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Mansa Devi Mandir: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर की क्या है मान्यता और महत्व? जानिए

Mansa Devi Mandir: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भगदड़ मच गई, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. जानते हैं कि मनसा देवी मंदिर की मान्यता क्या है और इस मंदिर का महत्व क्या है.

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हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ मच गई. (File Photo: Getty Image)
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ मच गई. (File Photo: Getty Image)

Mansa Devi Mandir: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भगदड़ मच गई, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. प्रशासन के अनुसार, मंदिर में अत्यधिक भीड़ जमा होने के कारण हादसा हुआ. प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया. जानते हैं कि मनसा देवी मंदिर की मान्यता क्या है और इस मंदिर का महत्व क्या है... 

मनसा देवी मंदिर का महत्व

हरिद्वार में स्थित मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है. यह मंदिर हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रृंखला के बिल्वा पर्वत पर स्थित है और हरिद्वार शहर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है. यह मंदिर हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. 

मनसा देवी मंदिर का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है. यह मंदिर भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करने वाली देवी के रूप में प्रसिद्ध है. इसका नाम 'मनसा' शब्द से आया है, जिसका अर्थ है 'मन की इच्छा'. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस मंदिर में आकर माता के दर्शन करता है और अपनी इच्छा व्यक्त करता है, माता मनसा देवी उसकी मनोकामना पूरी करती हैं.

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माता मनसा की होती है पूजा

हरिद्वार में स्थित मनसा देवी मंदिर में माता मनसा देवी की पूजा की जाती है, जो मां दुर्गा का एक रूप मानी जाती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मनसा देवी भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री हैं, जिनका प्रादुर्भाव शिव के मन (मस्तक) से हुआ, इसलिए इन्हें 'मनसा' कहा जाता है.

यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे मन से अपनी मुराद मांगता है, उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है. इस मंदिर का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है, और यह भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है.

मनसा देवी मंदिर का शक्तिपीठ के रूप में महत्व

मनसा देवी मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वह स्थान है जहां समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ बूंदें गिरी थीं. इसके अलावा, कुछ मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर उस स्थान पर बना है जहां माता सती का मस्तिष्क गिरा था, जिसके कारण इसे शक्तिपीठ का दर्जा प्राप्त है.

इस मंदिर की सबसे खास परंपरा है- पेड़ पर धागा बांधना. भक्त अपनी इच्छा पूरी करने के लिए मंदिर परिसर में मौजूद एक पवित्र वृक्ष पर धागा (मौली) बांधते हैं और प्रार्थना करते हैं. जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वे दोबारा मंदिर आकर उस धागे को खोलते हैं और माता का आभार प्रकट करते हैं. यह परंपरा माता के प्रति भक्तों की गहरी आस्था को दर्शाती है.

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