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कोहली ने ऑस्ट्रेलिया से लौटते वक्त टीम से क्या बात की, रहाणे ने किया खुलासा

भारत के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ने शुक्रवार को कहा कि ‘बॉक्सिंग डे’ टेस्ट शुरू होने से पहले ऑस्ट्रेलिया भले ही ‘मानसिक खेल’ खेलता रहे, लेकिन उनका फोकस अपनी टीम पर रहेगा.

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IND vs AUS (Getty)
IND vs AUS (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रहाणे बोले- ऑस्ट्रेलिया दिमागी खेल खेलता रहे, हमारा फोकस टीम पर
  • कोहली ने रवाना होने से पहले रहाणे से बेखौफ खेलने का आग्रह किया
  • मेलबर्न में सीरीज के दूसरा टेस्ट शनिवार से, सीरीज में 0-1 से पीछे टीम

भारत के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ने शुक्रवार को कहा कि ‘बॉक्सिंग डे’ टेस्ट शुरू होने से पहले ऑस्ट्रेलिया भले ही ‘मानसिक खेल’ खेलता रहे, लेकिन उनका फोकस अपनी टीम पर रहेगा. ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर ने गुरुवार को कहा कि भारतीय टीम दबाव में रहेगी, तो उन्हें खुशी होगी. उन्होंने यह भी कहा था कि विराट कोहली की गैरमौजूदगी में कप्तानी कर रहे अजिंक्य रहाणे पर वे अतिरिक्त दबाव बनाने की कोशिश करेंगे.

रहाणे ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया दिमागी खेल खेलने में माहिर है. उन्हें खेलने दीजिये. हम अपने खेल पर फोकस करेंगे. हम अपने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘भारत की कप्तानी करना मेरे लिए गौरव की बात है. यह शानदार मौका है और जिम्मेदारी भी, लेकिन मैं कोई दबाव नहीं लेना चाहता.’ 

उन्होंने कहा, ‘मेरा काम टीम का साथ देना है. फोकस मुझ पर नहीं, टीम पर है और हम एक टीम के रूप में अच्छा खेलना चाहते हैं.’ कोहली ने भी स्वदेश रवाना होने से पहले रहाणे से बेखौफ खेलने का आग्रह किया. 

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रहाणे ने कहा, ‘विराट ने जाने से पहले हमसे बात की. एडिलेड में हमारा टीम डिनर था और उसने हम सभी से एक-दूसरे के लिए खेलने, एक-दूसरे की कामयाबी का आनंद लेने और मैदान पर एक-दूसरे की मदद करने के लिए कहा.’ 

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रहाणे ने कहा कि एडिलेड में तीसरे दिन एक घंटे के खराब खेल से उनकी टीम खराब नहीं हो जाती. उन्होंने कहा, ‘हमने दो दिन अच्छा खेला, लेकिन बस एक घंटे के खराब खेल से हार गए. हमने आत्ममंथन किया और अब हम अपनी ताकत पर फोकस करेंगे.’ 

शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने जा रहे हैं और रहाणे ने कहा कि वह उन पर और मयंक अग्रवाल पर कोई दबाव नहीं बनाना चाहते. उन्होंने कहा, 'सलामी बल्लेबाजों की भूमिका अहम होती है. मैं उन पर कोई दबाव नहीं बनाना चाहता. मैं उन्हें स्वाभाविक खेल खेलने की आजादी देना चाहता हूं. शुरुआत में साझेदारी बनने से बाद में आने वाले बल्लेबाजों को आसानी हो जाती है.’
 

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