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Gupt Navratri 2022: गुप्‍त नवरात्र‍ि हो चुके हैं शुरू, इस दिन तक भूल से भी ना करें ये काम

Gupt Navratri 2022: माघ मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि यानि 2 फरवरी से गुप्त नवरात्रि शुरू हो चुके हैं. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्‍वरूप मां शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा होगी है.  साथ ही गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या देवियों तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्‍वरी, छिन्‍नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी की भी गुप्त तरीके से पूजा-उपासना का विधान है. नवरात्र‍ि की तरह ही गुप्‍त नवरात्र‍ि में भी कुछ कार्यों के करने की मनाही है.

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मां दुर्गा
मां दुर्गा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुप्‍त नवरात्र‍ि के दिनों में देर तक सोने की मनाही
  • बच्चों का मुंडन संस्कार भी इस दौरान है वर्जित

Gupt Navratri 2022: गुप्‍त नवरात्र‍ि आज यानी 2 फरवरी से शुरू हो चुकी है, जिसका समापन 11 फरवरी 2022 दिन शुक्रवार को होगा. आज गुप्त नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की गई. इसके बाद 9 दिनों में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा होगी.  गुप्त नवरात्रि के दौरान कुछ कार्य वर्जित माने गए हैं, जिन्हें करने से बचना चाहिए. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि इन कार्यों को किया जाए तो मां दुर्गा रुष्ट हो जाती हैं और घर में सुख-समृद्धि का अभाव होता है. 

भूल से भी ना करें ये काम 
1- गुप्‍त नवरात्र‍ि के दिनों में देर तक सोने की मनाही है. 
2- गुप्‍त नवरात्र‍ि  में पूरे नौ दिनों तक पति-पत्नी को ब्रह्माचर्य के नियमों का पालन करना अनिवार्य बताया गया है.
3- गुप्त नवरात्रि के दौरान बैंगनी, नीले या गहरे रंग के कपड़े भूल से भी नहीं पहनें. 
4- घर पर भोजन में लहसुन और प्याज का प्रयोग भूल से भी ना करें.
5- इन दिनों मांस-मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
6- इन दिनों में बेड या पलंग की जगह कुश की चटाई पर सोएं. 
7- तामसिक यानि अत्यधिक तेल व मसालेदार भोजन करने से बचें.
8- इस दौरान बाल नहीं कटवाने चाहिए, बच्चों का मुंडन संस्कार भी इस दौरान वर्जित है.
9- इस पर्व के दौरान किसी भी महिला का भूल से भी अपमान नहीं करें.
10- गुप्त नवरात्रि में चमड़े की चीजों से दूर रहना चाहिए.

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इन मंत्रों का करें जाप 
पौराणिक काल से ही लोगों की आस्था गुप्त नवरात्रि में रही है. गुप्त नवरात्रि में शक्ति की उपासना की जाती है ताकि जीवन तनाव मुक्त रहे. माना जाता है कि इस दौरान माँ शक्ति के खास मंत्रों के जाप से किसी भी समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है या किसी सिद्धि को हासिल किया जा सकता है. सिद्धि के लिए ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै, ॐ क्लीं सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन्य धान्य सुतान्यवितं, मनुष्यो मत प्रसादेंन भविष्यति न संचयः क्लीं ॐ, ॐ श्रीं ह्रीं हसौ: हूं फट नीलसरस्वत्ये स्वाहा आदि विशेष मंत्रों का जप किया जा सकता है.

 

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