Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, आजकल मोटापा सिर्फ खान-पान या लाइफस्टाइल की वजह से संबंधित नहीं होता है, बल्कि घर की ऊर्जा से भी जुड़ा हो सकता है. घर की दिशा और ऊर्जा का असर हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. कई बार सब कुछ सही करने के बावजूद वजन नहीं घटता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर की बनावट और रंगों का सीधा असर शरीर के संतुलन पर पड़ता है. अगर घर में कुछ दिशाओं में वास्तु दोष है, तो वजन बढ़ने की समस्या भी बनी रह सकती है. तो चलिए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र का मोटापे पर क्या प्रभाव पड़ता है.
इस दिशा से संबंधित होता है मोटापा
यदि आप मोटापे की समस्या से परेशान हैं, तो अपने घर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से की जांच जरूर करें. वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह दिशा भूमि तत्व से जुड़ी होती है. हमारे घर की दीवारें भी पंच तत्वों के आधार पर बनी हुई मानी जाती हैं. अगर दक्षिण-पश्चिम दिशा अनुपात में छोटी या कमजोर है, तो वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है. ज्योतिष के अनुसार, अगर आपको मोटापे से जुड़ी जानकारी चाहिए तो आप अपनी जन्म कुंडली में बृहस्पति (गुरु) ग्रह की स्थिति भी देखें. अगर बृहस्पति वायु या जल तत्व वाली राशि में होकर लग्न से संबंध बना ले, तो भी मोटापे की समस्या बढ़ सकती है. इसी तरह, गुरु की महादशा में भी वजन बढ़ने की संभावना रहती है.
वास्तु शास्त्र की बात करें तो, घर का अगर दक्षिण-पश्चिम भाग छोटा है, तो वजन बढ़ता है. जबकि, यह हिस्सा बड़ा होने पर वजन कम या असंतुलित रह सकता है. वहीं जल तत्व से जुड़ी दिशाएं यानी उत्तर-पश्चिम से लेकर उत्तर-पूर्व तक बढ़ी हुई हों, तो भी वजन में अनियमितता या मोटापे की समस्या हो सकती है. अगर दक्षिण-पश्चिम दिशा में टॉयलेट, किचन, या हरा-नीला रंग है, तो यह गंभीर वास्तु दोष माना जाता है. इससे शरीर में वायु संबंधी विकार जैसे माइग्रेन, गैस, या एंजायटी की समस्या बढ़ सकती है. दरअसल, शरीर में वायु का असंतुलन वजन पर सीधा असर डालता है.
मोटापे की समस्या का समाधान
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आप इन समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो दक्षिण-पश्चिम दिशा को ठीक करें. इस दिशा में पीला, लाल या सफेद रंग शुभ माना जाता है. ध्यान रखें कि इस दिशा में मुख्य द्वार होना बेहद अशुभ होता है. अगर आपके घर का मेन गेट दक्षिण-पश्चिम में है, तो उसे जल्द से जल्द बदलना चाहिए.