India vs Australia Indore Test: भारतीय टीम के खिलाफ 4 मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने दमखम दिखाया है. बगैर रेग्युलर कप्तान पैट कमिंस और डेविड वॉर्नर के मैच में उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने तीन दिन में ही टीम इंडिया को 9 विकेट से करारी शिकस्त दी.
इससे ठीक पहले शुरुआती दो टेस्ट मैचों में मेहमान कंगारू टीम को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. इस तरह अब भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत खेली जा रही सीरीज में भारतीय टीम 2-1 से आगे है. अब चौथा और आखिरी टेस्ट मैच 9 मार्च से अहमदाबाद में खेला जाएगा.
मैथ्यू हेडन ने की टीम के तेवरों की तारीफ
शुरुआती दो टेस्ट हारने के बाद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में कंगारू टीम की जमकर आलोचना हो रही थी. मैथ्यू हेडन से लेकर कई पूर्व दिग्गजों ने टीम की आलोचना की थी. मगर अब इंदौर टेस्ट मैच जीतते ही ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व दिग्गजों के सुर बदल गए हैं. उन्होंने टीम के तीखे तेवरों की जमकर तारीफ की है.
कमेंट्री के दौरान मैथ्यू हेडन ने कहा, 'जब आप इस तरह के रवैये और इरादों को दिखाते हैं, तो यह अविश्वसनीय होता है. मानसिकता में बेहतरीन बदलाव और दो ओवरों में 20 रन धमाकेदार हैं. यह बल्लेबाज वास्तव में बेहद शानदार है.'
The significance of this Australian victory can't be overstated.
— Nic Savage (@nic_savage1) March 3, 2023
India has only lost two Tests at home in the last decade, winning 36 matches during that period.
The Border-Gavaskar Trophy is gone, but Australia has bounced back emphatically. Bring on Ahmedabad.#INDvAUS
स्टीव स्मिथ को भारत में कप्तानी करना पसंद है
इंदौर टेस्ट में कप्तानी संभाल रहे स्टीव स्मिथ ने जीत के बाद कहा, 'दिल्ली टेस्ट में हार के बाद हमें काफी समय मिला था. इसका हमने फायदा उठाया और पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरे थे. हम जीत के साथ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंच गए हैं. यह हमारे लिए शानदार है. मुझे भारतीय जमीन पर कप्तानी करना सबसे ज्यादा पसंद है. मैं ऐसी पिचों पर खेलना पसंद करता हूं. सपाट पिचों पर 5 दिनों का खेल उबाऊ हो जाता है.'
इस तरह की पिचों पर सेलेक्शन अहम हो जाता है
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज शॉन टेट ने कहा, 'इस तरह कि पिचों पर खेलना अलग बात है. ऐसी चीजें सेलेक्शन को मुश्किल बनाती हैं. जब आप इस तरह की पिचें बनाते हैं, तो सारी चीजें सेलेक्शन पर ही टिकी होती हैं. टीमें भी भ्रमित हो जाती हैं, कि उन्हें करना क्या है. सेलेक्शन में हर कोई गलती करने से डरता है. जब मैंने पाकिस्तान टीम के साथ कोचिंग स्टाफ में रहते हुए समय बिताया, तब मैंने इन चीजों को देखा है.'