मेघालय में एक कोयले की खदान में पानी भरने से उसमें पिछले एक पखवाड़े से फंसे 15 लोगों को निकालने में मदद करने के लिए निजी पंप बनाने वाली कंपनी मौके पर पहुंच गई है. यह कंपनी खदान से पानी निकालने के लिए औजार मुहैया करा रही है.
एयरफोर्स और कोल इंडिया के बचावकर्मी ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में स्थित इस खदान तक शुक्रवार को पहुंच सकते हैं. पुलिस अधीक्षक सिल्विस्टर मोंगटींगर ने बताया कि किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड की दो टीम मदद के लिए गुरुवार को यहां पहुंची. श्रमिक 370 फुट अवैध खदान में फंसे हुए हैं. किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने बुधवार की देर रात एक बयान में कहा, ‘मेघालय में फंसे लोगों के लिए हम काफी चिंतित हैं और हर तरह से मदद को तैयार हैं. हम अपनी सहायता देने के लिए मेघालय सरकार के अधिकारियों के संपर्क में हैं.'
एयरफोर्स के प्रवक्ता रत्नाकर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएफ) ने एयरफोर्स से बचावकर्मियों को भुवनेश्वर से या तो गुवाहाटी तक या शिलांग हवाई अड्डे तक शुक्रवार को पहुंचाने का आग्रह किया है. कोल इंडिया लिमिटेड के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि जायजा लेने वाले अधिकारी घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं. तलाशी और बचाव का काम शनिवार को रोक दिया गया था क्योंकि खदान में पानी का स्तर कम होता नहीं दिख रहा था.
एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एस के सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को हाई पावर वाले पंप की मांग करते हुए पत्र लिखा है क्योंकि इस काम के लिए 25 हॉर्स पावर के पंप पर्याप्त साबित नहीं हो पा रहे थे. एनडीआरएफ ने गुरुवार को मीडिया की उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें यह कहा गया था कि खदान में फंसे मजदूरों की मौत हो जाने का संदेह है क्योंकि एनडीआरएफ के गोताखोर जब खदान में उतरे थे उन्होंने ‘दुर्गंध’ महसूस की थी.
इसी बीच सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस घटना के बारे में मुलाकात की है. हालांकि इस बैठक की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है.