
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में कुछ टीमें ऐसी हैं जो अभी तक एक बार भी खिताब नहीं जीत पाई हैं. इनमें सबसे बड़ा नाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का आता है, जो पिछले 15 साल से आईपीएल खिताब का इंतज़ार कर रही है. विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, केएल राहुल, क्रिस गेल जैसे बड़े नाम इस टीम के साथ अलग-अलग वक्त पर जुड़े रहे हैं, लेकिन कोई भी बड़ा नाम इस टीम को खिताब नहीं दिला पाया है.
ऐसा क्या है जो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की टीम इतने साल में कोई खिताब नहीं जीत पाई है. इतने बड़े नाम होने के बाद भी टीम कहां पर मात खा जाती है. सिर्फ आईपीएल ही नहीं अब तक महिला प्रीमियर लीग (WPL) में भी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए बुरी शुरुआत हुई है. आरसीबी की मेन फ्रेंचाइज ने ही महिला प्रीमियर लीग में इस टीम को चुना है, जिसमें स्मृति मंधाना, एलिसी पैरी समेत कई स्टार प्लेयर शामिल हैं.
WPL 2023 के पहले सीजन के शुरुआती चार मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को दिल्ली कैपिटल्स, मुंबई इंडियंस, गुजरात जायंट्स, यूपी वॉरियर्ज़ से हार झेलनी पड़ी है. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ऐसे ही कुछ प्वाइंट्स पर नज़र डालते हैं, जहां सितारों से सजी हुई यह टीम हर बार खिताब जीतने से चूक जाती है.
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टीम कॉम्बिनेशन: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए सबसे बड़ी परेशानियों में से एक टीम कॉम्बिनेशन रहा है. शुरुआत से लेकर अबतक देखें तो टीम के पास राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले, विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, क्रिस गेल, शेन वॉटसन, केएल राहुल, डेनिएल विटोरी जैसे बड़े खिलाड़ी अलग-अलग वक्त पर टीम के साथ जुड़े हैं. हालांकि, टीम की बड़ी मुश्किल यह रही है कि तीन-चार स्टार खिलाड़ियों के अलावा अन्य खिलाड़ी ऐसा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं जो टीम को आगे बढ़ा सके. बल्लेबाजी कोहली-डिविलियर्स-गेल के इर्द-गिर्द रही है. यानी आरसीबी की पहली बड़ी समस्या ऑक्शन में रही है, जहां टीम चुने जाने का तरीका सही नहीं है जिसका घाटा उसे टूर्नामेंट के शुरुआती या किसी बड़े मैच में चुकाना पड़ता है.

कमज़ोर कप्तानी: एक लंबे वक्त तक विराट कोहली ने ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की कप्तानी की है, वह 140 मैचों में टीम की कमान संभाल चुके हैं इनमें से 64 में जीत, 69 में हार मिली है. विराट कोहली भले ही बल्ले से रन बरसाने के मामले में काफी आगे रहे हों, लेकिन कप्तानी के मामले में वह कई बार फ्लॉप साबित हुए हैं. बड़े मौकों पर गलत फैसले लेना हो या फिर बड़े मुकाबलों में टीम का पैनिक कर जाना हो. विराट कोहली से पहले भी आरसीबी की कमान राहुल द्रविड़, केविन पीटरसन, अनिल कुंबले, डेनिएल विटोरी के हाथ में रही है. लेकिन कोई भी टीम को जीत नहीं दिला सका. विराट कोहली बल्ले से तो टीम को संकट से निकाल लेते हैं, लेकिन लीडरशिप के मामले में वह पीछे छूट जाते हैं.
विराट कोहली का कप्तानी का रिकॉर्ड टीम इंडिया के साथ भी ऐसा ही रहा है, जहां वह अपनी लीडरशिप में कोई बड़ी ट्रॉफी नहीं जिता पाए हैं. कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया ने चैम्पियंस ट्रॉफी 2017, वर्ल्ड कप 2019, टी-20 वर्ल्ड कप 2021 को गंवाया है. विराट कोहली ने टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के दौरान टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ दी थी, साथ ही उन्होंने आरसीबी की कप्तानी भी छोड़ दी थी. अब आरसीबी की कमान फाफ डु प्लेसिस के हाथ में है.
