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हाथरस में भगदड़ की आहट जिसे अनसुना किया गया... कहां हुई चूक? देखें वारदात

हाथरस में भगदड़ की आहट जिसे अनसुना किया गया... कहां हुई चूक? देखें वारदात

हाथरस हादसे के बाद बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल जाटव तो रहस्यमयी तरीके से अंतर्ध्यान हो गया, लेकिन अब सवाल यही है कि क्या इस हादसे को रोका जा सकता था? अगर शासन-प्रशासन ने वक़्त रहते सत्संग के इंतज़ामों का मुआयना किया होता, तो क्या भीड़ को कंट्रोल किया जा सकता था? क्या भगदड़ और भगदड़ में हुई सौ से ज्यादा मौतों को टाला जा सकता था?

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