scorecardresearch
 

दिल्ली-NCR: PhD स्कॉलर खोज रहा था ऑनलाइन दुल्हन, हैरान कर देगी 49 लाख रुपये की ये ठगी

दिल्ली-NCR के शहर गाजियाबाद से साइबर ठगी का एक नया केस सामने आया है. गाजियाबाद के वैशाली में रहने वाले शख्स PhD स्कॉलर मैट्रिमोनियल साइट पर खुद के लिए लाइफ पार्टनर खोज रहे थे. इस दौरान उनकी मुलाकात महिला से हुई और आखिर वह में 49 लाख रुपये की ठगी के शिकार हो गए. आइये इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.

Advertisement
X
फेक वर्चुअल वॉलेट तैयार करके ठगे 49 लाख रुपये. (Photo: Unsplash.com)
फेक वर्चुअल वॉलेट तैयार करके ठगे 49 लाख रुपये. (Photo: Unsplash.com)

दिल्ली-NCR के शहर गाजियाबाद से साइबर ठगी का एक नया केस सामने आया है. PhD स्कॉलर गाजियाबाद के वैशाली इलाके में रहते हैं. वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शादी के लिए लाइफ पार्टनर खोज रहा था. हालांकि आखिर में वह 49 लाख रुपये की ठगी का शिकार हो गया. 

विक्टिम शख्स पुलिस कंप्लेंट दर्ज करा चुका है. दरअसल, सितंबर महीने में PhD स्कॉलर का संपर्क मैट्रिमोनियल प्लेटफॉर्म पर एक महिला से हुआ. उसने खुद को अविवाहित महिला बताया और कहा कि उसकी फैमिली रियल स्टेट कंपनी चलाती है. उनकी कंपनी दिल्ली-NCR और पंजाब में काम करती है. ये जानकारी टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट से मिली है. 

फॉरेक्स ट्रेडिंग में इनवेस्टमेंट करने को कहा 

दोनों के बीच बातचीत होने लगी है. कुछ दिनों की बातचीत के बाद महिला ने शख्स को बताया कि एक हाई फ्रोफिट वाला काम है, जिसे फॉरेक्स ट्रेडिंग कहते हैं. इसके बाद महिला ने शख्स को WhatsApp के जरिए एक लिंक शेयर किया और रजिस्ट्रेशन कराने को कहा. 

यह भी पढ़ें: फ़ोन बंद होने के बाद भी चालू! कैसे चलता है फर्जी स्मार्टफोन शटडाउन स्कैम?

शुरुआत में कुछ रुपये डिपॉजिट करने को कहा 

Advertisement

लिंक पर क्लिक करने के बाद कम से कम 250 अमेरिका डॉलर (22 हजार रुपये) डिपॉजिट कराने थे मगर महिला के कहने पर शख्स ने 500 अमेरिकी डॉलर (करीब 44 हजार रुपये) डिपॉजिट करा दिए. 

फेक वर्जुअल अकाउंट से आंखों में झौंकी धूल 

वैशाली के शख्स ने अलग-अलग ट्रांजैक्शन में रकम ट्रांसफर करनी शुरू कर दी. साइबर ठगों द्वारा एक फेक वर्चुअल वॉलेट तैयार किया है, जिसमें फेक प्रोफिट रकम दिखाई गई. इसे देखकर विक्टिम को लगता कि उनकी रकम में इजाफा हो रहा है. उन्होंने 10 से अधिक ट्रांजैक्शन में 49 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. 

साइबर ठगी का भंडाफोड़ कब हुआ? 

फिर शख्स ने जब अपने प्रोफिट वाली रकम को निकालना चाहा तो वह उसमें असफल रहा. विक्टिम से प्रोसेसिंग फीस और टैक्स के नाम पर और पेमेंट मांगी. इसके बाद उनसे और रुपयों की डिमांड की गई, जिसके बाद उनको समझ आया कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं. 

दर्ज कराई पुलिस कंप्लेंट 

विक्टिम ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी और कंप्लेंट दर्ज कराई. सेफ्टी के लिए जरूरी है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मिलने वाले शख्स पर आंख बंद करके यकीन ना करें.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement