मछली
मछलियां (Fish) जलीय, क्रेनियेट, गिल-असर वाले जानवर हैं जिनमें अंगों की कमी होती है. इस तरह मछलियों में हगफिश, लैम्प्रे, और कार्टिलाजिनस और बोनी मछली के साथ-साथ विभिन्न विलुप्त संबंधित समूह है. मछलियों की प्रजातियों में से लगभग 99% रे-फिनिश मछली हैं (Fish species), जो एक्टिनोप्ट्रीजी वर्ग से संबंधित हैं और इसमें 95% से अधिक टेलोस्ट समूह में रखे गए हैं (Actinopterygi Group Fish).
सबसे पहले पाए जाने वाले जीव कॉर्डेट (chordates) मछली थे (First Appeared Fish), जो पहली बार कैम्ब्रियन काल के दौरान दिखाई दिए थे. समय के साथ धीरे धीरे मछलियों का विकास जारी रहा और उनके रूपों में विविधता आती गईं. पैलियोज़ोइक की कई मछलियों ने बाहरी कवच विकसित किया जो उन्हें शिकारियों से बचाते थे. जबड़े वाली पहली मछली सिलुरियन काल में दिखाई दी (The first fish with jaws appeared).
अधिकांश मछलियां एक्टोथर्मिक (Cold Blooded Fish) होती हैं, जिससे उनके शरीर का तापमान परिवेश के तापमान में परिवर्तित हो जाता है. मछली एक दूसरे के साथ भोजन, आक्रामकता या प्रेमालाप के लिए ध्वनिक रूप से संवाद कर सकती है (Fish can Communicate).
अधिकांश जलाशयों में मछलियां काफी मात्रा में होती हैं. वे लगभग सभी जलीय वातावरणों में पाए जा सकते हैं. मछलियों के 34,300 प्रजातियां हैं जो एंफिवियंस के किसी भी अन्य समूह की तुलना में सबसे अधिक प्रजातियां हैं.
चिकन और मछली दोनों में प्रोटीन होता है लेकिन चिकन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जबकि मछली में प्रोटीन की गुणवत्ता बेहतर होती है. दोनों में से क्या खाना अधिक बेहतर है, इस बारे में जानेंगे.
चिकन और मछली दोनों ही नॉनवेज खाने वालों के लिए प्रोटीन का बेस्ट सोर्स हैं. इनमें शरीर के लिए जरूरी सभी नौ अमीनो एसिड होते हैं जिन्हें हमारा शरीर खुद नहीं बना सकता.
क्या आने वाला है प्रलय? क्योंकि समुद्र से वो मछली मिली है, जिसे बेहद अशुभ माना जाता है. इस मछली को डूम्सडे फिश के नाम से जाना जाता है.
बांग्लादेश की मशहूर मछली हिल्सा की तस्करी को रोकने के लिए बांग्लादेश की सेना समुद्र में युद्धपोत से निगरानी कर रही है. यहां 25 अक्टूबर तक मछली पकड़ने पर तीन हफ़्ते का प्रतिबंध भी लगा दिया है. आइए जानते हैं यह मछली क्यों खास है.
हिल्सा मछली बांग्लादेश की नेशनल मछली है. जिसकी डिमांड दुनियाभर में होती है. बांग्लादेश के defense फोर्स के मुताबिक, उन्होंने स्पेशल सर्विलांस Operation के तहत युद्धपोतों और गश्ती विमानों को तैनात किया है ताकि बेशकीमती समुद्री मछली हिल्सा को उसके ब्रीडिंग सीजन के दौरान अवैध रूप से पकड़े जाने से बचाया जा सके.
बंगाल की रसोई में कभी शान से परोसी जाने वाली हिल्सा मछली अब आम लोगों के लिए एक दूर की चीज बनती जा रही है. सप्लाई घट रही है, दाम बढ़ते जा रहे हैं, पर्यावरण में आ रहे बदलाव इसे अब लग्जरी डिश बनाते जा रहे हैं.
