कानपुर में एक डॉक्टर द्वारा हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से दो इंजीनियर की मौत हो गई और एक की जान जाते-जाते बची. इन दोनों केस में एक चीज कॉमन थी, ऑपरेशन के कुछ देर बाद ही दोनों पेशेंट के चेहरे पर भयंकर स्वेलिंग आ गई थी, असहनीय दर्द होने लगा था और चेहरा भी एकदम बदल गया था.
अब ऐसे में लोगों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं कि हेयर ट्रांसप्लांट के समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए. ऐसे में एलएलआर हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजिस्ट और एक्सपर्ट डॉ देव प्रकाश शिवहरे ने कुछ बातें बताई हैं जो हर किसी को ट्रांसप्लांट से पहले ध्यान रखना चाहिए.
पैच टेस्ट का रखें ध्यान
फर्रुखाबाद के रहने वाले इंजीनियर मयंक की बहन ने आरोप लगाया कि हेयर ट्रांसप्लांट करने के पहले जब एनेस्थीसिया लगाया जाता है. फिर सिर पर एक बैंड बांधा जाता है जिससे एनेस्थीसिया का फ्लो सिर से नीचे ना आए. यही सूजन की वजह बनता है. मयंक की बहन वंशिका का कहना है कि जब यह बेसिक चीज ही डॉक्टर को नहीं पता थी तो उसे ऑपरेशन के बारे में क्या ही पता होगा?
डॉ देव प्रकाश शिवहरे बताते हैं कि एनेस्थीसिया से भरा इंजेक्शन सिर पर लगाया जाता है ताकि ऑपरेशन के दौरान दर्द ना हो तो माथे पर एक बैंड या पट्टी बांधी जाती है ताकि एनेस्थीसिया का फ्लो चेहरे पर ना आए और जिसकी वजह से सूजन ना बढ़े. इसके साथ ही सबसे पहले लोकल एनेस्थीसिया का पेशेंट की बॉडी पर असर जांचने के लिए एक इंजेक्शन पेशेंट के हाथ पर लगाया जाता है और कुछ देर इंतजार किया जाता है यह देखने के लिए की बॉडी पर क्या रिएक्शन हो रहा है. अगर कोई बॉडी पर असामान्य रिएक्शन होता है तो प्रोसीजर नहीं किया जाता.
डॉ नियाब का कहना है, 'अधिकतर डॉक्टर एनेस्थीसिया का टेस्ट पेशेंट की बॉडी पर नहीं करते जो की सबसे बड़ी गलती है. पेशेंट के हाथ पर एनेस्थीसिया लगाकर कुछ देर रुकना चाहिए और देखना चाहिए की बॉडी में किस तरीके का रिएक्शन हो रहा है. ट्रांसप्लांट एक प्रोफेशनल डॉक्टर और ट्रेंड टेक्निशियन की टीम के अंदर किया जाए तो बिलकुल सेफ है.'
सर्टिफिकेट होना चाहिए
जो डॉक्टर हेयर ट्रांसप्लांट करते हैं उनके पास इस प्रोसीजर का सर्टिफिकेट होना चाहिए जो की प्रॉपर ट्रेनिंग और कोर्स के बाद मिलता हैय साथ ही जो टेक्निशियन हेयर ट्रांसप्लांट करते हैं वह भी ट्रेंड होने चाहिए.
जो टेक्निशियन हेयर ट्रांसप्लांट करते हैं उनके हाथ पूरे सेनीटाइज होने चाहिए, इसका ध्यान डॉक्टर को देना चाहिए. अगर हाथ सेनीटाइज नहीं होंगे तो इंफेक्शन का खतरा बहुत बढ़ जाता है.
हेयर ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट और फेस वैल्यू क्लीन क्लिनक के मालिक डॉ. रितेश का कहना है, 'हेयर ट्रांसप्लांट से मौत के चांसेस ना के बराबर होते हैं. इसकी मूल वजह या तो अत्यधिक ब्लीडिंग होती है या तो डॉक्टर द्वारा दी गई ड्रग्स और मेडिकेशन पेशेंट की बॉडी में रिएक्शन होना. इसलिए प्रोसीजर के पहले सभी जांच करना अनिवार्य है. प्रोसीजर के बाद माथे पर कंट्रोल्ड तरीके से बैंडेज बांधी जाती है ताकि डॉक्टर द्वारा दिया गया एनेस्थीसिया और सलाइन वॉटर ना तो पूरी तरीके से चेहरे पर एकम्युलेट हो पाए और ना ही माथे में पूरी तरीके से रुक पाए.'