दार्जिलिंग (Darjeeling), पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तरी छोर पर स्थित एक सुंदर पहाड़ी नगर है. यह नगर पूर्वी हिमालय की गोद में बसा हुआ है और समुद्र तल से इसकी औसत ऊँचाई लगभग 2,045 मीटर (6,709 फीट) है. दार्जिलिंग के पश्चिम में नेपाल, पूर्व में भूटान, उत्तर में सिक्किम राज्य और आगे उत्तर में चीन का तिब्बत क्षेत्र स्थित है. दक्षिण दिशा में बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल का मैदान क्षेत्र है. साफ मौसम में यहां से विश्व की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी कंचनजंघा का मनमोहक दृश्य स्पष्ट रूप से दिखाई देता है.
दार्जिलिंग का इतिहास 19वीं सदी के आरंभ से जुड़ा है. उस समय भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था, और ब्रिटिश अधिकारियों ने इस ठंडी वादियों वाले क्षेत्र को गर्मियों में विश्राम स्थल (Hill Station) के रूप में विकसित करने की योजना बनाई. इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने इस क्षेत्र को सिक्किम राज्य से पट्टे पर लिया, और बाद में इसे ब्रिटिश भारत में शामिल कर लिया गया.
ब्रिटिश शासनकाल में यहां चाय की खेती का प्रयोग शुरू किया गया, जो अत्यंत सफल रहा. इसके बाद नेपाल से हजारों मजदूरों को बुलाकर जंगल साफ करवाए गए, यूरोपीय शैली के कॉटेज बनवाए गए और चाय बागानों की स्थापना की गई. धीरे-धीरे यह क्षेत्र “दार्जिलिंग टी” के नाम से विश्वभर में प्रसिद्ध हो गया.
ब्रिटिश काल में ही 19वीं सदी के उत्तरार्ध में यहां दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (Darjeeling Himalayan Railway) का निर्माण हुआ.
यह एक संकरी रेल लाइन है, जो पहाड़ों के बीच घूमते हुए चाय के बागानों और सुंदर घाटियों से गुजरती है. आज यह रेलवे लाइन यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है और दार्जिलिंग का प्रमुख आकर्षण मानी जाती है.
2011 की जनगणना के अनुसार, दार्जिलिंग नगर निगम क्षेत्र की आबादी लगभग 1,18,805 थी. इसमें 59,187 पुरुष और 59,618 महिलाएं थीं, यानी लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 1007 महिलाएं था, जो भारत के औसत से बेहतर है. यहां की साक्षरता दर 93.9% है, जिसमें पुरुष साक्षरता 96.4% और महिला साक्षरता 91.3% दर्ज की गई.
यहां के अनुसूचित जनजाति समुदायों की हिस्सेदारी 22.4% और अनुसूचित जातियों की 7.7% है. करीब 21% आबादी झुग्गी-झोपड़ियों में निवास करती है. दार्जिलिंग की अर्थव्यवस्था का लगभग पूरा आधार चाय उत्पादन और पर्यटन पर निर्भर है.
दार्जिलिंग की पहचान उसकी विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग टी से है. यह चाय अपने सुगंध, स्वाद और गुणवत्ता के लिए विश्वभर में जानी जाती है.
चाय के पौधों से पत्तियाँ प्रायः महिलाएं तोड़ती हैं, जबकि फैक्ट्रियों में पुरुष मशीनों के माध्यम से उन्हें फर्मेंट, सुखाकर और पैक करते हैं.
दार्जिलिंग की चाय को “चायों की शैम्पेन (Champagne of Teas)” कहा जाता है.
दार्जिलिंग में पर्यटन पूरे वर्ष चलता है, लेकिन दो प्रमुख सीजन अप्रैल-मई और सितंबर-नवंबर के बीच होते हैं. इस दौरान पर्यटक यहां की ठंडी हवाओं, पहाड़ों, मठों, बागानों और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आते हैं.
प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की बात करें तो-
टाइगर हिल (Tiger Hill): जहां से सूर्योदय के समय कंचनजंघा का दृश्य अद्भुत लगता है.
चौरस्ता (Chowrasta): शहर का प्रमुख बाजार और मिलने-जुलने की जगह.
जापानी पीस पगोडा (Japanese Peace Pagoda): शांति और सौहार्द का प्रतीक बौद्ध स्तूप.
रॉक गार्डन: सीढ़ीनुमा बगीचा, जहां झरने और फूल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
बटासिया लूप: दार्जिलिंग रेलवे का ऐतिहासिक मोड़, जहां ट्रेन घूमते हुए सुंदर नजारा देती है.
दार्जिलिंग के पुराने बंगले अब लक्जरी होटलों में तब्दील हो चुके हैं, जो विदेशी सैलानियों को आकर्षित करते हैं.
आज दार्जिलिंग न केवल पश्चिम बंगाल, बल्कि पूरे भारत का लोकप्रिय हिल स्टेशन है. यहां की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चाय उद्योग और पर्यटन पर आधारित है. सुंदर प्राकृतिक नज़ारे, ब्रिटिश काल की झलक, और हिमालय की ठंडी वादियों का यह संगम, दार्जिलिंग को “पूर्व की रानी” (Queen of the Hills) बनाता है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग क्षेत्र में गोरखा मुद्दे से संबंधित केंद्र सरकार की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा बिना राज्य सरकार की सहमति के एक सेवानिवृत्त IPS अधिकारी को इंटरलोक्यूटर नियुक्त करना संवैधानिक अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन है.
ममता बनर्जी ने PM मोदी को पत्र लिखकर दार्जिलिंग में केंद्र द्वारा नियुक्त इंटरलोक्यूटर को असंवैधानिक बताया. गोरखा मुद्दे पर राज्य-केंद्र टकराव बढ़ा.
दार्जिलिंग हिल्स में प्रशासनिक निकाय GTA ने स्कूलों को राज्य गान अनिवार्य करने से छूट दी है. पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी स्कूलों में राज्य गान 'बांग्लार माटी बांग्लार जल' को अनिवार्य किया था, लेकिन GTA ने क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता और भाषाई पहचान को ध्यान में रखते हुए नेपाली पारंपरिक गीतों और प्रार्थना की अनुमति दी है.
दार्जिलिंग के मीरिक झील में 22 वर्षीय साहिल राय ने आत्महत्या कर रहे एक अजनबी को बचाने के लिए अपनी जान दे दी. लक्ष्मी पूजा की रात हुई इस घटना ने पूरे इलाके को भावुक कर दिया. साहिल का शव मंगलवार सुबह बरामद हुआ. ग्रामीणों ने उसे 'मीरिक का हीरो' बताते हुए इंसानियत की मिसाल कहा.
दार्जिलिंग के मीरिक झील में लक्ष्मी पूजा की रात 22 वर्षीय साहिल राय ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी. सोमवार रात झील किनारे उसने देखा कि मीरिक बाजार का निवासी सदीप दार्जी आत्महत्या के लिए झील में कूद गया है. साहिल बिना देर किए उसे बचाने के लिए पानी में उतर गया और सदीप की जान तो बचा ली, लेकिन खुद गहरे पानी में डूब गया. देर रात शुरू हुई खोजबीन मंगलवार सुबह सफल रही, जब उसका शव झील से बरामद हुआ. साहिल की बहादुरी ने पूरे इलाके को भावुक कर दिया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गोरखा समुदाय के मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र द्वारा वार्ताकार की नियुक्ति पर आपत्ति जताई है. उन्होंने इसे राज्य सरकार के साथ परामर्श किए बिना लिया गया एकतरफा फैसला बताया है.
दार्जिलिंग में लगातार बारिश के बाद भूस्खलन हुआ जिसमें कई लोग प्रभावित हुए. पर्यावरणविदों का कहना है कि ये सिर्फ बारिश की वजह से नहीं, बल्कि बेतरतीब शहरीकरण, जंगलों की कटाई और अनियंत्रित निर्माण का नतीजा है. उन्होंने प्रशासन से कहा है कि अब जल्दी से जल्दी स्थायी डिजास्टर प्लान और नियमों का पालन जरूरी है.
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण व्यापक तबाही हुई है. अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं. सैकड़ों पर्यटक सड़कों पर फंसे हुए हैं, कई गांव अलग-थलग पड़ गए हैं. सड़कें टूट गई हैं और घर मलबे में बदल गए हैं. मुख्यमंत्री उत्तरी बंगाल का दौरा करेंगी और प्रभावित इलाकों का जायजा लेंगी.
उत्तर बंगाल में भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग में हालात बदतर हो गए हैं. दूधिया में बालासन नदी उफान पर है, जिससे दूधिया ब्रिज टूट गया. पुल के नीचे का पिल्लर ढहने से यह हादसा हुआ. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में पुल धंसने से सात लोगों की मौत हुई जबकि पूरे दार्जिलिंग में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है. भूस्खलन और बाढ़ से कई इलाके प्रभावित हैं, घर तबाह हो गए हैं और हजारों बीघा खेत पानी में डूब गए हैं.
