राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला भारतीय राजनीतिक गठबंधन है. इसकी स्थापना 1998 में हुई थी और वर्तमान में इसकी, भारत सरकार के साथ-साथ 15 भारतीय राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में सरकार है (NDA).
इसके पहले अध्यक्ष प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई थें. पूर्व उपप्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने 2004 में अध्यक्ष का पद संभाला और 2014 तक इस पद पर बने रहे. अमित शाह 2014 से इसके अध्यक्ष हैं.
इस गठबंधन ने 1998 से 2004 तक शासन किया. 2014 के आम चुनावों में गठबंधन 38.5 फीसदी के संयुक्त वोट शेयर के साथ सत्ता में लौट आया. इसके नेता नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री बनें. 2019 के आम चुनाव में, गठबंधन ने 45.43 फीसदी के संयुक्त वोट शेयर के साथ अपनी सीटों को 353 सीटों तक बढ़ा दिया.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में 22 मिनट का संबोधन दिया. उन्होंने 24 नवंबर 2005 से शुरू हुए NDA सरकार के कानून के राज और 20 वर्षों के विकास की उपलब्धियां गिनवाईं. उन्होंने 5 घंटे में कहीं से भी पटना पहुंचने का लक्ष्य पूरा होने और 2 लाख 58 हजार शिक्षकों की बहाली जैसी उपलब्धियों पर जोर दिया.
संसद के शीतकालीन सत्र की आज से शुरुआत हो गई है. संसद सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है. वहीं, सरकार चाहती है कि वंदे मातरम् पर चर्चा हो. ताजा अपडेट्स के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें...
पुडुचेरी में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. 30 सीटों में 16 के बहुमत वाली इस जंग में एनडीए और एसपीए के बीच कड़ी टक्कर तय है. पिछले चुनावी प्रदर्शन, स्थानीय दावेदारों और एनडीए में बढ़ती अंदरूनी नाराज़गी मुकाबले को और जटिल बना रही है.
हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने प्रचंड जीत हासिल की. कुल 243 में से NDA 200 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, महागठबंधन 40 से भी कम सीटों पर सिमट गई. इस प्रचंड जीत पर किस तरह झूमे NDA के नेता. बिहार जीत के बाद मोदी कैसे बन गए पॉलिटिक्स के सिकंदर? इसी पर देखें खास पेशकश 'सो सॉरी'.
बिहार की नई नीतीश सरकार में मंत्रियों की संख्या के मामले में बीजेपी ने जेडीयू को पीछे छोड़ दिया. क्या विभाग बंटवारे में भी बीजेपी हैवीवेट मंत्रालय हासिल करने में सफल रहेगी या नीतीश कुमार का होल्ड रहेगा?
Bihar CM Nitish Kumar Shapath Grahan Updates: बिहार चुनाव के बाद अब नई सरकार के गठन की बारी है. नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. सीएम नीतीश के साथ 26 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली.
नीतीश कुमार ने गुरुवार को दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे. पटना के गांधी मैदान में आयोजित समारोह में 26 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की, जिनमें बीजेपी के 14 और जदयू के 8 मंत्री शामिल हैं. देखें पूरा शपथग्रहण समारोह.
बिहार की नई नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे से 14 मंत्री शपथ लेंगे. इनमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, मंगल पाण्डेय और नितिन नवीन ऐसे नेता हैं जो पिछली सरकार में भी मंत्री रहे. बाकी सभी मंत्री नए चेहरे हैं, जिनमें रामकृपाल यादव और संजय टाइगर भी शामिल हैं. नई सरकार में बीजेपी की महिला मंत्री भी होंगी, जैसे श्रेयसी सिंह और रमा निषाद. इसके अलावा जेडीयू के कोटे से आठ मंत्री, एलजेपीआर, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के एक-एक मंत्री होंगे.
बिहार की राजधानी पटना में आज नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इस बार के शपथ ग्रहण में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. हालांकि मंत्री मंडल के पूरे सदस्यों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है. भाजपा में नए चेहरों को जगह मिल सकती है जबकि जेडीयू में अधिकतर पुराने सदस्य ही शामिल होंगे. इस बार महिलाओं और युवाओं के समीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इस ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और ग्यारह भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. साथ ही एनडीए गठबंधन के अन्य प्रमुख नेताओं की मौजूदगी भी होगी. इस समारोह में बिहार के शक्ति प्रदर्शन और सुशासन के वादे को मजबूती मिलेगी.
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई NDA सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को होगा. JDU नेताओं ने दिल्ली में अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात करके मंत्रिमंडल के खाके पर सहमति बना ली है. बीजेपी के सबसे ज्यादा मंत्री होंगे और दो डिप्टी सीएम समेत स्पीकर भी मिल सकता है.
