बढ़ते बैंक कर्ज, फसल की बर्बादी, कर्ज चुकाने के तरीकों की कमी जैसे कुछ मुद्दों को लेकर किसान आज दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में बड़ी तादाद में महिला किसान भी शामिल हैं.
सत्ता के गलियारों तक अपनी आवाज पहुंचाने की उम्मीद लेकर देश के कोने-कोने से आए हजारों किसानों ने अपनी मांगें मनवाने के लिए दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके प्रदर्शन को वामपंथी दलों का समर्थन प्राप्त है.
प्रदर्शनकारियों के बीच विरोध का झंडा बुलंद किए हुए महिला किसान भी नजर आईं जो खुद को पुरुष किसानों की तुलना में खराब स्थिति में देखती हैं.
उत्तर प्रदेश के रामपुर से 200 किलोमीटर का सफर तय कर राष्ट्रीय राजधानी आने वाली 45 वर्षीय रीता मेस्सी को उम्मीद है कि किसान रैली में उनकी आवाज सुनी जाएगी. वह गन्ना किसान के तौर पर 11 सदस्यों के परिवार को चलाने में मदद करती हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से फसल बर्बाद होने और कर्ज चुकाने में असमर्थतता के चलते संघर्ष कर रही हैं.
कर्नाटक के हासन जिले से आई किसान गीता रानी ने कहा कि दक्षिणी राज्य में लगातार दो साल तक फसल बर्बाद हुई. कर्नाटक राजा सागर (केआरएस) के बैनर तले करीब 140 महिलाएं यहां एकजुट हुईं.
रैली के लिए आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न कोने से रामलीला मैदान पहुंचे किसान शुक्रवार को संसद मार्ग की ओर मार्च करेंगे.