इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भारत में क्रिकेट का सबसे बड़ा उत्सव बन चुका है. 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली आईपीएल खिताबी जीत ने पूरे देश को रोमांचित कर दिया. दरअसल इस जीत ने विराट कोहली की अगुवाई में RCB को 18 साल के लंबे इंतजार के बाद ट्रॉफी दिलाई है. पूरा देश कई दिनों से विराट कोहली की जीत के लिए प्रार्थनाएं कर रहा था. हालांकि पंजाब किंग्स एलेवन की मालकिन पूर्व बॉलीवुड स्टार प्रिटी जिंटा को सपोर्ट करने वालों की कमी नहीं थी. आरसीबी की जीत पर पूरे देश से जश्न की खबरें आईं पर विशेष रूप से कर्नाटक में तो सेलिब्रेशन इस तरह हुआ जैसे कि भारत ने वर्ल्ड कप जीत लिया हो. कांग्रेस नेताओं, विशेष रूप से कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की खुशी ने तो सबका ध्यान आकृष्ट किया है. कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस नेताओं की कोशिश यह रही कि आरसीबी की जीत को कांग्रेस की जीत बना दिया जाए. भारतीय जनता पार्टी के नेता और समर्थक भी कोहली के साथ थे पर अपेक्षाकृत वे शांत नजर आए.
RCB की जीत और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार ने 2 जून 2025 को RCB के आईपीएल 2025 फाइनल में पहुंचने पर उत्साह व्यक्त किया था. उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं कि बेंगलुरु की टीम आईपीएल 2025 के फाइनल में खेल रही है. बेंगलुरु के लड़के, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, जीतेंगे. लंबे समय बाद वे फाइनल में पहुंचे हैं. जीत के बाद, उन्होंने X पर लिखा, RCB को इस अविस्मरणीय, ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई. 18 साल के जुनून, निष्ठा, और कभी हार न मानने की भावना - और आज रात, यह सब एक साथ आया! यह हर कन्नड़िगा का सपना सच होने जैसा है.
शिवकुमार ने RCB की जीत को हर कन्नड़िगा का सपना बताकर इसे कर्नाटक की सांस्कृतिक और क्षेत्रीय पहचान से जोड़ा. यह कांग्रेस की रणनीति थी, जो 2023 में कर्नाटक विधानसभा जीत के बाद क्षेत्रीय गौरव को भुनाने की कोशिश कर रही थी.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने X पर RCB को बधाई देते हुए लिखा, पहले सीज़न से लेकर अब तक, हमने हर उतार-चढ़ाव में RCB का साथ दिया है. यह वह साल हो जब हम आखिरकार ट्रॉफी जीतें. कहते हैं कि अच्छी चीजें उनके पास आती हैं जो इंतज़ार करते हैं. सिद्धारमैया का यह बयान RCB के प्रशंसकों के साथ लंबे समय की वफादारी को दर्शाता है और जीत को कर्नाटक के लोगों की सामूहिक जीत के रूप में पेश करता है. यह कांग्रेस की सत्तारूढ़ स्थिति को मजबूत करने का प्रयास था.
कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल (@INCIndia) ने 4 जून को पोस्ट किया 'Ee Sala Cup Namde! Congratulations RCB!'
कांग्रेस नेता और पार्टी की सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत भी आरसीबी की जीत पर जैसे खुशी से उछल रही हैं. उन्होंने लगातार तीन ट्वीट किए हैं.
कांग्रेस नेताओं की तुलना में बीजेपी के नेताओं की प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत सामान्य रही. कर्नाटक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और शिकारीपुरा से विधायक विजयेंद्र येदियुरप्पा ने RCB को फाइनल से पहले समर्थन दिया. उन्होंने X पर लिखा, 18 साल से टूर्नामेंट चल रहा है, और इस दौरान दो चीजें स्थिर रहीं वो विराट कोहली की शानदार उपस्थिति और RCB प्रशंसकों का अटूट जुनून.
इसके अलावा RCB की जीत के बाद बीजेपी नेताओं की ओर से कोई प्रमुख बयान या उत्सवपूर्ण ट्वीट्स सामने नहीं आए. यह अपेक्षाकृत चुप्पी थी, जिसे कुछ लोगों ने राजनीतिक निष्क्रियता के रूप में देखा. हालांकि, बीजेपी के कुछ स्थानीय नेताओं ने व्यक्तिगत स्तर पर RCB को बधाई दी हो सकती है, लेकिन यह व्यापक या केंद्रीकृत नहीं था.
विराट कोहली और बीजेपी समर्थक
विराट कोहली के समर्थन के लिए बीजेपी समर्थक कई हैंडल लगातार सोशल मीडिया पर डटे रहते हैं. हालांकि कुछ दिनों पहले तक बहुत से लोग उनके राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न जाने को लेकर नाराज रहते थे. इसके साथ ही पाकिस्तान के खिलाड़ियों से नजदीकी दिखाने को लेकर भी सोशल मीडिया पर विराट के लिए दीवानगी कम हो गई थी. कोढ़ में खाज तब हो गया जब से कोहली देश छोड़कर ब्रिटेन में समय बिताने लगे. ऐसी भी अफवाहें उड़ीं कि वे जल्द ही भारत छोड़कर ब्रिटिश नागरिक बन जाएंगे. इसके बावजूद कोहली की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई.
2023 विश्व कप फाइनल के बाद ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली और पीएम मोदी के बीच सौहार्दपूर्ण बातचीत ने बीजेपी समर्थकों के बीच कोहली की इमेज मजबूत हुई. कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स का कहना था श्रेयस अय्यर ने पीएम के साथ एटिट्यूड दिखाया था. यही कारण रहा कि बहुत से बीजेपी समर्थकों ने सोशल मीडिया पर अय्यर की हार और कोहली की जीत के लिए प्रार्थनाएं कीं. 2024 में टी-20 विश्व कप जीत के बाद पीएम मोदी ने रोहित शर्मा और विराट कोहली को फोन करके बधाई दी थी. पीएम ने दोनों के साथ बातचीत का ऑडियो अलग अलग ट्वीट भी किया. ये सब कारण ऐसे रहे जिसके चलते पूरे देश के बीजेपी समर्थकों का प्यार कोहली को मिला. विराट का लगातार मंदिरों में जाना विशेषकर महाकालेश्वर और वृंदावन की यात्राओं के चलते तमाम हिंदू समर्थक हैंडल्स ने कोहली के पक्ष में हवा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.