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MP: फर्जीवाड़ा, गिरफ्तारी और अब ब्राह्मणों पर विवादित बयान, IAS संतोष वर्मा के पुराने रिकॉर्ड पर उठे सवाल

मध्य प्रदेश में अजाक्स के नवनियुक्त आईएएस संतोष वर्मा के बयान के बाद विवाद बढ़ गया है. वर्मा पहले भी फर्जी दस्तावेज लगाने के आरोप में जेल जा चुके हैं. 2021 में प्रमोशन के समय उन्होंने दो जाली दस्तावेज कोर्ट में लगाए थे. मामला अभी कोर्ट में लंबित है. जैसे ही वर्मा ने भोपाल में बयान दिया, उनके पुराने केस फिर चर्चा में आ गए.

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IAS अधिकारी संतोष वर्मा (Photo: ITG/@RavishPal Singh)
IAS अधिकारी संतोष वर्मा (Photo: ITG/@RavishPal Singh)

मध्य प्रदेश में अजाक्स के नवनियुक्त आईएएस अफसर संतोष वर्मा अपने ताजा बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं. उनका नाम पहले भी कई गंभीर मामलों में सामने आ चुका है और अब नया विवाद उनके पुराने मामलों को एक बार फिर सुर्खियों में ले आया है.

संतोष वर्मा 2021 में राज्य सेवा से प्रमोशन पाकर आईएएस बने थे. लेकिन प्रमोशन के समय उन्होंने इंदौर कोर्ट में दो फर्जी दस्तावेज लगाए थे. एक दस्तावेज में उन्होंने लिखा था कि उन्हें केस में बरी कर दिया गया है, जबकि दूसरे में यह उल्लेख किया था कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है. जिन न्यायाधीश के नाम का उपयोग कर वर्मा ने यह दस्तावेज लगाए थे, उसी न्यायाधीश ने इन जालसाजी की शिकायत एमजी रोड थाने में दर्ज कराई थी.

फिर विवादों में आए IAS संतोष वर्मा

पुलिस ने 2021 में वर्मा को इस मामले में गिरफ्तार भी किया था. यह मुकदमा एमजी रोड थाने में दर्ज है और इसकी जांच एसीपी द्वारा की गई. अब मामले में चालान कोर्ट में पेश किया जा चुका है और सुनवाई जारी है.वर्मा के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है. 2016 में भी इंदौर के लसूड़िया थाने में एक महिला ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था. वह केस भी लंबे समय तक चर्चा में रहा था.

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प्रमोशन के लिए किया था फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल

अब जब संतोष वर्मा ने भोपाल में बयान दिया, तो उनके पुराने विवाद एक बार फिर चर्चा का विषय बन गए. फिलहाल नए बयान पर भी राजनीतिक और सामाजिक हलकों में प्रतिक्रिया आ रही है और वर्मा के पुराने रिकॉर्ड को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

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