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निठारी कांड: अपनी पहली फांसी की तैयारी कर रहा है जल्लाद

निठारी हत्या कांड के दोषी सुरेंद्र कोली को फांसी देने का समय निकट आने के साथ ही मेरठ जेल के जल्लाद की खोज-पूछ बढ़ गई है. वह अपनी पहली फांसी की तैयारियों में लगा हुआ है.

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सुरेंद्र कोली (फाइल फोटो)
सुरेंद्र कोली (फाइल फोटो)

निठारी हत्या कांड के दोषी सुरेंद्र कोली को फांसी देने का समय निकट आने के साथ ही मेरठ जेल के जल्लाद की खोज-पूछ बढ़ गई है. वह अपनी पहली फांसी की तैयारियों में लगा हुआ है. 12 सितंबर को होने वाली इस फांसी से पहले जल्लाद पवन सिंह की एक झलक के लिए मीडियाकर्मी सुबह से शाम तक उसके घर के सामने डेरा डाले हुए हैं.

पवन ‘जल्लाद’ के लिए यह लोकप्रियता और शोहरत कोई नई बात नहीं है, क्योंकि वह एक ऐसे परिवार से आता है जिसने जल्लाद के रूप में कई मशहूर अपराधियों को फांसी दी है. पवन के दादा कल्लु ने अपहरण और बलात्कार मामले के दोषी कुख्यात अपराधियों ‘रंगा, बिल्ला’ को 1982 में और इंदिरा गांधी हत्याकांड के दोषियों केहर सिंह और सतवंत सिंह को 1986 में फांसी दी थी. कल्लु ने कुल 12 कुख्यात अपराधियों को फांसी दी थी.

पवन के पिता माम्मू सिंह भी मेरठ जेल के जल्लाद थे, लेकिन जेल अधिकारियों के अनुसार उन्होंने कभी किसी अपराधी को फांसी नहीं दी. माम्मू ने 26/11 के आतंकवादी अजमल कसाब और 2001 में संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के लिए रस्सी तैयार की थी, लेकिन दोनों को फांसी पर लटकाने से पहले ही बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई. अपने पिता के बाद पवन को आशा थी कि दोनों अपराधियों को फांसी देने का अवसर उसे मिलेगा, लेकिन दोनों अपराधियों को बेहद गोपनीय तरीके से फांसी दी गई.

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गौरतलब है कि निठारी हत्याकांड में निचली अदालत ने सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई जिसे बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट और फिर 15 फरवरी 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने भी उस पर मुहर लगा दी. गाजियाबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार गुप्ता ने बुधवार को वारंट जारी किया कि 42 वर्षीय सुरेंद्र कोली की मौत होने तक उसे फांसी पर लटकाया जाए. निठारी हत्याकांड का दोषी कोली सभी न्यायिक विकल्प खंगाल चुका है. कोली को चार अन्य मामलों में भी मौत की सजा सुनायी गई है जबकि हत्या के 11 मामले अभी चल रहे हैं.

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