कार्तिका पूर्णिमा (Kartik Purnima) एक हिंदूओं का सांस्कृतिक त्योहार है, जो कार्तिक महीने के पूर्णिमा को मनाया जाता है. इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा या देव-दीपावली के रूप में भी जाना जाता है, जो देवताओं की रोशनी का त्योहार है.
कार्तिक मास में शुरू होने वाले प्रबोधिनी एकादशी को चतुर्मास के अंत का प्रतीक है. यानी यह वह चार महीने की अवधि है जब भगवान विष्णु सोते हैं. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा को भगवान जागते हैं (Sleeping months of Vishnu). प्रबोधिनी एकादशी से शुरू होने वाले कई मेले कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होते हैं. कार्तिक पूर्णिमा आमतौर पर मेले का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है (Kartik Purnima Fare). प्रबोधिनी एकादशी से शुरू होने वाले पंढरपुर और पुष्कर के मेले (Pushkar Fare) भी कार्तिक पूर्णिमा को समाप्त हो जाते है (Prabodhini Ekadashi).
यह भी माना जाता है कि इस दिन विष्णु बाली में अपना प्रवास पूरा करने के बाद अपने निवास स्थान पर लौट आते हैं. इसलिए, इस दिन को देव-दिवाली के रूप में भी जाना जाता है (Kartik Purnima Dev Deepawali). कार्तिक पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्थान पर स्नान करने का विधान है. इस पवित्र स्नान को "कार्तिक स्नान" के नाम से जाना जाता है. भारत में पुष्कर गंगा नदी और वाराणसी के गंगा नदी में स्नान को सबसे शुभ माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा वाराणसी में गंगा स्नान के लिए सबसे लोकप्रिय दिन है (Kartik Snan).
वैष्णववाद परंपरा में, कार्तिक पूर्णिमा को राधा और कृष्ण की पूजा के लिए महत्वपूर्ण और विशेष दिन माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन राधा कृष्ण ने अपनी गोपियों के साथ रासलीला की थी. जगन्नाथ मंदिर, पुरी और अन्य सभी राधा कृष्ण मंदिरों में, कार्तिक महीने में व्रत रखा जाता है. साथ ही, कार्तिक पूर्णिमा के दिन रासलीला का आयोजन किया जाता है. अन्य पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन कृष्ण ने राधा की पूजा की थी (Radha Krishna Puja on Kartik Purnima).
कार्तिक पूर्णिमा को सिखों के पहले गुरु, श्री गुरु नानक देव का गुरुपुरब या प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. भाई गुरदास, सिख धर्मशास्त्री ने अपने कबित में लिखा है कि गुरु नानक का जन्म इसी दिन हुआ था. यह, इसे दुनिया भर में गुरु नानक जयंती के रूप में जाना जाता है (Kartik Purnima and Guru Nanak Jayanti).
कार्तिक पूर्णिमा पर पटना में श्रद्धालुओं की भीड़ से अटल पथ, मरीन ड्राइव और दीघा रोड पर भीषण ट्रैफिक जाम लग गया. कई किलोमीटर लंबी कतारों में फंसे लोग घंटों परेशान रहे, जबकि ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह चरमरा गया.
आज 'भाग्य चक्र' में शैलेंद्र पांडेय कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली और गुरु पर्व के महत्व पर चर्चा कर रहे हैं. इस दिन को लेकर एक प्रचलित मान्यता पर शैलेंद्र पांडेय कहते हैं, 'इसको वाराणसी में देव दीपावली कहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि शास्त्र कहता है कि देव दीपावली है.
कार्तिक मास की पूर्णिमा को दीपदान करने का विशेष धार्मिक महत्व है, जो पितृ शांति, कर्ज मुक्ति, रोगों से राहत और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति प्रदान करता है. नदी तट या तालाब पर दीपदान करने से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
कार्तिक पूर्णिमा पर धर्मिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से खास पुण्य प्राप्त होता है.। यदि नदी के किनारे नहीं जा सकते तो घर में गंगा जल मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और साफ सफेद वस्त्र पहनें. इसके बाद भगवान शिव और विष्णु के मंत्रों का जाप करें.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है जो गंगा घाटों पर फूलों और दीपों की श्रृंखला से जाना जाता है. इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करते हैं और नदी के किनारे दीप जलाकर पूजा करते हैं. यह दीपदान घर में नहीं बल्कि नदी के घाटों पर किया जाता है. इस पर्व का दीपावली से सामान्य संबंध नहीं है, बल्कि यह कार्तिक महीने का अंतिम दिन होता है जो बहुत पुण्यदायी माना जाता है.
