बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) एक पाकिस्तानी राजनेता हैं, जो 27 अप्रैल 2022 से पाकिस्तान के 37वें विदेश मंत्री हैं (Foreign Minister Pakistan). वह 2007 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बने (Bilawal Bhutto, Chairman PPP). बिलावल 13 अगस्त 2018 को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य बने.
बिलावल भुट्टो जरदारी का जन्म 21 सितंबर 1988 को हुआ था. वह पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं (Bilawal Bhutto Parents). वह पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो और नुसरत भुट्टो के नाती हैं (Bilawal Bhutto Family).
बिलावल कराची ग्रामर स्कूल और इस्लामाबाद में फ्रोबेल इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ाई की है. फिर अपनी मां के साथ 1999 में दुबई चले गए और वहां उन्होंने राशिद स्कूल फॉर बॉयज से पढ़ाई की. आगे की पढ़ाई ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से क्राइस्ट चर्च में आधुनिक इतिहास और राजनीति में कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की (Bilawal Bhutto Education).
28 जून 2018 को बिलावल के नेतृत्व में पीपीपी 2018 के आम चुनावों के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी बन गई. 25 जुलाई 2018 को हुए पाकिस्तान आम चुनाव में बिलावल के नेतृत्व में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने चुनाव लड़ा और सिंध में सबसे बड़ी पार्टी और पाकिस्तान की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. पार्टी ने नेशनल असेंबली में 43 सीटें जीतीं, जो 2013 के आम चुनावों की तुलना में नौ अधिक सीटें (Bilawal Bhutto Political Career).
11 फरवरी 2020 को बिलावल को फर्जी बैंक खातों और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बयान देने के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने तीसरी बार तलब किया गया था. ब्यूरो ने कहा कि बिलावल ने कहा था कि वह जरदारी ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड (जेडपीजीएल) के प्रबंधन मामलों से अनजान थे. लेकिन यह पता चला कि उन्होंने सीईओ के रूप में 2011 - 2016 के लिए ZGPL के ऑडिट किए गए खातों पर हस्ताक्षर किए थे और उन्हें फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में जमा किया था, इस तरह उनके दावे को नकारते हुए कि वह ZGPL के मामलों को नहीं चला रहे थे (Bilawal Bhutto Money Laundering Case).
पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर, पीएम शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की भारत विरोधी धमकियों पर विदेश मंत्रालय ने सख्त चेतावनी दी. कहा– बयानबाजी से बाज आएं, वरना खतरनाक नतीजे होंगे.
भारत ने चिनाब नदी पर नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है. सिंधु जल समझौते को स्थगित किए जाने से पाकिस्तान में बौखलाहट है. आसिम मुनीर, बिलावल भुट्टो के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी भारत को गीदड़भभकी दे डाली है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हक के पानी की एक भी बूंद भारत नहीं छीन पाएगा.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा कि सिंधु नदी न केवल उनके देश के लिए पानी का एकमात्र प्रमुख स्रोत है, बल्कि यहां के लोगों के संपूर्ण इतिहास से भी गहराई से जुड़ी हुई है.
बीजेपी सांसद मिथुन चक्रबर्ती ने सिंधु का पानी बहाल करने को लेकर पाकिस्तान की धमकियों पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान की जनता के लिए हमें कुछ नहीं कहना है. पाकिस्तान की जनता अच्छे लोग हैं. लेकिन उनके नेता अगर ऐसे ही बोलते रहेंगे तो हमारा माथा खराब हो जाएगा. फिर ब्रह्मोस चलेगा.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक बाप फिर भारत के खिलाफ बयान दिया है. बिलावल ने कहा है कि अगर भारत सिंधु जल संधि को स्थगित रखता है और बांध बनाता है, तो भारत के विरुद्ध युद्ध होगा. बिलावल भुट्टो ने यह भी कहा कि पाकिस्तान पीछे नहीं हटेगा और झुकेगा नहीं.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने धमकी दी है कि यदि भारत सिंधु जल संधि को स्थगित रखता है और सिंधु नदी पर बांध बनाने की कोशिश करता है तो युद्ध होगा. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने यह टिप्पणी हजरत शाह अब्दुल लतीफ भिट्टाई के 282वें उर्स के दौरान की. वह भीत शाह में 'शाह लतीफ पुरस्कार' समारोह को संबोधित कर रहे थे.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि अल कायदा हो या कोई और आतंकी संगठन ये सभी अफगानिस्तान जिहाद से जुड़े थे. एक बार जब अफगानिस्तान जिहाद खत्म हो गया तो कुछ समूहों ने तय किया कि वे 9/11 को अंजाम देंगे. इनमें से कुछ ग्रुप कश्मीर में जिहाद के लिए चले गए. उस समय पाकिस्तान में ऐसे कुछ लोग थे जिन्होंने इन समूहों का विरोध नहीं किया.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया और 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को भारत को सौंपने का सुझाव दिया तो पाकिस्तान में बवाल मच गया. मिल्ली मुस्लिम लीग (PMML) ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के बयान से लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद चिंतित है. तल्हा सईद, जो खुद भी अमेरिका द्वारा घोषित आतंकवादी है, को डर है कि उसके पिता हाफिज सईद को भारत के हवाले किया जा सकता है.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री के एक बयान पर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चीफ के बेटे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. आतंकवादी संगठन के चीफ हाफिज सईद के बेटे को यह डर सता रहा है कि उसके पिता को भारत के हवाले किया जा सकता है. एक भारतीय पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पूर्व विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत अपने ऊपर हुए आतंकवादी हमलों के सबूत सौंपे तो पाकिस्तान आतंकवादी सरगनाओं को भारत के हवाले कर सकता है.
अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में बिलावल ने कहा था कि पाकिस्तान हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए तैयार है, बशर्ते कि नई दिल्ली इस प्रक्रिया में सहयोग करने की इच्छा दिखाए.
अल जजीरा को दिए एक साक्षात्कार में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि उनके देश को जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
बिलावल भुट्टो ने एक बार फिर से भारत को बातचीत का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा है कि भारत और पाकिस्तान दोनों मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एक साथ काम कर सकते हैं. बिलावल ने यह प्रस्ताव ऐसे वक्त में दिया है जब पहलगाम हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है.
पाकिस्तान से आउटरिच मिशन पर अमेरिका आए बिलावल भुट्टो ने अमेरिका और ट्रंप की नीतियों पर ही सवाल उठाए हैं और कहा है कि पाकिस्तान में आतंकवाद बढ़ने के लिए अमेरिका की नीतियां जिम्मेदार है. बिलावल ने कहा कि आतंकवाद, अफगानिस्तान ऐसे मुद्दे हैं जो पाकिस्तान-अमेरिका के संबंधों पर हावी हैं.
वाशिंगटन में PAK के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में पाकिस्तानी डेलिगेशन से मुलाकात करते हुए शेरमैन ने कहा कि पाकिस्तान को इस घिनौने आतंकी संगठन को पूरी तरह खत्म करने के लिए हरसंभव कदम उठाने चाहिए और क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ना चाहिए.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो खुद अपने ही देश की पोल खोल रहे हैं. कभी वो कहते हैं.. कि सभी पाकिस्तानी आतंकी नहीं हैं. यानि वो कुछ पाकिस्तानियों को आतंकी बता रहे हैं. और अब तो वो अपनी मां और मामा की हत्या करने वाली ISI की ही तारीफ कर रहे हैं. और कह रहे हैं कि भारत को ISI से सीखना चाहिए. लेकिन अच्छी बात ये है कि भारत का डेलिगेशन विदेश में उनकी पोल खोल रहा है. देखें ब्लैक एंड व्हाइट.
अपने बयान पर चौतरफा आलोचना झेलने के बाद बिलावल भुट्टो ने थोड़ा नरम रुख दिखाया और भारत-पाकिस्तान के बीच इंटेलिजेंस सहयोग की वकालत की. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के एक ब्रीफिंग में बोलते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों को आतंकवाद से लड़ने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और इसके लिए विवाद समाधान तंत्र की आवश्यकता है.
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के कातिल आतंकवादियों को उनकी मां की हत्या के बावजूद, उनके बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी अमेरिका जाकर बचाव कर रहे हैं, जहां उन्होंने एक यूएन द्वारा घोषित आतंकवादी का भी पक्ष लिया. भारतीय सांसदों शशि थरूर, मिलिंद देवड़ा और प्रियंका चतुर्वेदी ने बिलावल के इस कदम का कड़ा प्रतिवाद किया और उन्हें आईना दिखाया.
बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के सैन्य-आतंकी नेटवर्क का बचाव कर रहे हैं. उनके नाना जुल्फिकार अली भुट्टो को 4 अप्रैल 1979 को फांसी दी गई, मां बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में आतंकी हमले में हत्या हुई, और मामा शाहनवाज भुट्टो व मुर्तजा भुट्टो की मौतों में पाकिस्तानी सेना व आईएसआई की भूमिका मानी जाती है.
पाकिस्तान में बेनजीर के कातिल आतंकियों, ISI और फौजी हुक्मरानों की शक्ल में जिंदा हैं, लेकिन बिलावल भुट्टो जरा भी शर्मिंदा नहीं हैं. उलटे वो अमेरिका जाकर आतंकियों का बचाव कर रह हैं. वही आतंकवाद जो उनकी मां को मौत के मुंह में धकेल गया, वही फौजी हुकूमत जो उनके नाना और उनके परिवार के कुछ और सदस्यों का भी खात्मा करती चली गई. देखें रणभूमि.
बिलावल भुट्टो ने अमेरिका में कहा कि 'भारत को यह समझना चाहिए कि सारे पाकिस्तानी आतंकवादी नहीं हैं'. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने मुस्लिम सांसदों और महिला सैन्य अधिकारियों समेत अपने प्रतिनिधि विदेश भेजे, जबकि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास कर रहा है.