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मोदी से मिलीं जयललिता, राज्यसभा में सरकार को समर्थन की संभावना से नहीं किया इंकार

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्यसभा में अल्पमत का सामना कर रहे सत्तारूढ़ एनडीए को अपनी पार्टी अन्नाद्रमुक की ओर से समर्थन देने की संभावना से इनकार नहीं किया.

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नरेंद्र मोदी और जयललिता
नरेंद्र मोदी और जयललिता

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्यसभा में अल्पमत का सामना कर रहे सत्तारूढ़ एनडीए को अपनी पार्टी अन्नाद्रमुक की ओर से समर्थन देने की संभावना से इनकार नहीं किया.

मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जयललिता ने मंगलवार को पहली बार उनसे उनके कार्यालय में भेंट की. प्रधानमंत्री से 50 मिनट की अपनी मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उनके सामने 65 पृष्ठ का ज्ञापन सौंपा, जिसमें तमिलनाडु को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने और मुल्लापेरियार बांध का जल स्तर 142 फुट तक बढ़ाने के उच्‍चतम न्यायालय के निर्णय के आलोक में उप-समिति गठित करने के काम में तेजी लाने की मांग शामिल है.

इस बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मोदी के साथ भेंट को बहुत उपयोगी बताया.यह पूछे जाने पर कि क्या अन्नाद्रमुक राजग में शामिल होगा, पार्टी प्रमुख ने कहा, ‘कोई प्रस्ताव नहीं है’.

एनडीए को बाहर से समर्थन देने के प्रश्न पर जयललिता ने कहा, 'एनडीए को अपने बूते बहुमत प्राप्त है. यही नहीं, बीजेपी को भी अपने बूते बहुमत प्राप्त है. उन्हें बाहर से किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है.' राज्यसभा में सरकार को समर्थन देने के संभावना से इंकार नहीं करते हुए उन्होंने कहा, 'हालात आने पर हम देखेंगे.' लोकसभा में बीजेपी को अपने बूते बहुमत प्राप्त है, लेकिन राज्यसभा में ऐसा नहीं है. महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिए उसे उच्च सदन में क्षेत्रीय दलों के समर्थन की आवश्यकता पड़ेगी.

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राज्यसभा में बीजेपी के 42 और अन्नाद्रमुक के 10 सदस्य हैं. 243 सदस्यीय उच्च सदन की वर्तमान संख्या 231 है. लोकसभा में भी भाजपा और कांग्रेस के बाद अन्नाद्रमुक 37 सीट के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन, केन्द्रीय उर्जा इकाइयों से बिजली के और अधिक आवंटन, चेन्नई मेट्रो रेल के विस्तार सहित राज्य की कई अन्य परियोजनाओं को केन्द्र की ओर से सहयोग करने की मांग की. प्रधानमंत्री के अलावा वह वित्त मंत्री अरूण जेटली से भी मिलीं और उनके सामने अपने राज्य की मांगों को रखा.

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