महाराष्ट्र के पुणे में हुए बहुचर्चित हिट एंड रन केस मामले में मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाले युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोष्टा की दर्दनाक मौत हुई है. अश्विनी के शव को सोमवार की शाम सड़क रास्ते पुणे से जबलपुर लाया गया. अश्विनी की मौत से उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
हादसे को अंजाम देने वाले बिल्डर के नाबालिग बेटे को जमानत दिए जाने का अश्विनी के परिवार ने विरोध किया साथ ही उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. मृतका अश्विनी कोष्टा के परिजनों का कहना है कि वो हर स्तर की लड़ाई लड़ने को लिए तैयार हैं.
अश्वनी कोष्टा का शव जबलपुर पहुंचा
मृतका अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कुमार कोष्टा बिजली विभाग में कार्यालय सहायक के पद पर पदस्थ हैं. इनका बड़ा बेटा सम्प्रित बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. अश्विनी पिछले 2 सालों से पुणे में रहकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रही थी. अश्विनी इसके पहले अमेजॉन कंपनी में थी एक साल पहले ही उसने जॉनसन कंट्रोल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्वाइन किया था.
बिल्डर के नाबालिग बेटे ने मारी थी टक्कर
बता दें, यह हादसा 18 मई की रात पुणे में हुआ था. 17 साल का नाबालिग अपने दोस्तों के साथ 12वीं पास करने की खुशी में पब से पार्टी करके वापस आ रहा था. रात करीब सवा दो बजे कार ने बाइक सवार अश्विनी और अनीश अवधिया को टक्कर मारी थी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार की टक्कर से बाइक सवार अश्विनी हवा में कई फीट उछलकर जमीन पर गिरी थी और अनीश पास खड़ी दूसरी कार में जा टकराया था. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि घटना के वक्त कार की स्पीड 200 किमी प्रति घंटे थी.
घटना के बाद आरोपी को मिली जमानत
2 करोड़ की कार को पुणे के बड़े बिल्डर का नाबालिग वेदांत अग्रवाल चला रहा था. घटना के कुछ ही घंटे के अंदर उसे जमानत दे दी गई थी. जिसके बाद मृतक के परिजनों में गुस्से का माहौल है, अश्विनी कोष्टा के परिजनों ने का कहना है कि वो अश्वनी को इंसाफ दिलाने के लिए हर स्तर पर लड़ेगे.