क्या हमें भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार मिलना चाहिए?
क्या भारत में लोग एक दूसरे की भावनाओं को सबसे ज्यादा ठेस पहुंचाते हैं? या हम अचानक अधिक असहनशील और असुरक्षित हो गए हैं?
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आज तक ब्यूरो
- नई दिल्ली,
- 28 जनवरी 2013,
- (अपडेटेड 29 जनवरी 2013, 12:05 AM IST)