सिंधु नदी, जिसे अंग्रेज़ी में "Indus River" कहा जाता है, दक्षिण एशिया की एक प्रमुख और ऐतिहासिक नदी है. यह नदी न केवल भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन सभ्यताओं की जननी रही है, बल्कि आज भी पाकिस्तान और उत्तरी भारत के जीवन, कृषि और अर्थव्यवस्था में इसका अत्यंत महत्त्वपूर्ण योगदान है.
सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर झील के निकट स्थित सिन-काबाब नामक क्षेत्र से होता है. यह नदी हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं को पार करते हुए लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों से होती हुई कराची के पास अरब सागर में गिरती है. इसकी कुल लंबाई लगभग 3,180 किलोमीटर है.
सिंधु की कई महत्वपूर्ण सहायक नदियां हैं, जिनमें झेलम नदी, चिनाब नदी, रावी नदी, ब्यास नदी और सतलुज नदी प्रमुख हैं. ये सभी नदियां पंजाब क्षेत्र से होकर बहती हैं, इसलिए इस क्षेत्र को "पांच नदियों की भूमि" कहा जाता है.
सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization), जो लगभग 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक फली-फूली, इसी नदी के किनारे विकसित हुई थी. मोहनजोदड़ो और हड़प्पा जैसे नगर इस सभ्यता के प्रमुख केंद्र थे. सिंधु नदी के कारण ही भारत को प्राचीन समय में ‘सिंधु’ और बाद में यूनानियों द्वारा ‘इंडस’ तथा अंग्रेजों द्वारा ‘इंडिया’ कहा गया.
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) पर हस्ताक्षर हुए थे.
पिछले हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हड़प्पा या सिंधु-सरस्वती सभ्यता की चर्चा करते हुए कहा कि सिंध भौगोलिक रूप से भले भारत से अलग हो गया हो, लेकिन सभ्यता और संस्कृति के स्तर पर वो हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा. उन्होंने उम्मीद भरे लहजे में ये भी कहा कि सीमाएं बदलती रहती हैं, 'कौन जानता है, कल को सिंध फिर भारत का हिस्सा बन जाए.'
सिंध को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद पाकिस्तान में खलबली मची हुई ोहै. पाकिस्तान के कई नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और उनमें बेचैनी साफ देखी जा सकती है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज सिंध भले देश का हिस्सा नहीं, लेकिन सभ्यता के लिहाज से हमेशा भारत का अंग रहेगा, और कब बॉर्डर भी बदल जाए कौन जानता है. रक्षा मंत्री का ये बयान तब आया है, जबकि पाकिस्तान में कई अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं. इसमें सिंध प्रांत भी शामिल है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में सिंधी समाज की आकांक्षाओं को आवाज दी तो पाकिस्तान को पसीने आने लगे. राजनाथ सिंह ने कहा है कि भले ही आज सिंध भौगोलिक रूप से भारत से जुड़ा नहीं हो लेकिन भविष्य में ये स्थिति बदल सकती है. उन्होंने कहा कि सिंध से हमारा सभ्यतागत जुड़ाव है.
बीजेपी सांसद मिथुन चक्रबर्ती ने सिंधु का पानी बहाल करने को लेकर पाकिस्तान की धमकियों पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान की जनता के लिए हमें कुछ नहीं कहना है. पाकिस्तान की जनता अच्छे लोग हैं. लेकिन उनके नेता अगर ऐसे ही बोलते रहेंगे तो हमारा माथा खराब हो जाएगा. फिर ब्रह्मोस चलेगा.
भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में इस महत्वाकांक्षी पावर प्रोजेक्ट के लिए इंटरनेशनल टेंडर्स मंगाए हैं. 1856 मेगावाट पावर प्रोजेक्ट के लिए ऑनलाइन बिड जमा करने की अंतिम तारीक 10 सितंबर निर्धारित की गई है.
भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव पर बोलते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौतों के भविष्य पर टिप्पणी की थी. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा था कि सिंधु जल संधि स्थगित हो या नहीं, शिमला समझौता पहले ही खत्म हो चुका है.
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद 24 अप्रैल को जलशक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल मंत्रालय के सचिव सईद अली मुर्तजा को पत्र लिखकर साफ कर दिया था कि भारत में सीमापार आतंकवाद के जरिए पाकिस्तान आतंकी हमले करता है. भारत ने तकनीकी कारणों का भी हवाला देते हुए भारत सरकार का सिंधु जलसंधि को रद्द का फैसला बता दिया गया था.
सिंधु जल के लिए पाकिस्तान विभिन्न देशों से गुहार लगा रहा है और भारत को चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र का पानी रोकने की धमकी दी जा रही है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्पष्ट किया कि चीन यदि ब्रह्मपुत्र का पानी रोक भी दे तो भारत पर इसका कोई बुरा असर नहीं होगा क्योंकि नदी का अधिकांश प्रवाह भारत में ही उत्पन्न होता है.
पाकिस्तान में सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों में जलस्तर घट रहा है, जिससे खरीफ फसलों की बुवाई के लिए संकट उत्पन्न हो गया है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया है कि 2 जून 2025 को पिछले वर्ष इसी दिन के मुकाबले पानी 10.3% कम आया, और सिंधु पर तरबैला व झेलम पर मंगला बांधों में भी जलस्तर कम है; अन्य दो बांधों में भी 50% पानी कम बताया गया है.
पाकिस्तानी संसद में शुक्रवार को बोलते हुए सांसद अली ज़फ़र ने आगाह किया कि अगर इस जल संकट को जल्द नहीं सुलझाया गया तो भूखमरी फैल सकती है और बड़े पैमाने पर मौतें हो सकती हैं. जफर ने कहा कि सिंधु बेसिन हमारी लाइफलाइन है, अगर हम अभी जलसंकट का समाधान नहीं करते हैं तो हम भूख से मर जाएंगे.
आतंकवाद और सिंधु के पानी पर PM Modi ने दिया संदेश तो Pakistan को लगी मिर्ची!
भारत द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंदू जल संधि स्थगित करने और अपने हिस्से का पानी जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के लिए उपयोग करने पर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने धमकी दी है, “अगर तुम हमारा पानी बंद करोगे तो हम तुम्हारी सांसें बंद कर देंगे.” भारत का कहना है कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई नहीं करता, समझौता स्थगित रहेगा. देखें...
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया था.अब एक महीने बाद, इसका पाकिस्तान पर क्या असर हुआ है, इसकी सैटेलाइट तस्वीरें सामने आ गई हैं