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वेट लॉस सर्जरी से महिला की मौत! जानें क्या है बैरिएट्रिक ऑपरेशन और कितना है सुरक्षित?

तुर्की में हाल ही में बैरिएट्रिक सर्जरी के दौरान 30 साल की एक महिला की मौत हो गई. वजन कम करने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी को वैसे तो काफी फायदेमंद माना जाता है लेकिन इस सर्जरी के कुछ नुकसान भी होते हैं. आइए जानते हैं क्या है बैरिएट्रिक सर्जरी और क्या हैं इस सर्जरी से होने वाले नुकसान.

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वेट लॉस सर्जरी से महिला की मौत! (pc: Getty Images)
वेट लॉस सर्जरी से महिला की मौत! (pc: Getty Images)

Bariatric Surgery for weight loss: दुनिया भर में मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों की तादात लगातार बढ़ती जा रही है. मोटापे के लिए कई चीजें जिम्मेदार होती हैं. अनहेल्दी डाइट, कम फिजिकल एक्टिविटी या कई बार अनुवांशिक कारणों के चलते भी व्यक्ति मोटापे की समस्या से पीड़ित हो सकता है. आजकल सर्जरी के जरिए भी मोटापे की समस्या को कम किया जा सकता है. मोटापा कम करने के लिए जिस सर्जरी का सहारा लिया जाता है, उसे बैरिएट्रिक सर्जरी कहा जाता है.

वैसे तो वजन कम करने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी को काफी सेफ माना जाता है लेकिन जिस प्रकार किसी चीज के फायदे होने के साथ ही उसके नुकसान भी होते हैं, उसी तरह बैरिएट्रिक सर्जरी के भी कुछ नुकसान हो सकते हैं. 

तुर्की में एक महिला की कुछ समय पहले बैरिएट्रिक सर्जरी के कारण जान चली गई. 30 साल की यह महिला डबलिन, आयरलैंड से आई थी और  बैरिएट्रिक ऑपरेशन के दौरान उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. हालांकि महिला महिला की मौत का सटीक कारण जानने की अभी भई कोशिश जारी है. तो आइए जानते हैं क्या होती है बैरिएट्रिक सर्जरी और इस दौरान किन खतरों का सामना करना पड़ता है? 

क्या होती है बैरिएट्रिक सर्जरी? 

गैस्ट्रिक बाइपास के अलावा अन्य तरह की वेट लॉस सर्जरी को बैरिएट्रिक सर्जरी के रूप में जाना जाता है. इस सर्जरी के दौरान व्यक्ति के डाइजेस्टिव सिस्टम में कुछ बदलाव किए जाते हैं जिसकी मदद से वजन कम होता है. बैरिएट्रिक सर्जरी उस स्थिति में की जाती है जब आपका वजन, डाइट या एक्सरसाइज के जरिए कम नहीं हो पाता या मोटापे के कारण आपको किसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा हो.

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कुछ सर्जरी में व्यक्ति के खाने की लिमिट को कम कर दिया जाता है जबकि दूसरी तरह की सर्जरी में व्यक्ति के शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण की क्षमता को कम कर दिया जाता है. वहीं कुछ सर्जरी ऐसी भी हैं जिसमें ये दोनों ही चीजें की जाती हैं. वैसे तो बैरिएट्रिक सर्जरी कई तरह की होती हैं लेकिन सर्जन सामान्य तौर पर तीन का उपयोग करते हैं - रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास, वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी और लैप्रोस्कोपिक एडजेस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग. 

जिन लोगों का वजन काफी ज्यादा है उन्हें  बैरिएट्रिक सर्जरी के माध्यम से मदद मिलती है लेकिन कुछ मामलों में बैरिएट्रिक सर्जरी के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं. इस सर्जरी के बाद व्यक्ति को अपनी लाइफस्टाइल में कई तरह के बदलाव करने होते हैं ताकि लंबे समय तक आपको इस सर्जरी का फायदा मिल सके.

किन मामलों में की जाती है बैरिएट्रिक सर्जरी?

बैरिएट्रिक सर्जरी मोटापे से पीड़ित उन लोगों की मदद करने के लिए की जाती है जिन्हें इसकी वजह से कई तरह की गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. जैसे - 

1- हृदय संबंधित बीमारियां
2- स्ट्रोक
3- हाई ब्लड प्रेशर
4- नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लीवर की बीमारी
5- स्लीप एपनिया
6- टाइप 2 डायबिटीज

एक बात का खास ख्याल रखें कि मोटापे से पीड़ित किसी भी व्यक्ति की बैरिएट्रिक सर्जरी नहीं की जाती है, इस सर्जरी को करने के लिए आपको कुछ चिकित्सा मानदंडों (medical criteria) पर खरा उतरना होता है. आमतौर पर यह सर्जरी तब की जाती है जब व्यक्ति का डाइट या एक्सरसाइज के जरिए वजन कम नहीं हो पाता. 

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बैरिएट्रिक सर्जरी में हो सकते हैं ये जोखिम

जिस तरह हर फायदे वाली चीज के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं उसी तरह इस सर्जरी के भी कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं. हेल्थलाइन के मुताबिक, बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. बैरिएट्रिक सर्जरी के दौरान या बाद में जोखिम देखने मिल सकते हैं. जैसे,

-बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना
- इंफेक्शन
- एनेस्थीसिया का उल्टा असर
-ब्लड क्लॉट बनना
- फेफड़ों और सांस लेने में दिक्कत
- जठरांत्र प्रणाली (Gastrointestinal System) में रिसाव 
- कुछ मामलों में इससे मौत भी हो सकती है

बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद बहुत रेयर मामलों में लोगों में ये लक्षण भी दिख सकते हैं: 

- आंतों में दिक्कत
- स्टोन
- हर्निया
- ब्लड शुगर का लेवल कम होना
- कुपोषण
- अल्सर
- उल्टी होना
- एसिड रिफ्लक्स या एसिडिटी
- दोबारा से सर्जरी की जरूरत पड़ना
- रेयर मामलों में मौत

लेकिन डॉक्टर्स का मानना है कि इस सर्जरी में कोई भी साइड इफेक्ट के काफी कम चांसेज होते हैं. बस इंसान को स्वास्थ्य मापदंडों पर खरा उतरना होता है और सर्जरी के बाद अपनी लाइफस्टाइल को सुधारना होता है.

 

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