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कमज़ोर बॉलिंग लाइनअप: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पास हमेशा से ही बड़े नाम रहे हैं, बॉलिंग लाइन अप में भी ऐसा ही इतिहास रहा है. लेकिन इसका असर मैदान पर नहीं देखने को मिला है, शुरुआत से देखें तो अनिल कुंबले, जैक कॉलिस, शेन वॉटसन, डेल स्टेन, डेनिएल विटोरी जैसे बड़े बॉलर टीम के साथ जुड़े रहे हैं. टीम का इतिहास बताता है कि कोई भी प्लेयर आरसीबी के लिए कमाल नहीं कर पाया, आरसीबी के लिए सबसे ज्यादा विकेट का रिकॉर्ड भी युजवेंद्र चहल के नाम है, जिन्होंने 113 मैच में 139 विकेट लिए हैं. आरसीबी के बॉलर्स की सबसे बड़ी दिक्कत उनका इकोनॉमी रेट रहा है, आंकड़ों को देखें तो आरसीबी के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-10 बॉलर में से किसी का भी इकॉनोमी रेट 7 से नीचे नहीं रहा है, कई तो 8-9 के इकॉनोमी रेट तक भी गए हैं.
आरसीबी के लिए सबसे ज्यादा रन
• विराट कोहली- 223 मैच, 6624 रन
• एबी डिविलियर्स- 156 मैच, 4491 रन
• क्रिस गेल- 85 मैच, 3163 रन
• जैक्स कालिस- 42 मैच, 1132 रन
• राहुल द्रविड़- 43 मैच, 898 रन
आरसीबी के लिए सबसे ज्यादा विकेट
• युजवेंद्र चहल- 113 मैच, 139 विकेट
• हर्षल पटेल- 66 मैच, 85 विकेट
• विनय कुमार- 64 मैच, 72 विकेट
• जहीर खान- 44 मैच, 49 विकेट
• मोहम्मद सिराज- 59 मैच, 59 विकेट
आईपीएल के सभी सीजन में आरसीबी का रिकॉर्ड (प्वाइंट टेबल)
• 2008- सातवां नंबर
• 2009- दूसरा नंबर (फाइनल)
• 2010- तीसरा नंबर (प्लेऑफ)
• 2011- दूसरा नंबर (फाइनल)
• 2012- पांचवां नंबर
• 2013- पांचवां नंबर
• 2014- सातवां नंबर
• 2015- तीसरा नंबर (प्लेऑफ)
• 2016- दूसरा नंबर (फाइनल)
• 2017- आठवां नंबर
• 2018- छठा नंबर
• 2019- आठवां नंबर
• 2020- चौथा नंबर (प्लेऑफ)
• 2021- चौथा नंबर (प्लेऑफ)
• 2022- तीसरा नंबर (प्लेऑफ)
महिला प्रीमियर लीग में भी बुरा हाल
आईपीएल की तरह ही महिला प्रीमियर लीग में भी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का वही हाल रहा है. ऑक्शन में जब टीम चुनी गई और बड़े नाम टीम के साथ जुड़े तब लगा कि आरसीबी जो कमाल आईपीएल में नहीं कर पाई, शायद WPL में कर देगी और यहां खिताब जीत लेगी. टीम ने अपने साथ स्मृति मंधाना, एलिस पेरी समेत कई बड़े स्टार्स को जोड़ लिया था और इनपर जमकर पैसा लुटाया था. लेकिन यहां भी पुरुष आरसीबी टीम की तरह ही हाल हुआ.
स्मृति मंधाना भारत की नंबर-1 बल्लेबाज हैं, टी-20 इंटरनेशनल में दुनिया में उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं. उनके अलावा सोफी डिवाइन, एलिस पेरी और हीदर नाइट जैसे बड़े प्लेयर अभी तक WPL में फ्लॉप साबित हुए हैं. ऐसे में यहां भी आरसीबी का कॉम्बिनेशन लड़खड़ाया है, क्योंकि स्मृति मंधाना जहां फेल हो रही हैं वह कोई अन्य बल्लेबाज कमाल नहीं कर पा रहा है. साथ ही ऐसे बॉलर भी टीम के पास नहीं हैं, जो किसी स्कोर को सेफ कर सकें.
बता दें कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम United Spirits Limited द्वारा खरीदी गई है. जिसका मालिकाना अधिकार विजय माल्या के पास है. आरसीबी की टीम शुरुआत में काफी विवादों में भी रही, जहां टीम की मैच के बाद की आफ्टर पार्टी काफी सुर्खियां बटोरा करती थीं. इसके अलावा विजय माल्या, उनके बेटे सिद्धार्थ माल्या भी आरसीबी के मैचों के दौरान हाइलाइट में रहते थे. आरसीबी ग्रुप के क्रिकेट डायरेक्टर माइक हेसन हैं, जबकि संजय बांगड़ टीम के हेड कोच हैं.