Bihar New Government Formation live Updates: बिहार चुनाव के बाद एक तरफ जहां एनडीए के खेमे में सरकार गठन की कवायद जोर पकड़ रही है. वहीं, जन सुराज के खेमे में भी हलचल है. प्रशांत किशोर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. बिहार की हर सियासी हलचल पर ताजा अपडेट्स के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें...
बिहार में चुनावी परिणामों के बाद भाजपा जल्द ही अपने विधानमंडल दल का नेता चुनने के लिए बैठक आयोजित करेगी. यह बैठक प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की अध्यक्षता में होगी जिसमें केंद्र सरकार के पर्यवेक्षक भी भाग लेंगे. बैठक के बाद नेता, उपनेता और उपमुख्यमंत्रियों के नामों की घोषणा की जाएगी, जो बिहार की राजनीति में नए गठबंधन के तहत महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आएगी. भाजपा और जदयू का यह नया गठबंधन राज्य की सियासत में बड़ी भूमिका निभाने वाला है और आने वाले समय में इसकी रणनीतियां और फैसले मायने रखेंगे.
बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर दिल्ली में अहम बैठक चल रही है. जेडीयू और बीजेपी के शीर्ष नेता इस बैठक में शामिल हैं. संजय कुमार झा और ललन सिंह पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं और आज केंद्रीय नेताओं से बात करेंगे. दोनों पार्टियां स्पीकर पद की दावेदारी कर रही हैं. प्रदेश बीजेपी ने इस मसले पर देर रात चर्चा की. चिराग मांझी और उपेंद्र कुशवाहा से बात करने का जिम्मा बीजेपी के धर्मेंद्र प्रधान को दिया गया है.
बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारियां जोरों पर हैं. सूत्रों के मुताबिक सरकार गठन में छह एक फॉर्मूला लागू होगा, जिसका मतलब है कि हर छह विधायकों को एक मंत्री पद मिलेगा. इसके तहत बीजेपी को चौदह से पंद्रह मंत्री पद मिल सकते हैं, जबकि जेडीयू के खाते में भी चौदह मंत्री पद आ सकते हैं.
बिहार चुनाव के परिणाम घोषित होने के 48 घंटे बाद निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को नवनिर्वाचित विधायकों की सूची सौंपी और राज्य में आदर्श आचार संहिता खत्म होने की घोषणा की. पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद एनडीए में सरकार गठन की कवायद तेज हो गई है और दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है.
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बीच महागठबंधन की करारी हार ने राजनीतिक माहौल को पूरी तरह बदल दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की जीत और मतदाता सूची की सफाई पर जोर दिया, जिसका असर अब बंगाल की राजनीति पर भी दिखने लगा है. कांग्रेस ने हार की जिम्मेदारी मतदाता सूची प्रक्रिया पर डालते हुए गंभीर समीक्षा की घोषणा की है. विपक्षी दलों के बीच मतभेद और आलोचनाएं जारी हैं, जबकि भाजपा बिहार के बाद बंगाल को भी जीतने की रणनीति पर काम कर रही है.
बिहार चुनाव परिणामों का गहराई से विश्लेषण बताता है कि इस बार बिहार में लीडरशिप फैक्टर और मजबूत गठबंधन ने कैसे निर्णायक भूमिका निभाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि और बीजेपी-जेपीयू गठबंधन के प्रभाव ने महागठबंधन को पीछे छोड़ दिया. जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर जनता ने जनादेश दिया और महिलाओं व युवाओं के समर्थन से न्द को भारी जीत मिली. अमित शाह की रणनीति और माइक्रो प्लानिंग ने भी इस जीत में अहम योगदान दिया.
बिहार में एनडीए को मिली जीत को लेकर अब यही कहा जा सकता है. मैं इस वक्त बीजेपी मुख्यायल पर हूं. आप देख सकते हैं कि बिहार चुनाव में मिली प्रचंड जीत का उत्साह यहां बीजेपी वर्कर्स में साफ नजर आ रहा है. थोड़ी देर पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी बिहार में एनडीए को मिली ऐतिहासिक जीत पर बिहार की जनता का अभार जताया है. पीएम मोदी ने 42 मिनट के संबोधन में बिहार में एनडीए की महाविजय जीत को कैसे परिभाषित किया? जीत की क्या वजहें गिनाई? समझिए. ; ;
बिहार में एनडीए की बंपर जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. बीजेपी मुख्यालय पहुंचने पर पीएम मोदी ने एक बार फिर गमछा लहराकर लोगों का अभिनंदन किया. मंच पर पीएम मोदी के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह मौजूद रहे.
पिछले बीस वर्षों से महिलाओं की भलाई पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें उन्हें आर्थिक सहायता, शिक्षा और सुरक्षा प्रदान की गई है. लड़कियों को साइकिल देने और उनकी पढ़ाई का इंतजाम करने जैसे कदम उठाए गए.