महाराष्ट्र के नाशिक जिले में स्थित मालेगांव (Malegaon) एक ऐतिहासिक और औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है, जो अपनी कपड़ा मिलों, धार्मिक विविधता और सामाजिक सौहार्द के लिए जाना जाता है. गोदावरी नदी की सहायक गिरणा नदी के किनारे बसे इस शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है, और यह अब न केवल एक व्यापारिक केंद्र बल्कि एक राजनीतिक और सांस्कृतिक मंच के रूप में भी उभर रहा है.
मालेगांव का इतिहास मराठा और मुगल शासन से जुड़ा रहा है. यह शहर कभी एक सैन्य छावनी हुआ करता था. अंग्रेजों के शासनकाल में यहां कपड़ा उद्योग ने तेजी से विकास किया, और आज भी मालेगांव को 'पावरलूम सिटी' कहा जाता है.
मालेगांव की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कपड़ा उद्योग पर आधारित है. यहां हजारों की संख्या में पावरलूम्स चलते हैं, जो सस्ती और टिकाऊ साड़ियों, सूती कपड़ों और ड्रेस मटेरियल्स का उत्पादन करते हैं. इस उद्योग ने लाखों लोगों को रोज़गार दिया है, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय को.
यहां हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदायों की साझा संस्कृति देखने को मिलती है. शहर में कई मस्जिदें, मंदिर और दरगाहें मौजूद हैं, जो इसकी धार्मिक विविधता और सहिष्णुता को दर्शाती हैं. हालांकि, कुछ वर्षों में सांप्रदायिक तनाव के मामले भी सामने आए हैं, लेकिन आम जनता ने हमेशा शांति और भाईचारे को प्राथमिकता दी है.
मालेगांव में शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे सुधर रहा है. यहां कई सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी संस्थान हैं. साथ ही, कुछ प्रमुख अस्पताल और क्लीनिक लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं, हालांकि स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करने की आवश्यकता है.
मालेगांव अक्सर स्थानीय और राज्य स्तर की राजनीति का केंद्र रहता है. यहां के नागरिक जागरूक हैं और चुनावों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. शहर में बेरोजगारी, प्रदूषण, ट्रैफिक और पानी की समस्या जैसे मुद्दे भी चर्चा में रहते हैं, जिनके समाधान के लिए प्रशासन प्रयासरत है.
मालेगांव एक ऐसा शहर है जो परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ रहा है. यहां की युवा पीढ़ी शिक्षा, तकनीक और उद्यमिता के जरिए शहर की नई पहचान गढ़ने में लगी है. यदि बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ किया जाए और रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं, तो मालेगांव निश्चित रूप से एक विकसित शहरी केंद्र बन सकता है.
महाराष्ट्र के मालेगांव में 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपी को 1 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है. घटना के विरोध में मालेगांव और जालना में भारी प्रदर्शन, सड़क जाम और रैलियां हुईं.
अजित पवार ने मालेगांव में प्रचार के दौरान कहा कि यदि लोग उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को चुनेंगे तो वे शहर के लिए धन की कमी नहीं होने देंगे, लेकिन यदि मतदाता साथ न दें तो वे भी कोई मदद नहीं करेंगे.
मालेगांव में तीन साल की बच्ची के रेप और मर्डर मामले को लेकर गुरुवार को लोगों का गुस्सा फूट पडा. सेशंस कोर्ट के बाहर जमा भीड़ आरोपी डोंगराले को फांसी देने की मांग करते हुए उग्र हो गई. लोगों ने कोर्ट के दरवाजे पर चप्पलें फेंकीं और गेट तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया.
महाराष्ट्र एटीएस ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी आंध्र प्रदेश में चल रहे एक केस में वांछित था.
मालेगांव ब्लास्ट समें 6 लोगों की जान गई और 101 लोग घायल हुए थे. ये केस एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार पीड़ित परिवारों ने अपनी आवाज उठाई है. बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर विशेष एनआईए अदालत के 31 जुलाई के फैसले को चुनौती दी है.
बागेश्वर महाराज ने मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा समेत सात आरोपियों को बरी किए जाने के बाद कहा कि इस केस में बहुत पहले से भगवा आतंकवाद की कहानी लिख दी गई थी. उन्होंने इसे सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश बताया. साथ ही हिंदू बेटियों से अपील की कि वे जागें और अपनी रक्षा करें.
मालेगांव ब्लास्ट केस में सात आरोपियों को बरी करते हुए विशेष एनआईए अदालत ने शुक्रवार को कहा कि अभियोजन पक्ष का यह दावा साबित नहीं हो पाया कि दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत ने इस वारदात को अंजाम दिया था.