तेज प्रताप यादव कभी तेजस्वी यादव को अर्जुन और अपने को कृष्ण बताया करते थे. और, ये सब उनको पार्टी और परिवार से निकाल दिये जाने के बाद भी जब तब सुनने को मिलता रहता है. घर में नये मेहमान के आने तक भी तेज प्रताप का नरम रुख ही देखने को मिला था, लेकिन अब वो बात नहीं रही.
तेजस्वी यादव के तेवर तो तभी देखे गये थे, लेकिन तेज प्रताप कुछ जयचंदों का नाम लेकर मामला डायवर्ट करने की कोशिश करते देखे गये. जैसे जैसे बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, एक बार फिर दोनों भाइयों के तेवर थोड़े बदले बदले नजर आ रहे हैं.
तेज प्रताप के खिलाफ एक्शन के बाद तेजस्वी यादव ने बड़ा ही गंभीर होकर आलाकमान के फैसले को सही ठहराया था, और किसी की निजी जिंदगी के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. तेज प्रताप का जिक्र आने पर तेजस्वी यादव प्रतिक्रिया तो सवाल के हिसाब से ही दे रहे हैं, लेकिन तेवर थोड़ा नरम नजर आ रहा है - लेकिन, ध्यान देने वाली बात ये है कि तेज प्रताप यादव के तेवर अब काफी बदले हुए लग रहे हैं.
आरजेडी विधायक और पंचायत सचिव का ऑडियो वायरल होने के बाद तेज प्रताप यादव ने पूछा है, मुझे तो परिवार और पार्टी के लोगों ने जयचंद कहकर पार्टी से बाहर निकाल दिया, लेकिन भाई वीरेंद्र के खिलाफ अब तक कोई एक्शन क्यों नहीं?
क्या RJD अपने विधायक भाई वीरेंद्र पर भी कार्रवाई करेगी, जिन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर के आदर्शों के उल्ट SC-ST समाज के खिलाफ शर्मनाक टिप्पणी की, जान से मारने की धमकी दी।
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) July 28, 2025
मुझे तो जयचंदों की साज़िश के तहत पार्टी से बाहर कर दिया गया...
अब देखना है कि बवाल करने वालों पर भी पार्टी… pic.twitter.com/BgwtS5AUTJ
तेज प्रताप के बदले तेवर
तेज प्रताप ने हाल ही में घोषणा की थी कि वो बिहार की महुआ विधानसभा सीट से निर्दल चुनाव लड़ेंगे. असल में, महुआ सीट से ही तेज प्रताप पहली बार विधायक बने थे. फिलहाल वो हसनपुर से विधायक हैं. महुआ से अभी आरजेडी के मुकेश कुमार विधायक हैं। उन्होंने 2020 के चुनाव में जेडीयू की आश्मा परवीन को
तेज प्रताप यादव का कहना है, महुआ से चुनाव लड़ेंगे ये हम पहले ही बोल चुके हैं... जो विरोधी हैं, उनको खुजली चालू हो गई है... ऐसे लोग गाल खुजलाते रहेंगे.
जब तेज प्रताप से महुआ से आरजेडी के उम्मीदवार उतारे जाने को लेकर पूछा जाता है, तो कहते हैं, अगर राजद ने वहां से कोई उम्मीदवार उतारा, तो जनता उसे हराकर भेजेगी. और, जब तेजस्वी यादव के दो सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा को लेकर पूछा जाता है, तो वो तैश में आ जाते हैं. पहली बार ऐसा लगता है, जैसे तेज प्रताप भाई, परिवार और उस पार्टी पर भी गुस्सा हो जाते हैं, जहां से उनको बेदखल किया गया है.
तेजस्वी यादव अभी राघोपुर से विधायक हैं, और उनके राघोपुर के साथ साथ महुआ से भी चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है. ये सुनते ही तेज प्रताप कहते हैं, अगर तेजस्वी महुआ से लड़ेंगे, तो हम भी राघोपुर से लड़ जाएंगे.'
मतलब, अब भाई के खिलाफ भी चुनाव लड़ने तेज प्रताप यादव को परहेज नहीं रहा. तेज प्रताप का दावा है कि तेजस्वी यादव को राजनीति में लाने वाले भी वही हैं. कहते हैं, तेजस्वी को राजनीति में हम ही लाए... जब मैं राजनीति में आ गया था, तो वो दिल्ली डेयर डेविल से आईपीएल मैच खेल रहे थे... हमारी पहली राजनीतिक सभा अरवल में हुई थी.
जब इतनी बातें होती हैं, तो ये भी उनको आरजेडी से निकाले जाने में तेजस्वी की भूमिका भी पूछ ली जाती है. तेज प्रताप यादव कहते हैं, "राजनीति में ये सब सच्चाई है, लेकिन हम परवाह नहीं करते... कोई और होता तो फांसी लगा लेता."
तेजस्वी यादव की तेज पर तंज और तारीफ
तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद ऐसा पहली बार देखा गया है जब तेजस्वी यादव ने भाई के बारे में थोड़ा ठहर कर बात की हो. अव्वल तो वो तेज प्रताप की राजनीतिक हैसियत को खारिज ही करते हैं, लेकिन तेवर काफी नरम लगते हैं.
एक इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप की तारीफ में तेजस्वी यादव कहते हैं, वो ऑलराउंडर हैं... रील बनाते हैं... पायलट हैं... संत हैं... बांसुरी भी अच्छा बजाते हैं... MLA भी हैं... बड़े भाई हैं, और पूरे परिवार के लिए प्रोटेक्टिव हैं... वो सब कर सकते हैं.
लेकिन तेज प्रताप की नई पार्टी बनाने की चर्चा पर तेजस्वी गंभीर हो जाते हैं, कितनी पार्टी बनती रहती है... इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
लालू यादव के परिवार में दोनों भाइयों के बदले तेवर कुछ इशारे तो करते ही हैं - सवाल अब भी वही है कि क्या चुनाव तक सब रफा दफा हो पाएगा?