श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने अगले महीने होने वाले पाकिस्तान दौरे से पहले एक रेकी (reconnaissance) टीम पाकिस्तान भेजी है. यह टीम पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) अधिकारियों से मुलाकात कर यात्रा और सुरक्षा इंतजामों को लेकर ब्रीफिंग ले रही है.
यानी साफ है कि पाकिस्तान में खेलने को लेकर क्रिकेट टीम सहज नहीं हैं. भारत पहले से ही पाकिस्तान में जाकर क्रिकेट ना खेलने के रुख पर कायम है. इसकी वजह वह खिलाड़ियों की सुरक्षा है.
PTI के मुताबिक- यह टीम लाहौर, रावलपिंडी और फैसलाबाद में उन स्टेडियमों का भी दौरा करेगी, जहां मैच खेले जाने हैं. वहां उन्हें आयोजकों और स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी जाएगी.
आमतौर पर SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) की टीमें पाकिस्तान दौरे से पहले सुरक्षा जांच के लिए ऐसी टीमें भेजती हैं, लेकिन श्रीलंका का ऐसा करना असामान्य है.
खास बात यह है कि 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई टीम बस पर हुए आतंकी हमले के बाद जब एक दशक तक कोई टीम पाकिस्तान नहीं गई थी, तब 2019 में श्रीलंका ही पहला देश बना था जिसने वहां जाकर इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी करवाई थी.
तब से लेकर अब तक श्रीलंकाई टीम कई बार पाकिस्तान का दौरा कर चुकी है. पाकिस्तान ने इसी साल की शुरुआत में आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी भी की थी.
नवंबर में श्रीलंका पहले पाकिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज़ (11 से 15 नवंबर) खेलेगा. इसके बाद वह जिम्बाब्वे के साथ होने वाली टी20 ट्रांयगुलर सीरीज में (19 से 29 नवंबर) हिस्सा लेगा. इस टूर्नामेंट में अफगानिस्तान की जगह जिम्बाब्वे को शामिल किया गया है.
अफगानिस्तान क्यों पाकिस्तान के दौरे से हटा?
हाल ही में पाकिस्तान के हमले में अफगानिस्तान के 3 क्रिकेटरों कबीर, सिबगातुल्ला और हारून सहित आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य घायल हुए थे. यह घटना पक्तिका प्रांत के उरगुन जिले में हुई थी. इस घटनाक्रम के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ होने वाली ट्रांयगुलर सीरीज में भाग ना लेने का फैसला किया था.