scorecardresearch
 

बांग्लादेश में भड़की आग से भारत को 5 मोर्चों पर तत्‍काल खतरा, क्‍या कदम उठाएगी मोदी सरकार?

बांग्लादेश लगातार ऐसी हरकतें कर रहा है जो किसी भी पड़ोसी देश के बर्दाश्त के बाहर है. एक कट्टरपंथी छात्र नेता की हत्‍या के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा का क्रम जारी है. कल रात ईशनिंदा का आरोप लगाकर एक हिंदू युवक की लिंचिंग हुई. भारतीय दूतावास पर भी हमले की कोशिश हुई. दोनों देशों के बीच कारोबार पहले ही ठंडा पड़ा है.

Advertisement
X
 बांग्लादेश में छात्रनेता उस्मान हादी की मौत के बाद हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं (Image: AP)
बांग्लादेश में छात्रनेता उस्मान हादी की मौत के बाद हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं (Image: AP)

बांग्लादेश में हालात बेकाबू हो गए हैं. गुरुवार रात से बांग्लादेश की राजधानी ढाका में प्रदर्शन हो रहे हैं. ग्रेटर बांग्लादेश का सपना देखने वाले रेडिकल इस्लामिक नेता शरीफ उस्मानी हादी की मौत से नाराज लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन करने वालों में नई बनी छात्रों की पार्टी इंकलाबी मोर्चा, नेशनल सिटीजन पार्टी और जमात-ए-इस्लामी के लोग शामिल हैं. कुछ दिनों पहले हादी ने ग्रेटर बांग्लादेश का नया नक्शा खींचा था, जिसमें भारत के नार्थ-ईस्ट, बंगाल और बिहार पर कब्जे की बात कही गई थी. 

12 दिसंबर को हादी को दो लोगों ने शाहबाग इलाके में गोली मार दी थी. 17 को उसकी सिंगापुर में मौत हो गई. हादी की हत्या में भारतीय एजेंसियों के शामिल होने के आरोप लगाए जा रहे हैं. गुरुवार को एक हिंदू युवक को लिंच कर दिया गया. इस वारदात के समय आक्रामक भीड़ का गुस्सा वायरल विडियो में देखा जा सकता है. युवक को पहले फांसी दी गई पर नफरती भीड़ का मन इससे भी नहीं भरा. लाश को खंभे पर बांधकर आग लगाई गई. 

कहा जा रहा है कि इन घटनाओं के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है. रंगपुर, सिलहट, खुलना, बारिसाल और चिटगांव में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी लगातार हमले का शिकार हो रही है. अब बात बांग्लादेशी हाईकमिश्नर को बुलाकर कड़ा प्रतिरोध दर्ज करवाने और वीजा काउंसलेट बंद करने से आगे पहुंच चुकी है. 

Advertisement

1. हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले तेज

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों (लगभग 8-10% आबादी) पर हमले शेख हसीना के पतन के बाद तेज हो गए हैं, जो भारत के लिए विस्फोटक स्थिति का प्रमुख कारण है. हसीना के शासन में हिंदू अपेक्षाकृत सुरक्षित थे, लेकिन अंतरिम सरकार में जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संगठनों का प्रभाव बढ़ा. संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार मई 2025 तक 2,446 हमले दर्ज किए गए, जिसमें मंदिर, घर और व्यवसाय लूटने के मामले शामिल हैं.

ढाका, चटगांव, खुलना में हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा. यह भारत के लिए विस्फोटक है क्योंकि हिंदू बांग्लादेश की सांस्कृतिक विरासत से जुड़े हैं. 1971 में भारत ने मुक्ति युद्ध में मदद की, लेकिन अब हमले भारत की भावनाओं को आहत कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल, असम में पलायन से सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है. यूनुस सरकार ने हमलों को प्रचार बताया, लेकिन UN रिपोर्ट ने पुष्टि की है.

भारत ने हिंदुओं पर हमले का विरोध किया, लेकिन बांग्लादेश ने आंतरिक मामला कहा. यदि हमले जारी रहे, तो भारत में हिंदू संगठनों का दबाव बढ़ेगा और द्विपक्षीय संबंध बिगड़ेंगे. बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव ने भारत की कूटनीति को विस्फोटक चुनौती दी है.

