पीटर केंट नावारो (Peter Navarro) एक अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं. वे जनवरी 2025 से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) के लिए ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग के सीनियर काउंसलर (वरिष्ठ सलाहकार) के रूप में काम कर रहे हैं. इससे पहले वे ट्रंप प्रशासन में पहले व्हाइट हाउस नेशनल ट्रेड काउंसिल के डायरेक्टर और फिर ऑफिस ऑफ ट्रेड एंड मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के डायरेक्टर रहे हैं.
नावारो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, अर्वाइन के पॉल मिरेज बिजनेस स्कूल में अर्थशास्त्र और पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर एमेरिटस (सेवानिवृत्त प्रोफेसर) हैं. उन्होंने सैन डिएगो, कैलिफोर्निया में पाच बार चुनाव लड़ने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. जनवरी 2017 में उन्होंने पहले ट्रंप प्रशासन में ट्रेड सलाहकार के रूप में काम करना शुरू किया. उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को प्रोटेक्शनिस्ट (आत्मनिर्भरता की दिशा में) ट्रेड नीतियाँ अपनाने के लिए प्रेरित किया. खास तौर पर वे चीन के खिलाफ कड़ी नीतियों के पक्षधर रहे और ट्रंप प्रशासन के चीन से ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) के पीछे मुख्य व्यक्ति माने जाते हैं. चीन ने उन्हें पद छोड़ने के बाद सजा दी.
नावारो ने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रशासन की प्रतिक्रिया में भी भाग लिया. 2020 में उन्हें डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट पॉलिसी कोऑर्डिनेटर बनाया गया. शुरू में उन्होंने वायरस के खतरे को प्रशासन में निजी तौर पर बताया था, लेकिन सार्वजनिक रूप से खतरे को कम करके दिखाया. उन्होंने एन्ट्रोनी फाउची से भी बहस की और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोविड-19 का इलाज मानते हुए सरकारी नियमों की आलोचना की.
नावारो ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को पलटने की कोशिश की. फरवरी 2022 में उन्हें कांग्रेस द्वारा दो बार सम्मन भेजा गया, लेकिन उन्होंने मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्हें न्याय विभाग के पास भेजा गया. 2022 में उन पर दो बार कांग्रेस की अवहेलना का आरोप लगाया गया. 2023 में वे दोषी पाए गए और 2024 में उन्हें चार महीने की जेल की सजा मिली. वे पहले ऐसे पूर्व व्हाइट हाउस अधिकारी बने जिन्हें कांग्रेस की अवहेलना का दोषी मानकर जेल भेजा गया.
जनवरी 2025 में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में फिर से वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया. इस बार वे कनाडा, चीन और मैक्सिको पर टैरिफ (कर) लगाने की नीति में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. अप्रैल 2025 में उन्होंने "रिसिप्रोकल टैरिफ" नीति भी शुरू की.
उनकी ट्रेड पर सोच मुख्यधारा के अर्थशास्त्र से अलग मानी जाती है. वे व्यापार घाटे (ट्रेड डिफिसिट) कम करने के बड़े समर्थक हैं. चीन को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. वे चीन पर अनुचित व्यापार प्रथाओं और मुद्रा हेरफेर का आरोप लगाते हैं. इसके अलावा, वे अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ाने, उच्च टैरिफ लगाने और वैश्विक सप्लाई चेन को वापस लाने के पक्षधर हैं. वे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स के भी विरोधी हैं. नावारो ने कई किताबें लिखी हैं, जैसे "The Coming China Wars" (2006) और "Death by China" (2011). कुछ किताबों में उन्होंने काल्पनिक अर्थशास्त्री "रॉन वारा" का हवाला दिया है, जो उनके नाम का एक एनाग्राम (अक्षर उलट-फेर) है.
नावारो का जन्म 15 जुलाई 1949 को कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में हुआ था. वे इटालियन हैं. उनके पिता का नाम अल्बर्ट था.
भारत और अमेरिका मंगलवार को नई दिल्ली में व्यापार वार्ता करने जा रहे हैं. व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि भारत बातचीत की टेबल पर आ रहा है. हालांकि तनाव के बीच पिछले दिनों राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को 'महान प्रधानमंत्री' बताकर रिश्तों को पटरी पर लाने के संकेत दिए थे.
अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता से पहले ट्रंप के करीबी नवारो का बड़ा दावा
भारत और अमेरिका के बीच बीते कुछ महीनों में काफी कुछ बदल चुका है. ट्रंप और उनके करीबी पीटर नवारो की बयानबाजी ने रिश्तों में तनाव को बढ़ाने का काम किया है. क्या ट्रंप और पीएम मोदी के बीच हुई हालिया बातचीत से रिश्तों में जमी बर्फ बिघलने की उम्मीद लगाई जा सकती है?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने भारत और ब्रिक्स देशों पर एक बार फिर निशाना साधा है. नवारो ने कहा कि अमेरिका के बिजनेस के बिना ब्रिक्स देश जीवित नहीं रह सकते. देखें US टॉप 10.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत को लेकर विवादित बयान दिया है. नवारो ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भारत के रूस से ऊर्जा व्यापार को निशाना बनाया और कई आरोप लगाए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भारत पर रूसी तेल खरीदकर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया था. नवारो की पोस्ट को कम्युनिटी नोट्स ने फ्लैग कर "एनर्जी सिक्योरिटी" बताया, जिससे विवाद बढ़ा. अब भड़के नवारो ने एक्स और मस्क पर प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगाते हुए पोल कैंपेन शुरू किया है.
ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर रूस से तेल खरीदकर मुनाफा कमाने और अमेरिकी नौकरियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. एलॉन मस्क के X ने उनके पोस्ट को बार-बार फैक्ट-चेक कर अमेरिका का "डबल स्टैंडर्ड" उजागर कर दिया. नवारो ने एलॉन मस्क पर भी प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगाया. हालांकि, भारत ने नवारो के बयानों को खारिज कर दिया है.
ट्रंप के सहयोगी नवारो ने एक बार फिर भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि भारत की टैरिफ की वजह से अमेरिका में नौकरियां जा रही हैं. उनका ये आरोप तब आया है, जब हालही में अमेरिका रोजगार आंकड़ों में बड़ी गिरावट देखी गई है.
विदेश मंत्रालय ने व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो के भारत विरोधी बयानों को गलत और भ्रामक बताते हुए खारिज किया. नवारो ने ट्रंप के 50% टैरिफ का बचाव करते हुए 'ब्राह्मणों' पर मुनाफाखोरी और भारत पर रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध बढ़ाने का आरोप लगाया था. मंत्रालय ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध लोकतांत्रिक मूल्यों और साझा हितों पर आधारित मज़बूत रणनीतिक साझेदारी हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप के करीबी पीटर नवारो भारत के साथ टैरिफ को लेकर तनाव के बीच लगातार 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ लगाने का बचाव कर रहे हैं. इसके साथ ही वह बिना किसी तथ्य और संदर्भ के हिन्दू धर्म, ब्राह्मणों और भारत की विदेश नीति को लेकर झूठ परोस रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो का हालिया बयान न सिर्फ तथ्यों से परे है बल्कि रूस-यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने में भारत की भूमिका को भी नजरअंदाज करता है. नवारो को भारत की कूटनीति, व्यापार और राजनीति पर गौर करने की जरूरत है.