उत्तर बंगाल में 4-5 अक्टूबर की भारी बारिश से बाढ़ और 100 लैंडस्लाइड्स, 17 मौतें हुई. सिक्किम का रास्ता कट गया है. दार्जिलिंग-जलपाईगुड़ी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इस बेमौसम बरसात के पीछे बंगाल की खाड़ी का लो प्रेशर और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है. फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है. दूधिया लोहे का पुल ढहने से सात लोगों की मौत हो गई. यह पुल सिलीगुड़ी और मेरिक को जोड़ता था. पुल टूटने से आवाजाही बंद हो गई और सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं. पूरे दार्जिलिंग में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है. एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.
दार्जिलिंग में रविवार को हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बाढ़ और पुल टूटने की घटनाओं ने भीषण तबाही मचाई है. इन हादसों में बच्चों समेत 23 लोगों की जान चली गई. आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नॉर्थ बंगाल का दौरा करेंगी और बारिश से हुई तबाही का आकलन करेंगी और राहत कार्यों का निरीक्षण करेंगी.
दार्जिलिंग में लगातार बारिश और भूस्खलन से अब तक नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग लापता हैं. मीरिक, जसबीरगांव और धार गांव जैसे कई इलाकों में घर बह गए और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है. कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है. मौसम विभाग ने इस इलाके में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है.
दार्जिलिंग में जारी भारी के कराण दुडिया आयरन ब्रिज ढह गया, जिससे 9 लोगों की मौत हो गई. स्थानीय प्रशासन ने बचाव कार्य तेज कर दिया है, लेकिन भूस्खलन और बाढ़ के खतरे के कारण रेस्क्यू टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश और पहाड़ खिसकने के कारण एक पुल ढह गया है. इस हादसे में 6 लोगों की जान चली गई है. इसके टूटने से आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है. बताया जा रहा है कि पहाड़ियों के फिसलने की वजह से यह पुल धराशायी हुआ.
दार्जिलिंग से एक अहम खबर सामने आई है, यहां लोहा पुल टूट गया है. जानकारी के अनुसार, भारी बारिश के कारण यह पुल धराशाई हुआ है. इस हादसे में 6 लोगों की जान चली गई है. कई लोगों के घायल होने की भी खबर है. पुल के टूटने से क्षेत्र में यातायात प्रभावित हुआ है.
दार्जिलिंग में भारी बारिश के बाद एनएच 10 पर एक बार फिर भूस्खलन हुआ है. 29 मील के पास सड़क का लगभग 60 फीसदी हिस्सा धस गया है. इस घटना के कारण सड़क को लगभग 1 घंटे तक बंद करना पड़ा. हालांकि, फिलहाल गाड़ियों को एक-एक करके वहां से निकाला जा रहा है, लेकिन इस मार्ग पर यात्रा करना खतरनाक बना हुआ है.
दार्जलिंग ऐसा शहर हैं जो आज भी अपने परंपरा को समेटे हुए है. समुद्र तल से 6 हजार 700 फीट उंचाई पर स्थित दार्जलिंग ईस्टर्न हिमालय की पहाड़ों पर बसा है. यहां की खासियत ये है कि यहां पहाड़ों में भी ट्रेन चलती है. यहां पर भारत से सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है.
अगर आप इस अप्रैल में परिवार के साथ छुट्टियां मनाने का प्लान बना रहे हैं, तो ये वीडियो आपके लिए है! जानिए भारत की 5 सबसे खूबसूरत जगहें जहाँ आप परिवार के साथ आनंद ले सकते हैं। तवांग, पचमढ़ी, धर्मशाला, ऊटी और दार्जिलिंग जैसी शानदार डेस्टिनेशन्स पर जाएं और अपनी यात्रा को यादगार बनाएं।
बॉलीवुड एक्टर कार्तिक आर्यन अपने आने वाली फिल्म की शुटिंग के लिए इन दिनों दार्जिलिंग में हैं. जिसकी कुछ तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर की.
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए. वाहन का चालक एक तीव्र मोड़ पर नियंत्रण खो बैठा, जिससे गाड़ी गहरी खाई में जा गिरी. स्थानीय लोग, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुट गए और घायलों को अस्पताल पहुंचाया.