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जापान में फटा ज्वालामुखी, 4.4 Km ऊपर उछली राख... 30 उड़ानें भी रद्द

जापान के क्युषू द्वीप पर साकुराजिमा ज्वालामुखी ने रविवार को तीन बार जोरदार विस्फोट किया. राख और धुएं का गुबार 4.4 किलोमीटर ऊंचा उठा, जो 13 महीनों में सबसे ऊंचा है. कागोशिमा हवाई अड्डे से 30 उड़ानें रद्द कर दी गई. जेएमए ने चेतावनी दी कि राख कागोशिमा और मियाजाकी में गिरेगी

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जापान के साकुराजिमा ज्वालामुखी के विस्फोट से फैला लावा. (Photo: Getty)
जापान के साकुराजिमा ज्वालामुखी के विस्फोट से फैला लावा. (Photo: Getty)

जापान के पश्चिमी द्वीप क्युषू पर एक बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हो गया. इस ज्वालामुखी का नाम साकुराजिमा है, जो कागोशिमा शहर के पास दक्षिणी छोर पर स्थित है. रविवार को यह तीन बार फटा. इससे धुआं और राख का गुबार हवा में 4.4 किलोमीटर (लगभग 2.73 मील) ऊंचा उठ गया. इसकी वजह से कागोशिमा हवाई अड्डे से 30 उड़ानें रद्द हो गईं. जापानी मौसम एजेंसी (जेएमए) ने इसकी पुष्टि की है. 

विस्फोट कब और कैसे हुआ?

  • पहला विस्फोट रविवार सुबह करीब 1 बजे हुआ.
  • दूसरा विस्फोट सुबह 2:30 बजे.
  • तीसरा सुबह 8:50 बजे आया.

राख का गुबार इतना ऊंचा था कि आसमान में काला बादल छा गया. यह 13 महीनों में पहली बार है जब राख 4 किलोमीटर से ज्यादा ऊंची पहुंची. इससे पहले 2019 में साकुराजिमा ने 5.5 किलोमीटर ऊंची राख उगली थी.

स्थानीय मीडिया ने बताया कि राख गिरने और इससे जुड़ी परेशानियों की वजह से कागोशिमा हवाई अड्डे से आने-जाने वाली 30 उड़ानें रद्द कर दी गईं. यात्रियों को काफी परेशानी हुई. हवाई अड्डा प्रबंधन ने कहा कि सुरक्षा के लिए यह फैसला लिया गया.

राख कहां गिरी? क्या खतरा है?

जेएमए ने चेतावनी दी है कि विस्फोट के बाद राख उत्तर-पूर्व दिशा में बह गई. रविवार को कागोशिमा शहर और पास के मियाजाकी प्रांत में राख गिरने की उम्मीद है. लोगों को घरों में रहने और मास्क पहनने की सलाह दी गई है. राख से सांस की बीमारी और आंखों में जलन हो सकती है. सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, इसलिए वाहन धीरे चलाएं.

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साकुराजिमा जापान के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी में से एक है. यह नियमित रूप से छोटे-मोटे विस्फोट करता रहता है. लेकिन बड़े विस्फोट कम ही आते हैं. जापान सरकार ने इलाके में अलर्ट लेवल बढ़ा दिया है. स्थानीय लोग पहले से तैयार रहते हैं, क्योंकि यह ज्वालामुखी सालों से सक्रिय है.

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जापान में ज्वालामुखी क्यों ज्यादा?

जापान रिंग ऑफ फायर कहलाने वाले क्षेत्र में है. जहां भूकंप और ज्वालामुखी ज्यादा होते हैं. क्युषू द्वीप पर कई ज्वालामुखी हैं, लेकिन साकुराजिमा सबसे प्रसिद्ध है. यह कागोशिमा की खाड़ी में एक छोटे द्वीप पर है. पर्यटक इसे देखने आते हैं, लेकिन विस्फोट के समय दूर रहते हैं. 1914 में इसका बड़ा विस्फोट हुआ था, जिसमें पूरा द्वीप मुख्य भूमि से जुड़ गया.

क्या होगा आगे?

जेएमए लगातार निगरानी कर रही है. अगर विस्फोट बढ़े तो और उड़ानें रद्द हो सकती हैं. लेकिन फिलहाल कोई बड़ा खतरा नहीं बताया गया. यह 13 महीनों का सबसे ऊंचा विस्फोट है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी. जापान सरकार ने राहत सामग्री भेजी है. पर्यावरण विशेषज्ञ कहते हैं कि राख मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है, लेकिन छोटे स्तर पर ही.

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