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जूनियर महिला हॉकी टीम की 7 खिलाड़ियों में थी खून की कमी: माइकल नोब्‍स

भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की विश्व कप में कांस्य पदक की ऐतिहासिक जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं है कि सीनियर पुरूष टीम के पूर्व मुख्य कोच माइकल नोब्स ने दावा किया कि इनमें सात खिलाड़ी एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित थी.

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भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम
भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम

भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की विश्व कप में कांस्य पदक की ऐतिहासिक जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं है कि सीनियर पुरूष टीम के पूर्व मुख्य कोच माइकल नोब्स ने दावा किया कि इनमें सात खिलाड़ी एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित थी.

नोब्स ने कहा कि युवा महिला खिलाड़ियों की यह उपलब्धि इसलिये भी प्रशंसनीय है क्‍योंकि उन्हें एनीमिया था और खून की कमी के कारण थकान और आलस्य होता है.

उन्होंने कहा, ‘लड़कियों में यह बहुत सामान्य बात है लेकिन भारत में यह गंभीर समस्या है. आप विश्व प्रतियोगिता में यूरोप की मजबूत और स्वस्थ लड़कियों से अपनी खिलाड़ियों की बराबरी की उम्मीद कैसे कर सकते हो? यह देखते हुए कांस्य पदक शानदार उपलब्धि रही. नकद पुरस्कार देना अच्छा है लेकिन इन बच्चियों के लिये काफी कुछ किया जा सकता है.’

नोब्स ने भारत को पहला विश्व कप खिताब दिलाने के लिये जूनियर बालिकाओं को बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘मेरी दो बेटियां हैं और वे ऑस्‍ट्रेलियाई प्रणाली का हिस्सा हैं जो सिर्फ उनके कौशल ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य की देखभाल भी करता है. भारत को इस तरह का रवैया अपनाना होगा, वर्ना भारतीय गांवों की ये लड़कियां गुमनाम हो जायेंगी.’

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उन्होंने कहा, ‘मैं बेंगलूर में साई के खान-पान विशेषज्ञ से मिलकर हैरान हो गया जो पिछले 40 साल से काम कर रहा है और उसने कुछ भी बढ़िया काम नहीं किया है.’

सीनियर पुरूष टीम के मुख्य कोच पद से हटाये जाने वाले नोब्स ने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से दोबारा हॉकी इंडिया के साथ काम नहीं करना चाहता लेकिन भारत में दुनिया के किसी भी देश की बराबरी करने की क्षमता है.’

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