साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) की तैयारी के लिए राजनीतिक दलों में होड़ लगी हुई है. बीजेपी की अगुवाई वाले 'NDA' का मुकाबला करने के लिए विपक्ष ने एक नए नाम से गठबंधन बना लिया है, जिसका नाम 'INDIA' रखा गया है. इसका फुल फॉर्म 'इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्ल्युएसिव अलायंस' है (INDIA, Opposition New Alliance).
बेंगलुरु में हुई 26 विपक्षी पार्टियों की बैठक में गठबंधन का नाम 'इंडिया' रखते हुए एकजुटता का प्रदर्शन किया. वहीं, दूसरी तरफ, दिल्ली में भी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी (BJP) की अगुवाई में एनडीए की बैठक हुई. इस बैठक में लगभग 38 पार्टियां शामिल थें .
संसद भवन में कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संसद परिसर में श्रम कानून के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. मकर द्वार के पास विपक्षी सांसद बैनर और पोस्टर लेकर नारेबाजी कर रहे हैं. शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विपक्ष की यह कार्रवाई खास रूप से लेबर कोर्ट से जुड़ी विषयों पर केंद्रित है.
पीएम कार्यालय का नाम सेवा तीर्थ रखा गया है, जिससे विपक्ष में चर्चा और विवाद उत्पन्न हो गया है. विपक्ष का कहना है कि केवल नाम बदलने से कुछ नहीं होता, बल्कि काम में बदलाव होना चाहिए. उन्होंने मोदी सरकार पर देश की सड़कों, भवनों और योजनाओं के नाम बदलने का आरोप लगाया है. पीएम ने स्वयं को सेवक और चौकीदार बताया था, जिसका देश ने समर्थन किया है.
संसद के शीतकालीन सत्र की आज से शुरुआत हो गई है. संसद सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है. वहीं, सरकार चाहती है कि वंदे मातरम् पर चर्चा हो. ताजा अपडेट्स के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें...
बिहार में नीतीश कुमार एक बार फिर सीएम बन चुके हैं. चुनाव में NDA को प्रचंड बहुमत मिला. इस चुनाव में पीएम मोदी और NDA के खिलाफ विपक्ष के इंडिया अलायंस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. इसके बाद विपक्षी गठबंधन में अंदरूनी दरार की खबरें आ रही हैं. ऐसे में सवाल है क्या इंडिया गठबंधन बिहार की हार से उबर पाएगा और आने वाले चुनावों में एकजुट रह पाएगा? देखें हल्ला बोल.
बिहार में हार के बाद INDIA ब्लॉक में नेतृत्व पर 'तलवार' खिंच गई है. समाजवादी पार्टी (SP) ने खुलकर अखिलेश यादव को गठबंधन का नेता बनाने की मांग की है, जिससे राहुल गांधी के नेतृत्व पर सीधा सवाल खड़ा हो गया है. कांग्रेस की लगातार हार ने गठबंधन में उनकी बार्गेनिंग पावर घटा दी है. SP नेता 2027 UP चुनाव के लिए कांग्रेस को उसकी 'हैसियत' बता रहे हैं, जिससे विपक्षी एकता पर गंभीर संकट आ गया है.
बहस बाजीगर में बिहार के हालिया चुनाव परिणामों और राजनीतिक स्थितियों पर विस्तार से चर्चा की गई. बिहार में NDA की बंपर जीत ने विपक्ष के लिए कई सवाल खड़े किए हैं. बहस के दौरान विपक्ष की रणनीतियों, विकास कार्यों, सामाजिक न्याय, और राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका पर विचार किया गया. वक्ताओं ने बताया कि जनता ने विकास और विश्वास को प्राथमिकता दी है. साथ ही विपक्ष की चुनौतियों और लोकतंत्र की मजबूती को भी साझा किया गया. देखें बहस बाजीगर.
Axis My India के सर्वे में बिहार में एनडीए को 121 से 141 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं महागठबंधन को 98 से 118 सीटें मिल सकती हैं. यानी एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में भी एनडीए सरकार बनती दिख रही है. इसके अलावा जनसुराज को 0-2, AIMIM को 0-2 और अन्य को 1 से 5 सीटें मिलने का अनुमान है.
बिहार के चंपारण क्षेत्र की बात करें तो सर्वे में एनडीए को 12 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. वहीं महागठबंधन के खाते में 9 सीटें जाती दिख रही हैं. चंपारण क्षेत्र में एनडीए को 44 तो महागठबंधन को 41 फीसदी वोट मिला है. देखें Axis My India का Exit Poll.
bihar exit poll results 2025: एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में NDA को 43 प्रतिशत वोट शेयर मिलता नजर आ रहा है. वहीं महागठबंधन को 41 प्रतिशत, प्रशांत किशोर की जनसुराज को 4 प्रतिशत तो अन्य को 12 प्रतिशत वोट शेयर मिलता नजर आ रहा है.
बिहार चुनाव में लगभग 18% मुस्लिम आबादी के वोटों को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. एक ओर तेजस्वी यादव का महागठबंधन अपने पारंपरिक मुस्लिम-यादव (M-Y) समीकरण को साधने में जुटा है, तो वहीं असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी इस वोट बैंक में अपनी हिस्सेदारी के लिए जोर लगा रही हैं. सीमांचल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में ओवैसी के प्रभाव से वोटों के बंटवारे की आशंका बढ़ गई है, जैसा 2020 के चुनाव में हुआ था जब उनकी पार्टी ने 5 सीटें जीतकर महागठबंधन को सत्ता से दूर करने में भूमिका निभाई थी.
बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के बाद सियासी घमासान तेज हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, तेज प्रताप यादव और खेसारी लाल यादव जैसे चेहरे चर्चा के केंद्र में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, 'जहाँ कट्टे और रंगदारी का राज़ चलता है वहाँ नौजवानों के सपने दम तोड़ देते हैं.' वहीं, RJD ने हाजीपुर के स्ट्रांग रूम का वीडियो जारी कर EVM में छेड़छाड़ और 'वोट चोरी' का सनसनीखेज आरोप लगाया है.
बिहार चुनाव में पहले दौर की रिकॉर्ड वोटिंग के बाद राजनीतिक बहस तेज हो गई है. घुसपैठ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली. एक ओर जहां भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और रोजगार से जुड़ा गंभीर मसला बताया, वहीं कांग्रेस ने इसे ध्रुवीकरण की कोशिश करार दिया. बहस में 'जंगलराज' की वापसी के आरोपों पर भी जमकर चर्चा हुई, जिसमें भाजपा ने लालू प्रसाद यादव के शासनकाल का जिक्र किया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में हुए रिकॉर्ड तोड़ मतदान ने सियासी घमासान को चरम पर पहुंचा दिया है. पहले चरण की 121 सीटों पर 65% से अधिक की बंपर वोटिंग के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'जंगलराज' के खिलाफ वोट बताते हुए विपक्ष पर हमला बोला, तो वहीं तेजस्वी यादव ने इसे बदलाव के लिए मतदान करार दिया है. इस बीच, नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी का दौर भी जारी है.
बिहार चुनाव के पहले चरण में हुए रिकॉर्ड मतदान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इस बंपर वोटिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव और जन सुराज के प्रशांत किशोर, सभी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'पहले चरण में जंगलराज वालों को 65 बोल्ट का झटका लगा है.' वहीं, तेजस्वी यादव का दावा है कि यह बढ़ी हुई वोटिंग एनडीए सरकार के खिलाफ है और जनता ने महागठबंधन की जीत पर मुहर लगा दी है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में हुए रिकॉर्ड तोड़ मतदान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इस बंपर वोटिंग के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और जन सुराज के प्रशांत किशोर, सभी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि बढ़ा हुआ वोटिंग प्रतिशत यह दिखाता है कि बिहार की 60% से ज़्यादा जनता बदलाव चाहती है और जन सुराज के रूप में उन्हें एक नया विकल्प मिला है.
बिहार में पहले चरण के रिकॉर्ड 64.66% मतदान के बाद राजनीतिक समीकरणों पर बहस तेज हो गई है, जिससे एनडीए और महागठबंधन दोनों की धड़कनें बढ़ गई हैं. जहाँ कुछ विशेषज्ञ इसे महिला मतदाताओं की निर्णायक भूमिका से जोड़ रहे हैं, वहीं जन सुराज के प्रशांत किशोर ने प्रवासी मजदूरों को असली 'एक्स फैक्टर' बताया है. दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़े फैसले में देशभर के सार्वजनिक संस्थानों जैसे स्कूल, अस्पतालों और बस अड्डों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है.
बिहार में पहले चरण के रिकॉर्ड मतदान के बाद सियासी घमासान तेज हो गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज तक से खास बातचीत में एनडीए की जीत का दावा करते हुए कहा है कि वे 160 से ज्यादा सीटों के साथ दो-तिहाई बहुमत की सरकार बनाएंगे. शाह ने कहा, 'एक तरफा चुनाव है, भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के दल स्वीप करने जा रहे हैं.' वहीं, तेजस्वी यादव ने बंपर वोटिंग को महागठबंधन की जीत पर मुहर बताया है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में हुए रिकॉर्ड मतदान ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. इस बंपर वोटिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के एनडीए तथा तेजस्वी यादव के महागठबंधन, दोनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. महागठबंधन इसे बदलाव का जनादेश बता रहा है, तो वहीं एनडीए इसे मौजूदा सरकार में जनता का भरोसा मान रहा है. इस बढ़े हुए मतदान प्रतिशत पर राजनीतिक विश्लेषकों के बीच बहस छिड़ गई है.
बिहार चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड 64.69% मतदान के बाद राजनीतिक दलों के बीच जीत के दावों का दौर शुरू हो गया है. तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार दोनों के खेमे इस बंपर वोटिंग को अपने-अपने पक्ष में बता रहे हैं. एक ओर जहां तेजस्वी यादव ने कहा है कि 'आप लोगों ने महागठबंधन की जीत पर जो है, मुहर लगाने का काम किया है', वहीं भाजपा की तरफ से पलटवार करते हुए कहा गया कि 'इस बार भी लालू जीके पूरे परिवार से कोई चुनाव जीतकर नहीं आएगा'.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड 64.66% मतदान दर्ज किया गया, जिसमें 121 सीटों पर बंपर वोटिंग हुई. महिला मतदाताओं की भूमिका किंगमेकर के तौर पर देखी जा रही है. खेसारी लाल यादव ने रोजगार को राम मंदिर से जोड़ते हुए सवाल उठाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के चुनावी वादों पर भी चर्चा हुई. डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के काफिले पर लखीसराय में हमला हुआ, जिसका आरोप आरजेडी समर्थकों पर लगा. मुस्लिम बहुल सीटों पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. बिहार चुनाव में महिला मतदाताओं की बढ़ती भूमिका का भी विश्लेषण किया गया है, जिन्हें 'साइलेंट वोटर' माना जा रहा है. महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और उनकी चुप्पी ने सभी राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं, क्योंकि उनका वोट ही चुनाव के नतीजों को तय कर सकता है.