2. घुसपैठ और आतंकवाद का खतरा

बांग्लादेश की अशांति से घुसपैठ और आतंकवाद का खतरा बढ़ा है, जो भारत के लिए विस्फोटक है. 2025 में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 1,104 घुसपैठ प्रयास और 2,556 गिरफ्तारियां हुईं. अस्थिरता से JMB जैसे ग्रुप सक्रिय हुए, ISI समर्थन से. उत्तर-पूर्व में विद्रोही ग्रुप्स को आधार मिल सकता है. सीमा पर तस्करी और आतंक बढ़ा है. भारत ने BSF मजबूत की, लेकिन घुसपैठ से सुरक्षा खतरा. 

Advertisement

3. चीन-पाकिस्तान की रणनीतिक घेराबंदी की आहट

बांग्लादेश में चीन-पाकिस्तान का प्रभाव बढ़ना भारत की रणनीतिक घेराबंदी है. 2025 में त्रिपक्षीय मीटिंग हुई, CPEC को बंगाल की खाड़ी तक विस्तार की योजना.चीन ने मोंगला पोर्ट ($370 मिलियन) और एयरबेस विकसित किए. पाकिस्तान ने सैन्य सहयोग बढ़ाया. यह सिलीगुड़ी कॉरिडोर को खतरे में डालता है. भारत की घेराबंदी पूरी हो रही है. यह विस्फोटक है क्योंकि क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ रहा है. 

4. कारोबार खत्म होने की कगार पर

बांग्लादेश अशांति ने भारत-बांग्लादेश व्यापार को प्रभावित किया है, जो विस्फोटक स्थिति का आर्थिक आयाम है. 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार $14 बिलियन था, लेकिन 2025 में गिरावट आई है. भारत ने लैंड पोर्ट्स पर प्रतिबंध लगाए, जिससे बांग्लादेश के निर्यात ($770 मिलियन) प्रभावित हुए. बांग्लादेश ने भारतीय यार्न आयात पर बंदिशें लगाईं. अस्थिरता से निर्यात बाधित, निवेश रुके. भारत ने विकास सहायता रोकी. चीन ने मौके का फायदा उठाया. यह विस्फोटक है क्योंकि व्यापार भारत की अर्थव्यवस्था और उत्तर-पूर्व कनेक्टिविटी से जुड़ा है.

5. द्विपक्षीय संबंध और डिप्‍लोमैट पर खतरा

बांग्‍लादेश में गुरुवार को जिस तरह ढाका और चटगांव के भारतीय हाईकमीशन पर हमले की कोशिश हुई, उसने निश्चित ही भारत सरकार के कान खड़े कर दिए होंगे. बांग्‍लादेश में कट्टरपंथी नेता उस्‍मान हादी की हत्‍या को लेकर जिस तरह भारतीय एजेंसियों पर आरोप मढ़ा जा रहा है, वो कुछ कुछ कनाडा में उपजे हालात की याद दिलाता है. वहां भी एक सिख आतंकी निज्‍जर की हत्‍या के बाद भारतीय एजेंसियों पर आरोप लगाया गया. नतीजे  में भारत को वहां अपना दूतावास लगभग बंद करना पड़ा था. 

Advertisement

हसीना के पतन के बाद यूनुस सरकार ने पाकिस्तान से संबंध बहाल किए और चीन से निवेश लिया, जिससे भारत का प्रभाव कम हुआ. संसदीय रिपोर्ट ने इसे 1971 के बाद की सबसे बड़ी चुनौती बताया. यूनुस ने हसीना की प्रत्यर्पण की मांग की, लेकिन भारत ने मानवीय आधार पर शरण दी. बांग्लादेश ने भारतीय राजदूत तलब किए और हस्तक्षेप का आरोप लगाया. अप्रैल 2025 में यूनुस-मोदी की मुलाकात तो हुई, लेकिन तनाव भी बरकरार रहा.

भारत ने शांति के लिए कूटनीतिक प्रयास किए, साथ ही अल्पसंख्यकों पर हमले और एंटी-इंडिया नैरेटिव पर चिंता भी जताई. यह विस्फोटक है क्योंकि बांग्लादेश भारत की पूर्वी सुरक्षा का हिस्सा है. यदि संबंध बिगड़े, तो क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित होगी. समिति ने सभी पक्षों से संपर्क और सांस्कृतिक कूटनीति की सिफारिश की है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement