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दीवार के आर-पार देखने में मदद करेगा ये Wi-Fi राउटर, साइंटिस्ट्स ने खोजा तरीका

Wi-Fi Routers: क्या आप दीवार के आर-पार देखना चाहते हैं? इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है. बल्कि दो वाई-फाई राउटर आपका ये काम कर देंगे. साइंटिस्ट्स ने एक ऐसा तरीका खोजा है, जो इस काम में आपकी मदद कर सकता है. अब तक दीवार के पार देखने के लिए महंगे रडार इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल होता है.

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Wi-Fi राउटर की मदद से दीवार के पार देख सकेंगे!
Wi-Fi राउटर की मदद से दीवार के पार देख सकेंगे!

बचपन में बहुत से लोग दीवार के आर-पार देखने की शक्ति चाहते हैं. तमाम कार्टून्स या फिर सीरियल में इस तरह की पावर वाले सुपरहीरो दिखाए जाते हैं, लेकिन असल जिंदगी में ऐसा करने के लिए महंगी टेक्नोलॉजी यूज होती है. इस टेक्नोलॉजी का एक्सेस सरकारी एजेंसियों तक ही होता है या फिर हाई-लेवल के सिक्योरिटी प्रोवाइडर ऐसा कर पाते हैं.

Carnegie Mellon यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने दीवार के पार ह्यूमन्स को सेंसर करने का एक सस्ता तरीका खोजा है. साइंटिस्ट्स ने वाई-फाई राउटर की मदद से दीवार के आर-पार देखने वाली टेक्नोलॉजी तैयार की है. ये ना सिर्फ किसी शख्स का 3D शेप तैयार करेगी, बल्कि उसके पोज की भी जानकारी देगी.

क्या है टेक्नोलॉजी?

रिसर्चर्स ने एक रिसर्च पेपर पेश किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे Deep Nural Network (Dense Pose) का इस्तेमाल किया गया है. दरअसल, रिसर्चर्स ने Dense Pose टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है, जो Wi-Fi सिग्नल्स की मदद से UV कॉर्डिनेट मैपिंग करती है.

इसका इस्तेमाल करके एक 2D फोटो में 3D मॉडल सर्फेस प्रोजेक्ट किया जाता है. Dense Pose टेक्नोलॉजी को Imperial College लंदन, फेसबुक AI और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स ने तैयार किया है.

इस प्रोजेक्ट की मदद से मल्टीपल सब्जेक्ट्स के पोज सही मैप किया गया है. जहां इस तरह के रिजल्ट के लिए महंगे RGB कैमरा, LiDAR और रडार्स का इस्तेमाल किया जाता है. ये टेक्नोलॉजी सस्ते में इस काम को कर देती है.

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कैसे काम करती है टेक्नोलॉजी?

रिपोर्ट्स की मानें तो रिसर्चर्स Wi-Fi का इस्तेमाल करके ह्यूमन पोज भी सेंस कर सकते हैं. इस पर रिसर्चर्स ने बताया, 'इस स्टडी का रिजल्ट बताता है कि हमारा मॉडल Wi-Fi सिग्नल्स की मदद से कई सब्जेक्ट के Dense Pose का अनुमान लगा सकता है. ये एक बेहद सस्ता और ज्यादा एक्सेसबल तरीका है.'

रिसर्चर्स की मानें तो उनकी इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होम हेल्थकेयर में किया जा सकेगा, जहां मरीज कैमरा के जरिए मॉनिटरिंग नहीं चाहते हैं. खासकर बाथरूम जैसी जगहों पर इसका यूज किया जा सकेगा. इस टेक्नोलॉजी पर खराब लाइट या दीवार जैसे रूकावटों का कोई असर नहीं होगा. 

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