हेयर ट्रांसप्लांट केस में दो इंजीनियरों की मौत के आरोपों के बाद फरार चल रहीं डॉक्टर अनुष्का तिवारी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित कर दी हैं. अलग-अलग जिलों में पुलिस अनुष्का और उनके पति की तलाश कर रही है. इसी बीच पुलिस ने डॉक्टर अनुष्का के पिता को बुलाकर सख्ती से पूछताछ की. उन्होंने अनुष्का की लोकेशन के बारे में जानकारी होने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, हमें नहीं पता कि वह कहां हैं या कहां हो सकती हैं.
मामले की जांच कर रहे एसीपी अभिषेक पांडे ने बताया कि झांसी, कानपुर देहात, लखनऊ और कानपुर सिटी में कई स्थानों पर दबिश देकर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए गए हैं. अनुष्का और उनके पति दोनों के फोन स्विच ऑफ हैं, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है. उधर, अनुष्का तिवारी ने अपने वकील के माध्यम से एक बयान पुलिस को भेजा है, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है. एसीपी का कहना है कि यह बयान मान्य नहीं है और उनकी तलाश जारी है.
फरीदाबाद से की थी बीडीएस की पढ़ाई
अनुष्का की डिग्री को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं. जांच में सामने आया है कि डॉक्टर अनुष्का ने फरीदाबाद के मानव रचना डेंटल कॉलेज से बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) किया था. वहीं उनके पति सौरभ ने कानपुर के महाराणा प्रताप डेंटल कॉलेज से बीडीएस और फिर एमडीएस किया है. बीडीएस करने के बावजूद अनुष्का खुद को डर्मेटोलॉजिस्ट बताकर लोगों की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी कर रही थीं.
बीडीएस एसोसिएशन में नहीं है पंजीकरण
उत्तर प्रदेश के बीडीएस डॉक्टरों के संगठन के अध्यक्ष अवधेश तिवारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुष्का तिवारी उनके संगठन की सदस्य नहीं हैं और उनका कोई पंजीकरण भी नहीं है. उन्होंने कहा, यदि कोई बीडीएस डॉक्टर सर्जरी करने का झूठा दावा करता है और मरीजों की जान खतरे में डालता है, तो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए.
इंजीनियरों की मौत के बाद सुर्खियों में आया मामला
हाल ही में पनकी पावर हाउस के इंजीनियर विनीत दुबे और इंजीनियर मयंक कटियार की मौत के बाद यह मामला सुर्खियों में आया. दोनों मामलों में परिजनों ने सीधे तौर पर डॉक्टर अनुष्का तिवारी पर आरोप लगाए हैं. विनीत दुबे की पत्नी जया त्रिपाठी की शिकायत पर रावतपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. इसके बाद मयंक कटियार का परिवार भी सामने आया और उन्होंने भी डॉक्टर अनुष्का के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.
मयंक से ऑनलाइन लिया था पैसा
मयंक के भाई ने बताया कि मयंक कल्याणपुर के इंदिरा नगर में अपनी बुआ की बेटी के घर रह रहे थे. बाल झड़ने की समस्या के कारण वह हेयर ट्रांसप्लांट कराना चाहते थे. उन्होंने ऑनलाइन सर्च करके एंपायर क्लिनिक, केशवपुरम की डॉक्टर अनुष्का तिवारी से संपर्क किया. डॉक्टर से बातचीत के बाद वह क्लिनिक पहुंचे, जहां जांच के बाद सर्जरी का खर्च ₹40,000 बताया गया. ऑनलाइन भुगतान के बाद डॉक्टर ने 5 घंटे की सर्जरी की. बाद में उन्होंने बताया कि मयंक पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें घर ले जाया जा सकता है.
घर पहुंचने के कुछ समय बाद सर्जरी वाले हिस्से में तेज दर्द शुरू हुआ. डॉक्टर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने फोटो और वीडियो मंगवाए और कुछ दवाइयाँ बताईं. आराम न मिलने पर एक इंजेक्शन लेने को कहा गया, जिससे भी कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद डॉक्टर ने किसी अन्य अस्पताल में ले जाने को कहा. वहां स्थिति बिगड़ गई और कुछ देर में मयंक की मौत हो गई. जब परिजनों ने डॉक्टर को फोन कर इसकी जानकारी दी तो उन्होंने कॉल काट दिया और सभी नंबर ब्लॉक कर दिए.
विनीत ने दिए थे ₹50 हजार कैश
इसी तरह, इंजीनियर विनीत दुबे की पत्नी जया त्रिपाठी ने बताया, मेरे पति के अकाउंट से डॉक्टर अनुष्का तिवारी ने ऑनलाइन ₹1,000 एडवांस लिए थे, जबकि ₹50,000 उन्हें कैश में दिए गए थे. इसके बावजूद सही इलाज नहीं किया गया और मेरे पति की जान चली गई. जया ने बताया कि डॉक्टर ने एक अन्य नंबर से कॉल करके बिना नाम बताए बताया था कि उनके पति की तबीयत खराब है और उन्हें अनुराग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. जब उनके चाचा वेद प्रकाश त्रिपाठी अस्पताल पहुंचे तो स्थिति गंभीर थी. फिर उन्हें रीजेंसी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.