CAA संसद से पारित हुए करीब पांच साल बीत चुके हैं. अब केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सीएए को देश में लागू करने जा रही है.
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) 11 दिसंबर 2019 को भारत की संसद द्वारा पारित किया गया था. इसने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता का प्रदान करके नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया. भारत में 2014 तक पात्र अल्पसंख्यकों को हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई बताया गया है.
CAA के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है. केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल भी तैयार कर लिया है, जिसे नोटिफिकेशन के बाद लॉन्च किया जाएगा. तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी. इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी.
आईसीएआई 3 नवंबर, 2025 को अंतिम, इंटर और फाउंडेशन सितंबर 2025 के परिणाम जारी करेगा. आईसीएआई सीए परिणाम देखने के लिए, छात्रों को आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध परिणाम लिंक पर अपना पंजीकरण नंबर या रोल नंबर दर्ज करना होगा.
भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले लगभग 700 CAA कैंप आयोजित करने की योजना बना रही है. इन शिविरों में शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया को सक्रिय किया जाएगा. पार्टी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर स्वयंसेवकों की भर्ती करेगी और आम जनता को CAA के बारे में जागरूक करेगी.
दानिश कनेरिया टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले पाकिस्तानी स्पिनर हैं. कनेरिया ने पाकिस्तानी टीम के लिए 61 टेस्ट मैचों में 261 विकेट झटके. वहीं 18 ओडीआई मैचों में उनके नाम पर 15 विकेट दर्ज हैं.
गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2024 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों को पासपोर्ट और वीजा की अनिवार्यता से छूट दी गई है. यह आदेश हजारों लोगों, खासकर पाकिस्तान से आए हिंदुओं के लिए बड़ी राहत है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 दंगों से जुड़े मामलों में शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन अधिकार है, लेकिन इसके नाम पर साजिशन हिंसा की इजाज़त नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने इसे पूर्व-नियोजित साजिश बताते हुए जमानत देने से इनकार किया.
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में हद ही कर दी. ब्रायन चुनाव आयोग के इस कार्य को भारत में नाजी शासन की शुरुआत बता रहे हैं. वे कहते हैं कि 1935 में नाजियों के शासन में लोगों को पूर्वज पास, पहचान का प्रमाण दिखाना होता था. क्या यह नाजी पूर्वज पास का नया संस्करण है? अब इसे अल्पसंख्यक तुष्टिकरण नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे?
2027 में केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना तो कराएगी, लेकिन NPR को अपडेट करने का कोई इरादा नहीं दिखता. NRC-NPR विवादों और चुनावी सियासत के कारण सरकार फिलहाल जोखिम नहीं उठाना चाहती. महिला आरक्षण, डीलिमिटेशन जैसे बड़े फैसलों की बुनियाद भी इसी जनगणना पर टिकी है.
बंगाल के मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना में CAA विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगाई और पुलिस से झड़प हुई. आठ पुलिसकर्मी घायल हुए और नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है.
दरभंगा में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतर आया। मदरसा हमीदिया से निकले जुलूस में हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल रहीं। प्रदर्शनकारियों ने इस बिल को मुसलमानों की ज़मीन और धार्मिक अधिकारों पर हमला बताते हुए इसे "काला कानून" कहा। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर यह बिल वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा
आज जुमे की नमाज पर कई राज्य सरकारों को आशंका थी कि वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो सकते हैं. पर ऐसा नहीं हुआ. मतलब साफ है कि आम मुसलमान यह समझ रहा है कि यह संशोधन उनके धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करता है. यह केवल और केवल एक प्रशानिक सुधार का मामला है.
साल 2017 से अब तक मार्च 2024 तक 1167 पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र दिया जा चुका है. हाल ही में 55 अन्य पाकिस्तानी नागरिकों को CAA के तहत भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे जाने के साथ ही यह आंकड़ा 1222 तक जा पहुंच गया है.
43 वर्षीय शेन सेबस्टियन परेरा, जो पाकिस्तान में जन्मे थे - गोवा में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत नागरिकता प्राप्त करने वाले दूसरे शख्स बन गए हैं. लंबे समय से प्रयासरत रहे परेरा अब "भारतीय" कहलाने पर खुशी से भर गए हैं. सीएम प्रमोद सावंत ने भी उन्हें बधाई.
ईसाई देश ईसाइयों को शरण दे रहे हैं, भारत जैसा देश भी हिंदुओं को नागरिकता के लिए कानून बना चुका है. ऐसे में दुनिया भर में इस्लाम की रक्षा का ठेका लिए हुए देश म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों और गाजा शरणार्थियों को शरण देने के मामले में आनाकानी करते क्यों दिखते हैं?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए कश्मीर पहुंचे थे. उन्होंने जम्मू कश्मीर के लिए स्टेटहुड की तो बात की पर अनुच्छेद 370 पर उन्होंने कुछ नहीं बोला. ऐसा क्यों है कि राहुल गांधी खास राजनीतिक मुद्दों पर लगातार लोगों को भ्रम में रखना चाहते हैं?
ऐसी चर्चा है कि मानसून सत्र में ही वक्फ बोर्ड में सुधार के लिए सरकार बिल पेश कर सकती है. पर जिस तरह विपक्ष माहौल तैयार कर रहा है उससे तो यही लगता है मुस्लिम समुदाय सीएए से भी तगड़ा विरोध कर सकता है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किए जाने के चार महीनों में सिर्फ 8 लोगों ने इसके तहत नागरिकता के लिए आवेदन किया है. उन्होंने तंज भी कसा और कहा, जबकि असम में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में पांच लोग मारे गए थे. सरमा ने कहा कि हिंदू बंगालियों का मानना है कि वे भारतीय हैं और वे सीएए के तहत आवेदन नहीं करेंगे.
पश्चिम बंगाल में भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत नागरिकता देने का सिलसिला शुरू हो गया है. यहां आवेदकों के एक सेट को नागरिकता सर्टिफिकेट सौंपी गई है. हालांकि, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार सीएए के विरोध में रही हैं और यहां तक कह चुकी हैं कि वह सीएए को राज्य में लागू नहीं होने देंगी.
दिल्ली दंगा राजद्रोह मामले में शरजील इमाम को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. शरजील के कथित भड़काऊ भाषणों के लिए उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था, जिसमें कोर्ट ने वैधानिक जमानत दे दी है.
ममता बनर्जी ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो 1 जून को होने जा रही INDIA ब्लॉक की बैठक में शामिल नहीं होंगी. बैठक से दूर रहने की जो वजह बताई है, वो भी वाजिब लगती है - सवाल ये है कि क्या मीटिंग बुलाने से पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने ममता बनर्जी की सहमति लेने की कोशिश नहीं की?
CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद अब शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलनी शुरू हो गई है. बुधवार को 14 लोगों को नागरिकता का सर्टिफिकेट सौंपा गया. ये पहली बार है, जब सीएए के तहत नागरिकता दी गई है. देखें वीडियो.
इस साल 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून के नियम आने के दो-तीन महीने बाद 14 लोगों को भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट मिल गया है. ये पहली बार है जब सीएए के तहत शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिली है. ऐसे में जानते हैं कि भारतीय नागरिकता मिलने के बाद इनके लिए क्या कुछ बदल जाएगा?