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धीरेंद्र शास्त्री ने बकरीद की बलि प्रथा को बताया निंदनीय, पलटवार में एसटी हसन बोले- योगी जैसा बनने की होड़

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान पर पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे लोग मुसलमानों को गालियां देकर ध्यान आकर्षित करते हैं और शायद बड़ा पद पाने की होड़ में हैं.

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बकरीद पर बलि प्रथा को लेकर धीरेंद्र शास्त्री और एसटी हसन के बीच छिड़ा विवाद.
बकरीद पर बलि प्रथा को लेकर धीरेंद्र शास्त्री और एसटी हसन के बीच छिड़ा विवाद.

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बकरीद पर जीव हिंसा को 'निंदनीय' बताते हुए बलि प्रथा का विरोध किया. उन्होंने कहा, ''हम किसी भी प्रकार की बलि प्रथा के पक्ष में नहीं हैं. हम बकरीद के भी पक्ष में नहीं हैं. किसी को जीवित करने का अधिकार नहीं, तो मारने का भी नहीं.'' शास्त्री ने स्वीकार किया कि सनातन धर्म में भी बलि प्रथा रही है, लेकिन समय के साथ अब अहिंसा को अपनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ''हम सभ्य और सुशिक्षित हैं, जीव हिंसा रोकनी चाहिए. अहिंसा परमो धर्म है.''

इस बयान पर मुरादाबाद में पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने तीखी प्रतिक्रिया दी. कहा, ''ऐसे लोग मुसलमानों को गालियां देकर ध्यान आकर्षित करते हैं और शायद बड़ा पद पाने की होड़ में हैं.'' 

हसन ने जोर देकर कहा- ''कुर्बानी केवल इस्लाम में नहीं, बल्कि हिंदू धर्म में भी बलि प्रथा मौजूद है. हम अपनी अच्छी चीज को अल्लाह को कुर्बान करते हैं. अल्लाह हमारा और इन जानवरों को पैदा करने वाला एवं पालनहार है.''

समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद ने धीरेंद्र शास्त्री के बयान को उकसाने वाला बताते हुए कहा, ''हम धार्मिक लोगों का सम्मान करते हैं, लेकिन जो दूसरे मजहब को दुष्ट कहें, उनका सम्मान नहीं करते. ऐसी बातें देश में नफरत और दरार पैदा करती हैं.''

हसन ने यह भी कहा कि हर कोई योगी आदित्यनाथ नहीं बन सकता और ऐसी बयानबाजी से पहले सोचना चाहिए.

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