द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद कनिमोझी ने लोकसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सरकार पर लगातार फेल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि विफलता की वजह से ही पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसके बाद भारत को वैश्विक स्तर पर अपना रुख साफ करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजना पड़ा.
'विश्वगुरु ने हमें निराश किया'
कनिमोझी ने कहा कि ऑल पार्टी डेलीगेशन भेजते वक्त बीजेपी ने पहली बार विपक्ष में भरोसा किया और देश का प्रतिनिधित्व करने विदेश गए दल में विपक्षी नेताओं को भी शामिल किया गया. उन्होंने कहा कि लेकिन इसकी नौबत क्यों आई. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह अभी बोल रहे थे, विपक्ष ब्लेम गेम खेल रहा है. आप तीसरी बार सत्ता में हैं और तब भी दूसरों पर ही आरोप लगा रहे हैं.
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डीएमके सांसद ने कहा कि सरकार कहती है कि भारत विश्वगुरु है. उन्होंने मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए आतंकी हमले गिनाते हुए कहा कि आपके पास इसका कोई जवाब नहीं है. आप हर बार कहते हो कि ऐसा फिर नहीं होगा. विश्वगुरु ने इन आतंकी हमलों से क्या सीखा, विश्वगुरु हमें निराश किया है, विश्वगुरु ने कोई सबक नहीं सीखा, विश्वगुरु किसी को कुछ नहीं सिखाता. इन हमलों की जिम्मेदारी कौन लेगा.
हमले के अलर्ट पर एक्शन क्यों नहीं?
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले से पहले खुफिया अलर्ट जारी किए गए थे, लेकिन उन्हें नज़रअंदाज़ किया गया. उन्होंने कहा कि जब रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो ने पहले ही संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दी थी, तो कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया. कनिमोझी ने कहा कि एक अमेरिकी कंपनी ने दिखाया कि एक पाकिस्तानी कंपनी जम्मू-कश्मीर के मैप की रेकी करी रही थी. उन्होंने आगे कहा कि क्या हमले के बाद प्रधानमंत्री ने पीड़ितों के परिवारों से माफी मांगी है? आज तक उन्होंने पछतावे का एक शब्द तक नहीं बोला.
उन्होंने कहा कि ये एक्सटेंशन वाली सरकार है. सभी अफसरों को एक्सटेंशन मिल रहा है. क्या आपको अपने दूसरे नंबर के अफसरों पर भरोसा नहीं है? डीएमके सांसद कनिमोझी ने पूछा कि क्या केंद्र ने पहलगाम हमले के पीड़ितों को मुआवजा दिया, पूरी जिम्मेदारी राज्यों पर क्यों डाल दी गई?
पीएम ने एक बार भी नहीं मांगी माफी
उन्होंने कहा कि जब 26/11 का मुंबई हमला हुआ, तो प्रधानमंत्री ने सामने आकर देश के लोगों से माफी मांगी थी और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, और हमें इसे रोकना चाहिए था. उनसे विनम्रता सीखने सीखने की जरूरत है, वह अब हमारे बीच नहीं रहे. कनिमोझी देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बात कर रही थीं, जो 2004 और 2009 में दो बार यूपीए की सरकार में प्रधानमंत्री रहे.
कनिमोझी ने आगे कहा कि पहलगाम में मारे गए लोगों की ज़िम्मेदारी कौन लेता है? पर्यटकों ने सरकार पर भरोसा किया था. लेकिन केंद्र सरकार ने इन पीड़ितों के लिए कुछ भी नहीं किया, राज्य सरकारें इनकी देखभाल कर रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष दलों को कम देशभक्त बताती है लेकिन डीएमके पहली पार्टी थी, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन हमारी आर्म्ड फोर्स के समर्थन में रैली निकालने वाले पहले व्यक्ति थे.
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उन्होंने कहा कि जब आपने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, तो विपक्षी सांसदों ने आपसे कहा था- हम आपके साथ खड़े हैं. हम इस देश के साथ खड़े हैं. लेकिन जवाहर लाल नेहरू को तो कांग्रेस भी उतना याद नहीं करती जितना आप करते हैं. डीएमके के युवा महात्मा गांधी और पेरियार को ज़्यादा पढ़ रहे हैं, नेहरू जी को आज भी ज़्यादा पढ़ा जा रहा है. राहुल गांधी और कांग्रेस को आपका आभारी होना चाहिए.