है.
रावलपिंडी के अदियाला जेल के बाहर बीती रात गंभीर हालात देखने को मिले जब इमरान खान से मिलने के लिए उनकी बहनें धरने पर बैठीं. इस दौरान पाकिस्तानी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. इस झड़प में इमरान खान की बड़ी बहन नौरीन खान नियाज़ की तबियत अचानक बिगड़ गई. दूसरी बहन अलीमा खानूम ने नौरीन की देखरेख करते हुए स्थिति की पूरी जानकारी दी.
इस्लामाबाद में आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान दौरे पर गई श्रीलंकाई टीम के कई खिलाड़ी सुरक्षा कारणों से लौटना चाहते हैं. अब इस पूरे मामले में PCB प्रमुख मोहसिन नकवी ने कहा कि सीरीज जारी रहेगी, बस शेड्यूल बदला गया है. श्रीलंका बोर्ड ने खिलाड़ियों को दौरा जारी रखने का निर्देश दिया है और लौटने वालों के लिए रिप्लेसमेंट भेजने की बात कही है.
पाकिस्तान में सुरक्षा हालातों को लेकर कई टीमें घबरा रही हैं. ताजा मामले में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान दौरे से पहले एक ऐसा कदम उठाया, जिसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा ने 11वें क्रम पर बैटिंग करते हुए 61 गेंदों पर 71 रन बनाए, जिसमें चार चौके और चार छक्के शामिल रहे.
केशव महाराज ऐसे पहले विदेशी गेंदबाज हैं, जिन्होंने रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलफ टेस्ट पारी में सात या उससे ज्यादा विकेट झटके हैं.
इमरान खान मौजूदा समय में रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) उनके समर्थन में सक्रिय है. उनके खिलाफ दर्ज मामलों में से कुछ में वे बरी हो चुके हैं, जबकि कुछ में सजा का सामना कर रहे हैं.