भारत के अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल ने स्पष्ट तौर पर स्वीकार किया है कि मौजूदा भारतीय टेस्ट बल्लेबाज पहले की पीढ़ी की तरह स्पिन को अच्छे से नहीं खेल पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह इस गिरावट के पीछे की सटीक वजह नहीं जानते, लेकिन खिलाड़ी इस समस्या को समझते हैं और समाधान खोजने के लिए पूर्व दिग्गजों खासतौर पर महान सुनील गावस्कर से सीखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रांची में होने वाले पहले वनडे की पूर्व संध्या पर प्रेस से बातचीत करते हुए राहुल, जो शुभमन गिल की गैर मौजूदगी में टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए यह जरूरी है कि वे स्पिन के खिलाफ अपनी कमजोरियों को पहचानें और व्यक्तिगत स्तर पर उसे सुधारने के रास्ते तलाशें.
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राहुल का यह बयान भारत की दक्षिण अफ्रीका से 0-2 की टेस्ट सीरीज़ हार के कुछ दिनों बाद आया है. कोलकाता के पहले टेस्ट में स्पिन-अनुकूल पिच पर दक्षिण अफ्रीका के साइमॉन हार्मर और केशव महाराज ने भारतीय स्पिनरों को पूरी तरह पछाड़ दिया. भारत 124 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मात्र 93 पर ढेर हो गया जो घरेलू मैदान पर उनका चौथी पारी का सबसे कम स्कोर है.
हार्मर ने सीरीज़ में 17 विकेट लिए, जिसमें राहुल जैसे भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ भी परेशान हुए. दो मैचों की सीरीज़ में हार्मर ने रवींद्र जडेजा से सात विकेट अधिक चटकाए.
केएल राहुल ने मानी टीम की गलती
राहुल ने कहा, 'मैं कोई निश्चित जवाब नहीं दे सकता. हां, हम पिछले एक-दो सीरीज़ में स्पिन अच्छी तरह नहीं खेल पाए हैं. हमें इसका अहसास है. एक बल्लेबाज़ के तौर पर अपनी कमजोरी पहचानना जरूरी है. आपने गावस्कर सर की बात कही. हम उनसे बात कर सकते हैं और समझ सकते हैं कि स्पिन को बेहतर खेलने के लिए हमें क्या करना चाहिए. हम पहले से ही सुधार के रास्ते तलाश रहे हैं. यह रातोंरात नहीं होगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे नहीं पता कि पहले भारतीय बल्लेबाज़ स्पिन बेहतर क्यों खेलते थे और आज क्यों संघर्ष है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. लेकिन हम निश्चित रूप से स्पिन के खिलाफ बेहतर बनने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं. हर खिलाड़ी को व्यक्तिगत तौर पर रास्ता ढूंढना होगा.'
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'हम सीनियर्स से जरूर सीखेंगे'
राहुल ने स्वीकार किया कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के इस चक्र के अगले चरण से पहले भारत को स्पिन के खिलाफ अपने कौशल में सुधार करना ही होगा. भारत अगले साल अगस्त में श्रीलंका दौरे पर दो टेस्ट खेलेगा और फिर 2027 की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी करेगा.
उन्होंने कहा, 'छह महीने बाद हमारी श्रीलंका में सीरीज़ है. उसके बाद ऑस्ट्रेलिया आएगी. हम सभी तकनीकी समाधान खोजने की कोशिश करेंगे ताकि स्पिन को बेहतर खेल सकें. हम अपने सीनियर्स से संपर्क करेंगे और उनसे सीखने की कोशिश करेंगे.'