Dev Diwali 2025: पंचांग के अनुसार, दिवाली के 15 दिन बाद देव दीपावली मनाई जाती है, जिसे देवताओं की दिवाली कहते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था. मान्यता है कि इस तिथि पर उनकी पूजा-अर्चना करने से साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है.
Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा का पर्व आज पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. यह दिन न सिर्फ हिंदू धर्म बल्कि जैन, सिख और बौद्ध धर्म में भी बेहद पवित्र माना जाता है. इस दिन देव दिवाली मनाई जाती है और गंगा स्नान, दीपदान और दान-पुण्य का भी इस दिन विशेष महत्व होता है.
Guru Nanak Jayanti 2025: सिख धर्म में गुरु नानक देव की जयंती का बहुत ही विशेष महत्व है. हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है.
कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली के पावन अवसर पर पटना, अयोध्या, और हरिद्वार जैसे शहरों में गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, 'सड़क पर जगह जगह जाम दिखाई दे रहा है जहां पर गंगा घाट है'. पटना के एम्स रोड से लेकर हरिद्वार के हाईवे तक, गंगा स्नान के लिए एकत्रित हुए लाखों लोगों के कारण ट्रैफिक की रफ्तार धीमी पड़ गई है.
Kartik Purnima 2025: आज देशभर में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन ग्रह नक्षत्र की दुर्लभ स्थिति इस त्योहार को खास बना रही है. ज्योतिषविदों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे ये शुभ योग 4 राशियों के लिए बहुत ही अच्छे माने जा रहे हैं.
Dev Diwali 2025: देव दिवाली का पर्व काशी और वाराणसी जैसे गंगा घाटों पर बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. वहीं, इस पर्व संबंध भगवान शिव और त्रिपुरासुर राक्षस के युद्ध से भी संबंधित माना जाता है. तो चलिए जानते हैं कि इस त्योहार की पौराणिक कथा.
Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. यह दिन पवित्र गंगा स्नान और धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप धूल जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
Kartik Purnima 2025 Shubh Muhurat: आज कार्तिक पूर्णिमा मनाई जा रही है. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन पवित्र गंगा स्नान और धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप धूल जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
कार्तिक मास की देव उठनी एकादशी भगवान विष्णु के जागरण का प्रतीक है, जो आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. इस दौरान पेट की अग्नि तेज होती है और खान-पान में बदलाव आता है. पुराणों में इसे हरिहर मिलन उत्सव कहा गया है, जहां शिव और विष्णु का मिलन होता है.
Kartik Purnima 2025: ज्योतिषियों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही विशेष और महत्वपूर्ण कहलाता है. इस दिन भगवान विष्णु-भगवान शिव की पूजा का विधान बताया गया है. तो चलिए जानते हैं कि इस शुभ दिन पर किन गलतियों से सावधान रहना चाहिए.
Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करने से धन-संपदा और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, पूर्णिमा के दिन स्नान-दान भी महत्वपूर्ण माना जाता है. वहीं, कार्तिक पूर्णिमा इस बार कई शुभ योगों में मनाई जाएगी. तो चलिए जानते हैं उन शुभ योगों के बारे में.
Kartik Purnima 2025: ज्योतिषियों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही खास होता है. इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु और भगवान शिव से जो कुछ भी मांगो, वह हर इच्छा पूरी होती है. तो चलिए जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कौन से खास उपाय करने चाहिए.
Dev Diwali 2025: साल 2025 की देव दिवाली बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कई सारे दुर्लभ संयोगों का निर्माण होने जा रहा है. इन शुभ संयोगों के कारण कुछ राशियों पर मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसने वाली है. तो चलिए जानते हैं उन राशियों के बारे में.
Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर इस बार भद्रा का साया रहने वाला है. ज्योतिष शास्त्र में भद्रा को अशुभ योगों में से एक माना जाता है क्योंकि इस दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर भद्रा लगने से स्नान और दान होगा या नहीं.
Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. कहते हैं कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से पापों का क्षय होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. इसे आत्मिक शुद्धि का श्रेष्ठ दिन माना गया है.
Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा का दिन भक्ति, दान और प्रकाश का प्रतीक है. मान्यता है कि इस दिन देवता स्वयं धरती पर आते हैं और ब्रह्मांड को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इस पावन दिन दीप जलाने, गंगा स्नान और दान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है.