ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियां करने के आरोप में IAS अफसर संतोष वर्मा के खिलाफ दर्ज शिकायत पर इंदौर की एक अदालत में सुनवाई हुई. जज ने पुलिस को निर्देश दिया कि 20 जनवरी तक इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट पेश करें.
वकील शैलेंद्र द्विवेदी ने जिला अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (अजाक्स) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष और IAS अफसर संतोष वर्मा पर ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया गया था.
शिकायत की सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने शहर के तुकोगंज थाना प्रभारी को 20 जनवरी तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.
द्विवेदी की शिकायत के अनुसार, पिछले महीने भोपाल में अजाक्स के एक कार्यक्रम के दौरान वर्मा ने ब्राह्मण समुदाय की बेटियों के बारे में 'अश्लील, फूहड़, अश्लील और निम्न स्तर की टिप्पणियां' कीं, जिससे सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंची और दो समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा हुआ.
शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत से पुलिस को प्रासंगिक कानूनी धाराओं में मुकदमा दर्ज करने और जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश देने की मांग की है.
द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने तुकोगंज थाने में वर्मा के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी, लेकिन एफआईआर दर्ज न होने के कारण उन्हें जिला अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा.
26 नवंबर को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने वर्मा को उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया था और पूछा था कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए.
विवाद के बाद वर्मा ने मीडिया को स्पष्ट किया कि उनके लंबे भाषण का एक छोटा सा हिस्सा चुनिंदा तरीके से प्रसारित किया गया और उनका किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था.
आईएएस अधिकारी ने यह भी कहा कि यदि कोई 'विकृत' बयान किसी समुदाय की भावनाओं को आहत करता है तो उन्हें इसका खेद है.