भारत अब 400 किलोमीटर रेंज का स्वदेशी लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (LRSAM) बनाने जा रहा है. यह मिसाइल सिस्टम सतह से हवा में मार करने में सक्षम होगा. यह तीन लेयर का होगा. यानी तीन स्टेज वाला. यह दुश्मन के हवाई जहाज, फाइटर जेट, रॉकेट, हेलिकॉप्टर या मिसाइल को 400 किलोमीटर रेंज में मार गिराने में सक्षम होगा.
रक्षा मंत्रालय के पास तीन लेयर वाली लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बनाने का प्रस्ताव मिला है. जल्द ही इसका क्लियरेंस भी मिल जाएगा. 20 हजार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास खुद की हवाई सुरक्षा प्रणाली है. जैसे- रूस का S-400 सिस्टम.
India is indigenously developing a 3-layered long-range SaM defence system that would be able to strike down enemy aircraft and missiles at around 400Km ranges.
— Defence Decode® (@DefenceDecode) July 26, 2023
System is at an advanced stage in the MoD and is expected to be taken up for clearance soonhttps://t.co/FTdWzhechl pic.twitter.com/25kHhnbdgi
जिस मिसाइल को भारत बनाने जा रहा है, वह तीन लेयर्स का होगा. यानी अलग-अलग रेंज पर हमला करने में सक्षम होगा. अधिकतम रेंज 400 किलोमीटर होगी. इससे पहले भारत इजरायल के साथ मिलकर मीडियम रेंज का SAM मिसाइल बना चुका है. जिसकी रेंज 70 किलोमीटर है. यानी दुश्मन का फाइटर जेट हवा में इतनी दूर है तो उसे मार गिराने की क्षमता भारत के पास पहले से मौजूद है. अब इसे बढ़ाकर 400 किलोमीटर किया जाना है.

बताया जा रहा है कि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ठीक उसी तरह का होगा, जैसे रूस का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है. इस सिस्टम की तीन स्क्वॉड्रन भारत के पास हैं. जो चीन और पाकिस्तान सीमाओं पर तैनात किए गए हैं. दो और स्क्वॉड्रन भारत आएंगे लेकिन फिलहाल उनकी तारीख तय नहीं है.
भारत में DRDO ने जमीन से छोड़ी जाने वाली और युद्धपोत से छोड़ी जाने वाली हवाई सुरक्षा मिसाइलों को विकसित किया है. इसमें काफी आगे बढ़ चुका है. भारत की तीनों सेनाओं के पास इस समय मध्यम दूरी की सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें (MRSAM) मौजूद हैं. रूस से मिली S-400 मिसाइलें भी 400 किलोमीटर रेंज तक हवाई हमले को रोक सकती हैं. लेकिन अब भारत ऐसी ही मिसाइलें बनाएगा.
चीन के पास रूस के एस-400 की तरह ही उनका अपना एयर डिफेंस सिस्टम है, लेकिन वह रूस के S-400 एयकर डिफेंस सिस्टम से कम क्षमतावान हैं. भारत में बनने वाले एयर डिफेंस सिस्टम (LRSAM) प्रोजेक्ट का नेतृत्व भारतीय वायुसेना कर रही है. जो लगातार स्वदेशी रक्षा उपकरणों और प्रणालियों के विकास में लगी हुई है.