कैलिफोर्निया तट पर 3268-4119 मीटर गहराई से तीन नई स्नेलफिश प्रजातियां मिलीं: बम्पी, डार्क और स्लीक. बम्पी स्नेलफिश गुलाबी, टेडपोल जैसी, गूगली आंखों वाली है. ये गहरे समुद्र के जीव दबाव और अंधेरे में जीवित रहते हैं. यह जैव विविधता की रक्षा के लिए जरूरी है, क्योंकि माइनिंग इसका खतरा बढ़ा रही है.
बिहार के लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और बिहार सरकार के ग्रामीण मंत्री अशोक चौधरी कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने पहुंचे थे. कार्यक्रम खत्म होने के बाद जो लोग इसमें शामिल होने आये थे उनके लिये भोजन की भी इंतजाम था. इस दावत में मटन भी शामिल था और खुद ललन सिंह ने लोगों से भोजन करके जाने की अपील की.
बारिश के मौसम में तालाब में मछलियों की देखभाल करना बहुत जरूरी होता है ताकि वे बीमार न हों और अच्छे से बढ़ती रहें.
केन्द्र की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और झारखंड सरकार के सहयोग से गांवों के महिला-पुरुष एक खास तकनीक के साथ मछली पालन कर रहे हैं. अब बिहार और झारखंड के कारोबारी उनके गांव में मछली खरीदने आते हैं.
करनाल के रहने वाले जय भगवान ने रोजगार के लिए मछली पालन व्यवसाय को अपनाया. उन्होंने 2008 में अपने एक मित्र के साथ मिलकर इस उद्योग की शुरुआत की. धीरे धीरे उन्होंने करनाल के काछवा रोड के पास 15 एकड़ जमीन पर तालाब बनाए.
मछली पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई तरह की योजना चला रही है. अगर आप भी मछली पालन का बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लेना चाहिए. आइए जानते हैं इस योजना का लाभ लेने के लिए कैसे करें आवेदन.
द्र और राज्य सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अलग-अलग योजनाएं चला रही हैं. इसी क्रम में सजावटी (रंगीन) मछलियों के पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है.
भारत को हिल्सा निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कुछ सप्ताह बाद बांग्लादेश ने अब अपना फैसला पटलने का फैसला किया है. अंतरिम सरकार ने शनिवार को आगामी दुर्गा पूजा उत्सव के लिए 3,000 टन हिल्सा मछली के निर्यात को मंजूरी दे दी है. इसके पहले मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने हिल्सा मछली के निर्यात पर रोक लगा दी थी.
उत्तर प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मत्स्य पालन योजना चलाई जा रही है. इस योजना का लाभ पाने के लिए 3 सितंबर 2024 तक आवेदन किया जा सकता है.
आपने तैरने वाली मछलियां तो देखी ही होंगी. कभी उड़ने वाली मछली देखी है क्या. यहां इस स्टोरी में आपको समंदर में उड़ने वाले मछली के बारे में बताएंगे. यह मछली कई सौ मीटर तक पानी के ऊपर उड़ सकती है. आइए जानते हैं इस मछली के बारे में...
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरीकों से किसानों की मदद कर रही है. तो चलिए आपको बताते हैं आप कैसे ले सकते हैं लाभ.
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरीकों से किसानों की मदद कर रही है. तो चलिए आपको बताते हैं आप कैसे ले सकते हैं लाभ.
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार के मुंगेर जिले में केज कल्चर तकनीक शुरू की गई है. इसके लिए खड़गपुर झील में तैरते पानी के बीच केज लगाया गया है. केज कल्चर तकनीक से तालाब या झील की तुलना में मछलियों का विकास तेजी से होता है.
सरकार ने मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए एक योजना की शुरुआत की है. इसके तहत कम खर्च में घर पर ही मछली पालन का बिजनेस कर सकते हैं. जिसमें 2 लाख रुपये तक सालाना कमाई की जा सकती है. इस योजना में सभी वर्गों के लिए सब्सिडी है.
गुजरात में पाई जाने वाली मछली घोल फिश, भारत देश की सबसे बड़ी मछलियों में से एक है. अहमदाबाद स्थित सायंस सिटी में दो दिवसीय ग्लोबल फ़िशरिश कान्फ्रेंस इंडिया 2023 में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने घोल फिश को स्टेट फिश घोषित किया है. आइए जानते हैं इसकी खासियत.